Sunday, April 20, 2008

विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार

विज्ञान कहानियां तो तब से लिखी जा रही है जब से साहित्य में कहानियां लिखनी शुरू हुईं।

फ्रैंकेस्टाइन फिल्म का पोस्टर
शायद इतिहास की पहली लोकप्रिय विज्ञान कहानी 'फ्रैंकेस्टाइन' (Frankenstein) थी, जो कि मैरी गौडविन (Mary Godwin) ने लिखी थी। इसके बारे में मैंने अपनी चिट्ठी 'विज्ञान कहानियों के मेरे प्रिय लेखक' पर चर्चा की है। हांलाकि विज्ञान कहानियों को, सम्मान की श्रेंणी दिलवाने का श्रेय जाता है उन्नीसवीं सदी के फ्रेंच लेखक जूले वर्न (Jules Verne) को। इसी लिये उन्हें वैज्ञानिक कहानियों का जनक कहा जाता है।
जूले वर्न की हिन्दी में संक्षिप्त जीवनी पढ़ने के लिये यहां और सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाईल ऑग फॉरमैट पर है। इसको सुनने के लिये दहिनी तरफ का विज़िट देखें।
विज्ञान कहानियों को बढ़ावा देने के लिये, हर साल The World Science Fiction Convention (WORLDCON) (वर्ल्डकॉन) का आयोजन होता है। यह सम्मेलन १९३९ से १९४१ तक द्वितीय विश्व युद्घ के कारण नहीं हुआ था। इस सम्मेलन में विज्ञान कहानियों से संबन्धित कई पुरूस्कार दिये जाते हैं। इन पुरूस्कारों में से मुख्य हैं।
  • ह्यूगो पुरूस्कार (Hugo Award)
  • जॉन कैंपबेल पुरूस्कार (John Campbell Award for best writer)
  • साइड वाइस पुरूस्कार (Side wise Award)
  • चेसले पुरूस्कार (Chesley Award)
  • प्रॉमथियस पुरूस्कार (Prometheus Award)
इन पुरुस्कारों ने वैज्ञानिक कहानियों को न केवल बढ़ावा दिया पर उन्हें नया आयाम दिया।


ह्यूगो पुरुस्कार की ट्रॉफी

ह्यूगो पुरूस्कार, ह्यूगो जेर्नबैक (Hugo Gernsbach) (१८.८.१८८४ – १९.८.१९६७) के नाम पर दिया जाता है। ह्यूगो ने अमेज़िंग स्टोरीस् Amazing stories नाम की पत्रिका शुरू की थी। इसका बाद में नाम अमेज़िंग साइंस फिक्शन Amazing Science Fiction कर दिया गया।

अमेज़िंग स्टोरीस् के कवर पर स्टार ट्रेक

अमेज़िंग स्टोरीस् का प्रकाशन १९२६ में शुरू हुआ अप्रैल २००५ के बाद इसका कोई अंक प्रकाशित नहीं हुआ मार्च २००६ पर इसके प्रकाशकों ने इसे बन्द करने की घोषणा कर दी है। पिछली शताब्दी में विज्ञान कहानियों को सबसे लोकप्रिय बनाने में इस पत्रिका का सबसे बड़ा हांथ था।

ह्यूगो ने विज्ञान कहानियों के लिये पोर्टमेन्टो (portmanteau ) शब्द Scientifiction (STF) बनाया यह शब्द बाद में Science fiction (SF या Sci-Fi) हो गया।

इस श्रंखला की अगली कड़ी पर हम कुछ उन कहानियों, फिल्मों की चर्चा करेंगे जो किसी बड़ी उल्का या छुद्र ग्रह के पृथ्वी से टकराने की कल्पना पर लिखी गयी थीं।



बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।। प्रभू ईसा का जन्म बेथलेहम में क्यों हुआ?।। क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है।। बेथलेहम का तारा क्या था।। बेथलेहम का तारा उल्कापिंड या ग्रहिका नहीं हो सकता।। पिंडों के पृथ्वी से टक्कर के कारण बने प्रसिद्ध गड्ढ़े।। विज्ञान कहानियां क्या होती हैं और उनका मूलभूत सिद्धान्त।। विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार।।

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(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)
  • अंतरजाल की माया नगरी की नवीनतम कड़ी: वेब २.०
  • विज्ञान कहानियों के जनक जुले वर्न
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

इस चिट्ठी पर 'विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार के बारे में चर्चा है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।
is post per 'vigyaan khaaniyon per puruskaar' ke baare mein charchaa hai. yeh hindi (devnaaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.
This post talks about awards for science fiction. It is Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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4 comments:

  1. उन्मुक्त जी,
    इस रोचक जानकारी के लिये बहुत आभार,

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  2. सही कहा आपने फ्रैंकेंस्तीन ही पहला आधुनिक एस एफ है -लेखिका मेरी शेली ,पी बी शेली की पत्नी .यह १८१८ मे लिखा गया .विज्ञान कथा का ककहरा समझिए .यह बिना अच्छी तरह सोचे समझे विज्ञान के प्रयोग -परीक्षणों की प्रवृत्ति पर चोट करती है .डाक्टर फ्रैंकेंस्तीन ऐसे ही मुर्दों के अंगों को जोड़ तोड़ कर ,उसमे बिजली का प्रवाह कर एक बेहद खौफनाक राक्षस को जन्म दे देते हैं जो एक बड़े ही उतार चढाव वाले घटना क्रम मे अपने जन्मदाता को ही मौत के घाट उतार देता है .कैसा दुखांत है !
    मगर अपने भस्मासुर की कथा सुखांत है -जहाँ भस्मासुर से शंकर को बचाने विष्णु आ धमकते हैं -पश्चिमी साहित्य और पूर्वी साहित्य का यही फर्क है -हम सदैव आशावादी रहे हैं -
    आपके पोस्ट ने सहज ही इन सारी बातों की याद दिला दी -आगे बढ़ते रहें एक आप ही तो हैं जिन्हें हिन्दी ब्लागजगत मे विज्ञानकथा साहित्य के अछूत से इतना लगाव है .
    आगे की कड़ी का इन्तजार है !

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  3. Aapne vigyan kathaaon per achchhi jankaree di hai.
    Is rochak jaankari ke liye badhaayi.

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  4. विज्ञान कथाओं पर पहली बार नेट पर कोई पोस्ट पढ रहा हूं, अच्छा लगा पढ कर। बधाई।

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