Monday, January 29, 2007

मॅरी गॉडविन और पहली प्रसिद्ध विज्ञान कहानी फ्रैंकेस्टाइन

इस चिट्ठी में, बच्चों को विज्ञान में रुचि पैदा करने के तरीकों के साथ,पहली प्रसिद्ध विज्ञान कहानी फ्रैंकेस्टाइन की लेखिका मेरी शैली और उन हालात की चर्चा है जिसमें यह कहानी लिखी गयी।
 

एक सवाल अक्सर उठता है कि विज्ञान में रुचि कैसे पैदा की जाय? अपने मुन्ने या मुन्नी को विज्ञान की तरफ, किस तरह से रुझान पैदा करें? मेरे विचार से इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप विज्ञान कहानियां पढ़ना शुरु करें और अपने मुन्ने और मुन्नी को भी पढ़ने के लिये दें पर सवाल यह है कि किस लेखक को पढ़ें?


मेरा बचपन जुले वर्न की पुस्तकें पढ़ते बीता। मैंने एच.जी. वेल्स को भी उसी समय पढ़ा। विश्विद्यालय में रहते, मैंने आइज़ेक ऐसीमोव, आर्थर सी. कलार्क, कार्ल सैगन, फ्रेड हौयल, होगन, उर्सुला शायद विज्ञान के सारे लेखकों को चाट डाला पर मेरे सबसे प्रिय लेखक हैं, आइज़ेक ऐसीमोव। 

हिन्दी में विज्ञान की कल्पित कहानियां, जयन्त विष्णु नार्लीकर ने लिखी हैं, जो कि बहुत अच्छी हैं पर यह अधिक नहीं हैं। इसके बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं। 

लेकिन आज हम न तो आइज़ेक ऍसिमोव के बारे में बात करेंगे न  जयंत विष्णु नार्लीकर के बारे में। आज बात होगी मेरी गॉडविन के द्वारा लिखी पहली और सबसे लोकप्रिय विज्ञान कहानी 'फ्रैंकेस्टाइन' की।


शैली अंग्रेजी के जाने माने कवि थे। वे मॅरी गौडविन के साथ प्रेम रचाने लगे। १८१४ में, शैली अपनी गर्भवती पत्नी को इंगलैंड में छोड़, मेरी के साथ यूरोप भाग गये। उनके साथ, मेरी की सतौली बहन क्लेर क्लेमॉन्ट भी थीं। वे तभी इंगलैंड वापस आये, जब दुर्घटना के कारण, शैली की पहली पत्नी हैरियट की मृत्यु हो गयी।

मेरी शैली

शैली और बाइरन न केवल जाने माने कवि थे पर अच्छे मित्र भी थे। १८१६ में,  शैली पुनः मेरी के साथ यूरोप गये। इस बार भी उनके साथ मेरी की सतौली बहन क्लेर थीं। क्लेर का प्रेम बाइरन के साथ था और वह उससे गर्भवती भी थी। इस बार वे बाइरन के साथ, स्विटज़रलैंड में जेनेवा झील के पास एक विला डाओदेटी (Villa Diodati) नामक फार्म हाउस में रहे।

फार्म हाउस में मनोरंजन के लिये वे लोग अकसर भूतों की कहानियों की चर्चा करते थे।  इससे बाइरन को प्रेणना मिली उसने यह सुझाव दिया कि क्यों नहीं वे सब कोई डरावनी कहानी लिखें और देखें कि कौन सबसे डरावनी कहानी लिख सकता है। 


उस समय बिजली के बारे में नयी नयी बातें पता चल रहीं थी। गैलवानी और वोल्टा ने इस पर नये नये प्रयोग किये थे। बस एक बार स्वप्न में मेरी ने  'फ्रैंकेस्टाइन' की कल्पना की और इसे लिखना शुरू किया। लेकिन इसे पूरा वापस इंगलैंड में आकर १८१८ में किया।

फ्रैकेस्टाइन एक डाक्टर कहानी है जो कि बिजली का उपयोग करके एक दानव को बनाता है और उसके बाद क्या होता है। इस कहानी की शिक्षा है कि प्रकृति के साथ मत खेलो हमेशा दायरे के अन्दर रहो नहीं तो अनर्थ हो सकता है। 

कुछ लोगों को गलतफहमी है कि फ्रैंकेस्टाइन कहानी में दानव का नाम फ्रैंकेस्टाइन था। वास्तव में, यह नाम उस डाक्टर का था जिसने उसे बनाया था।
विला डाओदेटी जहां मॅरी ने फैंकेस्टाइन उपन्यास की कल्पना की
भाग्य कि विडम्बना देखिये कि शैली और बाईरन जो अपने आप को महान कवि वा लेखक मानते थे और जो सोचते थे कि वे इतिहास में वे अमर हैं और उन्होंने केवल चुनौती के रूप में कहानी लिखने को कहा था। उन लोगों की कृतियों का नाम शायद ही कोई बता पाये, बहुत कम लोगों ने उनकी कृतियों को पढ़ा है पर दुनिया में शायद ही कोई होगा जिसने फ्रैंकेस्टाइन का नाम नहीं सुना या इसके बारे में न मालुम हो। अंग्रेजी में तो यह एक मुहावरा बन गया है। 

शैली और बाईरन के बारे में मेरा आंकलन गलत भी हो सकता है, मुझे अंग्रेजी से प्रेम नहीं है और कवितायें तो गागर में सागर भरती हैं - मेरी समझ में कम आती हैं। लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि मॅरी गॉडविन फैंकेस्टाइन कहानी से इतिहास में अमर हो गयीं।
इस बारे में, अंग्रेजी में पढ़ने के लिये यहां चटका लगायें।
इस चिट्ठी में, फ्रैंकेस्टाइन पुस्तक के कवर के अतिरिक्त सारे चित्र विकिपीडिया से है।

About this post in Hindi-Roman and English
hindi (devnagri) kee is chitthi mein, bachchon ko vigyan mein ruchi paida karne ke tareekon ke sath, pahlee prasidh vigyan kahani 'frakestein' kee lekhika mary shelly aur un halaat kee charchaa hai jinme yeh likhee gayee thee.  ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post in Hindi (Devnagri script) is about how to create interest in children about science as well as is about Mary Shelly the author  of 'Frankenstein: or, The Modern Prometheus' the first famous science fiction and the circumstances in which it was written. You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
Mary Shelly, Villa Diodati, Frankenstein: or, The Modern Prometheus, Percy Bysshe Shelley, Lord Byron, Isaac Asimov,
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3 comments:

  1. Anonymous11:30 pm

    विज्ञान की कल्पित कहानी मे मुझे रुची नही रही कभी, लेकिन आपने जो मेरी की कहानी बताई वो उत्साहवर्धक है!

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  2. रचना जी
    आप जयंत विष्णु नार्लीकर की पुस्तक 'धूमकेतु' पढ़ कर देखिये, आपको पसन्द आयेगी।

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  3. Interesting articles on science fiction.You have presented very lucid accounts on the lives and works of sf giants , Shelly,Verne and Asimov-my own favorite.Thanks for writing it for Hindi world!
    arvind

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