Saturday, August 11, 2007

शताब्दी के सबसे चर्चित मुकदमे का फैसला - एस.सी.ओ. पानी में?

मैंने पिछले साल, हिन्दी चिट्टाकारी की शुरुवात करते समय इसी चिट्ठे पर में दो श्रंखलाये कई कडियों में - ओपेन सोर्स सॉफ्टवेर और लिनेक्स की कहानी - नाम से लिखी थीं। बाद में इन कड़ियों को संजो कर इसी नाम से अपने लेख चिट्ठे में यहां और यहां रख दीं। लिनेक्स की कहानी में मैंने उन मुकदमों का भी जिक्र किया था जो लिनेक्स पर बौद्धिक सम्पदा के उल्लंघन के कारण चल रहे हैं। यह मुकदमे एस.सी.ओ. ने चलाये थे। यह मुकदमे इस शताब्दी के सबसे चर्चित मुकदमे हैं। इनके फैसलो से, सूचना प्रद्योगिकी का रास्ता भी बदल सकता है।

इस मुकदमे में, एस.सी.ओ. का कहना था कि नॉवल ने य़ूनिक्स के बौद्धिक संपदा अधिकार इसे बेच दिये हैं पर नॉवल के अनुसार उसने एस.सी.ओ. को यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकार नहीं बेचे हैं। उसने एस.सी.ओ. को केवल यूनिक्स का विकास करने तथा दूसरे को लाइसेंस देने का अधिकार दिया था। इस पर एस. सी. ओ. ने नॉवल पर मुकदमा दायर किया कि, और
  • नॉवल गलत कह रहा है कि एस.सी.ओ. यूनिक्स के बौद्धिक सम्‍पदा अधिकार का मालिक नहीं है;
  • नॉवल का यह कहना कि नॉवल यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का मालिक है एस.सी.ओ. के व्यापार में रूकावट डाल रहा है उसे रोका जाय;
  • इस बात कि घोषणा की जाय कि एस.सी.ओ. यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकार का मालिक है न कि नॉवल;
  • उसे नॉवल से हर्जाना दिलवाया जाय।


इस मुकदमें के मुख्य विवाद को कल १० अगस्त २००७ में, जज़ किंबल ने नॉवल के पक्ष में तय कर दिये गये हैं। जज़ किंबल के अनुसार, यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकार नॉवल के पास हैं और उसे इस बात का अधिकार है कि वह एससीओ को आई.बी.एम. के विरुद्ध अपने दावे के इस भाग को वापस लेने या छोड़ने के लिये कह सकता है। हांलाकि यदि नॉवल ने कोई संविदा तोड़ी है तो उस संबन्ध का मुकदमा चलता रहेगा।


यह फैसला एस.सी.ओ. के द्वारा आई.बी.एम. के खिलाफ चल रहे मुकदमें पर भी असर डालेगा और लगता है कि वह नहीं चल पायेगा।


जज़ किंबल का फैसला आप यहां पढ़ सकते हैं। यह कुछ मुश्किल है। इसे समझने के लिये आपको तकनीक और कानून दोनो का कुछ ज्ञान होना चाहिये। इस बारे में न्यूयॉर्क टाईम्स का लेख भी देखें। इसे समझना आसान है। आप यहां, एक दूसरे लेख को, पढ़ सकते हैं।

इन मुद्दों और इस फैसले के महत्व को समझने के लिये लिनेक्स की कहानी की चिट्ठी भी देखें। इस फैसले से ओपेन सोर्स के बारे में FUD (फड) समाप्त हुआ। अब यह मत कह दीजियेगा कि फड क्या होता है। ऐसे यह, होता क्या है इस बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं। लगता है कि सूरज पश्चिम से ही निकलेगा और हम सुन्दरता की देवी के पास ही पहुंचेगे।

यदि कल हम सुन्दरता की देवी के पास पहुंचे थे तो क्या
एस.सी.ओ. पानी में डूब गया है। यह मैं क्यों कह रहा हूं।

अपने सौर मंडल में दो ग्रह अनूठे हैं - शुक्र और वरूण। शुक्र पर तो सूरज तो पश्चिम से निकलता है। वरुण, समुद्र
के देवता हैं। वरुण ग्रह की धुरी लगभग ९८% झुकी है। इस कारण लेटा-लेटा सा सूरज के चक्कर लगाता है।


वरूण ग्रह का वॉयजर-२ से लिया गया चित्र

इस फैसले के बाद तो एस.सी.ओ. तो धाराशायी हो गया - लेट ही गया है। यह बात तो उनके शेयरों के दाम से भी लगती है। जब एस.सी.ओ. ने आई.बी.एम. के खिलाफ मुकदमा किया तो उसके शेयर की कीमत १९.४१ डॉलर हो गयी थी लेकिन कल, फैसले के बाद, यह गिर कर केवल १.५५ डॉलर रह गयी है। इन्हे ज्लद ही कुछ करना होगा। यह तो पहले कोर्ट का फैसला है देखते हैं कि एस.सी.ओ. अपील करता है कि नहीं। यदि करता है तो उसमें क्या होता है।

वरुण के चन्द्रमा - आकार के अनुसार

आज यह चिट्ठी लिखने बैठा तो मैंने उस समय की पुनः याद की जब मैंने यह चिट्ठियां लिखी थीं। उस समय मुझे हिन्दी चिट्ठाकारी में कुछ कटु अनुभवों से गुजरना पड़ा।

मेरे मित्र जो अंग्रेजी में चिट्ठे लिखते हैं उनकी हमेशा यही सलाह रहती थी कि मैं अंग्रेजी में लिखूं। एक समय ऐसा भी आया कि जब मैंने तय कर लिया था कि मैं हिन्दी में लिखना छोड़ दूंगा। मुझे प्रसन्नता है कि मैंने ऐसा नहीं किया।

यह सारे चित्र विकीपीडिया से लिये गये हैं और ग्नू मुक्त प्रलेखन अनुमति पत्र की शर्तों के अन्दर प्रकाशित किये गये हैं।

2 comments:

  1. बढि़या लेख।

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  2. आप हिन्दी में अतिउत्तम लिखते है निवेदन है जारी रखें...

    सुनीता(शानू)

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