Friday, July 27, 2007

प्रेम तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो

यह कोई बीस साल पहले की बात है, शुभा पहली बार लम्बे समय के लिये विदेश जा रही थी। मुन्ने को कुछ गर्व था तो कुछ दुख कि मां इतने लम्बे समय के लिये छोड़ कर जा रही है। एक दिन उसने मुझसे पूछा, क्या मां हमें प्यार नहीं करती। मैंने कहा नहीं वह हम सबसे बहुत प्यार करती है पर तुम ऐसा क्यों सोचते हो। उन्होने पूछा,
'यदि वह हमसे प्यार करती है तो इतने दिन तक हमें क्यों छोड़ कर जा रही है। हमें कुछ मुश्किल होगी तो कौन बतायेगा।'
मैं कैसे उन्हें बताऊं ।

हमने बैठ कर कई मुद्दों पर बात की। मैंने कहा, मैं तो रहूंगा, तुम्हें कोई मुश्किल नहीं होगी। उसने पूछा,

'क्या तुम्हारे पास समय है'
मैंने कहा कि जब मां थी तो वह समय निकालती थी, जब तक वह नहीं है, तब मैं निकालूंगा। उनको यह बताने का प्रयत्न किया,
'प्यार तो विश्वास है, यह लोगों को बांधता नहीं पर उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है जो उनके जीवन में महत्वपूर्ण है। रिश्तों का बांध कर रखना ठीक नहीं।'

मैं नहीं जानता कि वह कितना समझ पाया लेकिन यह सच है कि उसने अपनी मां का विदेश जाना, स्वीकार कर लिया। उसके पीछे, वह बहुत खुश रहा। मैं नहीं जानता कि वह इसलिये की उन्हें मेरी बात समझ में आयी या इस लिये कि शुभा तो आर्मी की जनरल साहिबा हैं और मैं - शायद भावना में हर पल को जीने वाला। उसे कभी इतनी छूट नहीं मिली - इस समय भी नहीं जब वह अपना बसेरा, बहुत दूर, अपने घोसले में बसाने चला गया।

पिछले साल हम सब, मुन्ना, परी काफी समय बाद एक साथ थे। मैंने पूछा क्या तुम मुझे प्यार करते हो। उसका जवाब था,

'पापाऽऽ!! यह कैसा सवाल है।'
मैंने बहुत सीरियस हो कर पूछा तुम बहुत दूर, सात समुंदर पार चले गये हो बस इसलिये जानना चाहा। वे मेरी सीरियस मुद्रा समझ गये। उनका मुस्कराते हुऐ, जवाब था
'पापा, मुझे तुम्हारी बीस साल पहले की बात आज भी याद है।'
वे मुझसे कहते हैं कि मैं भी वहीं उनके पास आ जाऊं पर मैं जानता हूं कि मेरा जीना यहां ही है और मेरी मौत भी यहीं होगी।

प्यार तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो। यदि बांध कर रखा तो वही होगा, जैसा यहां हिन्दुस्तानी डाक्टर के साथ हुआ।

अगली बार हम बात करेंगे इस श्रंखला के निष्कर्ष की। क्या यह वह शायरी है जो मैंने अपने चिट्ठे में दहिने तरफ अपलोड कर रखी है या फिर कुछ और। जीवन में इतने दुख नहीं हैं इस श्रंखला का निष्कर्ष तो कुछ और ही है। अगली हम बात करेंगे उस गाने की जो मेरे विचार से इस श्रंखला का निचोड़ है, उस फिल्म की जिससे वह लिया गया है।

अच्छा आपके हिसाब से कौन सा गाना होना चाहिये? कौन सा गाना प्यार का सबसे अच्छा अर्थ बताता है? क्या कहा बौबी फिल्म का यह गाना - मजाक करते हैं :-)

भूमिका।। Our sweetest songs are those that tell of saddest thought।। कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन, बीते हुए दिन वो मेरे प्यारे पल छिन।। Love means not ever having to say you're sorry ।। अम्मां - बचपन की यादों में।। रोमन हॉलीडे - पत्रकारिता।। यहां सेक्स पर बात करना वर्जित है।। जो करना है वह अपने बल बूते पर करो।। करो वही, जिस पर विश्वास हो।। अम्मां - अन्तिम समय पर।। अनएन्डिंग लव।। प्रेम तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो।। निष्कर्षः प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो।। जीना इसी का नाम है।।

5 comments:

  1. प्यार तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो।
    मुझे तो इसके लिये ये गाना पसंद है.
    "उतना ही अधिकार समझ कोई जब तक संग निभादे
    जनम मरण का साथ है सपना ये सपना बिसरादे"

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  2. "उतना ही अधिकार समझ कोई जब तक संग निभादे
    जनम मरण का साथ है सपना ये सपना बिसरादे"
    आपका लेख और उसका सार (मैथिली जी की दो लाईने)बस यही सच है,
    इक छोटी सी बात् महीनो से दिल मे फसी है यहा निकाल रहा हू.एक दोस्त ने मेरे द्वारा कुछ एसेट खरीदी थी.मैने उस को उनके नाम करा दिया और जब मै उनके घर कागजात् देने गय तो उनकी धर्मपत्नी मिली मैने उन्हे कागजात दे दिये ,उन्होने देखा और भडक गई इसमे मेरा नाम नही है,कल तुम ना रहे तो मै इसे अपने नाम कराने के लिये कहा कहा धक्के खाउगी.(यहा मै ये बताना चाहूगा मामला केवल 3 लाख का था और वो साहब करोडपती हस्ती है जिसमे ज्यादातर उनकी पत्नी के नाम है).भाईसाहब मै कई हफ्तो सो नही पाया.जिस पर मेरी जीवन का दारोमदार है ,जिसके कारण मै पारिवारिक जीवन जी रहा हू,जिसके लिये मै दिन भर खटता रहता हू क्या उसे मेरे से बस यही मतलब है..मुझे सामान्य होने मे हफ्तो लग गये..?पर शायद कुछ लोगो के लिये यही जीवन है और मै खुशकिस्मत हू कि मै उनमे नही हू.

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  3. बहुत सुंदर पोस्ट उन्मुक्त जी.

    अरुण भाई, हर किस्सेक को दिल से न लगाया करें. दुनिया बहुत अजीब है.

    आप अति संवेदनशील हैं. इस तरह के घटनाक्रमों को भूल कोई रोचक बात में मन लगा लें. इससे भी भीषण भीषण किस्से हैं.

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  4. bahut sundar...abhar.

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  5. 3-4 posts padhne ke baad man main khayal aaya ki kyaon na comment karke apana reaction batana chahiye...

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