Monday, October 22, 2007

विकिपीडिया के बारे में कुछ तथ्य

स्पैन (Span) पत्रिका हिन्दी में निकलने लगी है। इसके सितंबर-अक्टूबर २००७ के अंक में, विकिपीडिया (Wikipedia) के बारे में एक लेख, 'पुस्तकों से आगे की दुनिया' नाम से निकला है। यह पढ़ने योग्य है।

विकिपीडिया कैसे बनी, इसके बारे में लिखा है कि
'जिमी वेल्स (Jimmy Wales) इंटरनेट पर सर्वसुलभ विश्वकोश यानि एन्साइक्लोपीडिया बनाना चाहते थे। इसलिये उन्होने नौसिखियों की सेना बनायी और उनकी मदद से भविष्य का एक ऐसा पुस्तकालय बना डाला जो पूरी तरह से सुव्यवस्थित है, स्वयं अपना संशोधन कर सकता है और लोगों का व्यसन बन सकता है। यह है विकिपीडिया।'

जिमी वेल्स का जन्म हंटस्विल, एलाबामा, अमेरिका में अगस्त १९६६ में हुआ था पर यह तय नहीं है कि ७ अगस्त है या ८ अगस्त :-) उनका यह चित्र विकिपीडिया से है और उसी की शर्तों के अन्दर है।

पिछले साल जिमी वेल्स भारत आये थे। मुझे उन्हें सुनने तथा मिलने का अवसर मिला था। वे बहुत अच्छा बोलते हैं और प्रभाशाली व्यक्ति हैं। वे थोड़ा दुखी थे कि हिन्दी विकिपीडिया में इतने कम लेख क्यों हैं। उन्हें इंटरनेट पर हिन्दी की मुश्किले के बारे में बताया गया। इसमें यह भी था कि हिन्दी के टाईपिस्ट रेमिंगटन की-बोर्ड (Remington keyboard) पर अभ्यस्त हैं और यह की-बोर्ड यूनिकोड हिन्दी फॉन्ट के लिये (कम से कम लिनेक्स Linux) पर उपलब्ध नहीं है। इस बात पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि भारतवर्ष में भी ऐसा हो सकता है। मैं नहीं जानता कि विंडोज़ पर रेमिंगटन कीबोर्ड की क्या सहूलियत है पर लिनेक्स में अब यह उपलब्ध तो हो गया है पर यह ठीक नहीं है, कुछ अक्षर टाईप नहीं कर पाता है।

इस लेख में विकिपीडिया के बारे में कुछ तथ्य इस प्रकार से हैं:
  • विकि शब्द का इस्तेमाल हवाई में ज्लदी के लिये होता है;
  • इसका स्वामित्व विकिमीडिया फ़ाउंडेशन के पास है;
  • इसके लिये सबसे ज्यादा खर्च ईंटरनेट सर्वर पर होता है जो कि वर्ष २००६ के वित्तीय आंकडों के मुताबिक १,८९,६३१ डॉलर था। इसी वर्ष इसका पूरा खर्च ७,९१,२०७ डॉलर रहा। इसे इसी साल १३,००,००० डॉलर का अनुदान मिला;
  • विकिपीडिया में २०,००,००० से ज्यादा लेख हैं जब कि ब्रिटानिका विश्वकोश में केवल १,००,००० और एंकार्टा में ४,५०० लेख हैं। इन लेखों को ७५,००० लोगों ने उपलब्ध कराया है।
मुझे न केवल प्रसन्नता है पर गर्व भी कि इन ७५,००० लोगों में, मैं भी कहीं पर हूं।

11 comments:

  1. अरे ग्रेट! स्पैन हिन्दी में! बताने के लिये धन्यवाद। अंग्रेजी पढ़ने में दिक्कत नहीं है पर हिन्दी पठन निश्चित रूप से जल्दी सम्पन्न होता है।

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  2. Anonymous2:06 pm

    उत्तम जानकारी.

    75000 में मैं भी रज भर योगदानकर्ता हूँ, अतः मुस्कुरा सकता हूँ. :)

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  3. जानकारी के लिए धन्यवाद | हिन्दी लेखन की आसानी को मैं उस दिन समझूंगी जब उसमें माइक्रोसॉफ्ट वर्ड जैसा शब्दों का auto spell check हो पाए | कुछ होता है पर सम्पूर्णतः नहीं |

    ओह उन ७५००० में मैं भी हूँ | :)

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  4. स्पेन को अब आप हिंदी मे आन्लाइन भी पढ सकते हैं http://usembassy.state.gov/posts/in1/wwwhspanhindilistseptoct07.html

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  5. आप और संजय भाई मुस्कराईये-हम आप दोनों को बधाई देता हूँ. हमें भी कभी बधाई मिले ऐसा कुछ मैं भी विकी में कर ही देता हूँ. :) आप प्रेरणा बन गये हैं.

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  6. प्रभात जी, मेरी चिट्ठी में भी लिंक है पर विकिपीडिया पर ऑनलाईन लेख पूरा नहीं है। प्रकाशित पत्रिका का कुछ भाग ही है।
    कुहू जी, मेरे विचार में स्पेल चेक के आने में अभी समय है।

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  7. "इसमें यह भी था कि हिन्दी के टाईपिस्ट रेमिंगटन की-बोर्ड (Remington keyboard) पर अभ्यस्त हैं।"

    यह बात पूरी तरह से सही नहीं। हिन्दी के अधिकतर पुराने टाइपिस्ट सचमुच रेमिंगटन के अभ्यस्त हैं, लेकिन वो सब कार्यालयों में काम करने वाले हैं, इण्टरनैट पर हिन्दी से जुड़े लोग नहीं। इण्टरनैट पर हिन्दी में काम करने वाले अधिकतर लोग फोनेटिक ही प्रयोग करते हैं। हाँ पत्रकारों में आमतौर पर रेमिंगटन के प्रयोक्ता पाए जाते हैं।

    "मैं नहीं जानता कि विंडोज़ पर रेमिंगटन कीबोर्ड की क्या सहूलियत है।"

    विण्डोज पर रेमिंगटन के लिए मुख्य रुप से Indic IME उपलब्ध है लेकिन उसमें कई बग्स हैं। इसका एक मुख्य कारण रेमिंगटन लेआउट का अवैज्ञानिक होना भी है। लेकिन अच्छी बात ये है कि विण्डोज और लिनक्स दोनों के लिए कीबोर्ड बनाने के टूल उपलब्ध हैं जिनसे कि लोग खुद अपना कीबोर्ड बना सकते हैं।

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  8. और हाँ मुझे भी ७५,००० में होने की खुशी है। हालांकि मैं अंग्रेजी विकिपीडिया पर ही मुख्य रुप से सक्रिय हूँ।

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  9. विकिपीडिया पर होने के लिए बधाई और जानकारी के लिए धन्यवाद !

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  10. आपके प्रेरणादायक कमेंट के लिये धन्यवाद्…और आपके ब्लोग पर मिले अद्भुत जानकारी के लिये भी :))

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  11. शायद यह वही पत्रिका है जो कभी स्‍पैन चयनिका नाम से होती थी.

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