Saturday, March 28, 2009

लगता है, आप मुझे जेल भिजवाना चाहती हैं

साउथ अफ्रीका की यात्रा विवरण की इस कड़ी में, क्रुगर पार्क में शेरों को देखना और जर्मन नवयूवक रासमस से मुलाकात की चर्चा है।

हम लोग नाश्ता कर पुन: सफारी पर निकल गये, यह सफारी सबसे अच्छी रही क्योंकि सबसे ज्यादा जानवर देख सके। इस सफारी में हम लोग एक पहाडी पर गये थे। ऊपर पहाड़ी पर समतल जगह थी। यह जगह बहुत सुन्दर थी। मेरा मन था कि यहां पर ज्यादा समय गुजारा जाए। लेकिन कुछ देर बाद रॉड्रिक्स ने हमें वहाँ से तुरन्त चलने के लिए कहा। मेरे पूछने पर उसने बताया,
'खबर मिली है कि शेर दिखें हैं और हमें वहीं चलना है।'


रॉड्रिक्स बहुत तेजी से गाड़ी चलाते हुए हमें उस जगह पर ले गये जहाँ पर शेर थे। वहां पर एक शेर ,शेरनी और उसके बच्चे थे। यह रास्ते से थोड़ी दूर पर थे। रॉड्रिक्स के मुताबिक,
'वहां कई शेर, और शेरनियां हैं। लेकिन वे कुछ नीचे की जगह पर है इसलिए हम उनको नहीं देख पा रहे हैं।'
शेरनी हम लोगों को थोड़ी देर तक तो देखती देती रही फिर उसके बाद वह आराम से सो गयी जैसे की उसे मालूम हो कि हम लोग उनका कुछ नही बिगाड़ेगें। धीरे धीरे यह खबर हर तरफ फैल गयी और हर तरफ से लोग गाडी लेकर उनको देखने आने लगे। हम लोगों ने आधा घण्टा उन्हीं को देखने में बिताया।


मेरे पास सोनी का कैमरा है। यह चित्रों को १२ गुना बड़ा कर खींच सकती है पर इसमें शेर और शेरनी के चित्र बड़े नहीं आ रहे थे। बगल की गाड़ी में कुछ जर्मन लोग थे। उनमें से एक लड़के के पास बहुत अच्छा कैमरा था। उस लड़के का नाम ग्रेनर रासमस (Greiner Rasmus) था और उसके पास कैनन (cannon ex 400 D) का कैमरा था। मैंने उससे कहा कि क्या वह कुछ चित्र मुझे भेज सकता हैं। उसने कहा जरूर। उसने मेरे पास कई चित्र भेजें हैं। जिसमें से कुछ, पिछली चिट्ठियों पर और कुछ इस चिट्ठी में हैं।



रासमस (Rasmus) २५ वर्षीय नौजवान है। उसने मीडिया, इतिहास और साहित्य में मार्गबुर्ग (Marburg) में उच्च शिक्षा प्राप्त की और दर्शन में डाक्टेरेट ली है।
Gutentag Rasums,
It was pleasure to meet you at Kruger's Park. Thank you for photographs. They are beautiful and pettier that the ones that I took. Next year I do plan to visit to rain forests in Brazil. I hope you will also be able make it. We can plan to be there together.
Greetings to you from India.
Unmukt


हम लोग दोपहर तक वापस आये, दिन का खाना खाया। वहां पर एक दुकान भी थी जिसमें यादगार के लिए वस्तुएं मिल रहीं थी। मैंने वहां से कुछ वस्तुऐं अपने तथा मित्रों के लिये खरीदीं। काउंटर पर एक प्यारी सी युवती बैठी थी। उसने मुस्कुराते हुऐ कहा कि,
'आप जानवरों की खाल और शुतुरमुर्ग के रंगे हुऐ अन्डे क्यों नहीं खरीदते। यहां से लोग यह दोनो वस्तुऐं जरूर ले जाते हैं।'
मैं अपने घर में, हमेशा जानवरों की खाल रखना चाहता था पर यहां जानवरो की खाल रखना गैरकानूनी है। इसलिये कभी रखने की हिम्मत नहीं की। मैंने उस युवती से कहा,

'भारत में जानवरों की खाल रखना गैरकानूनी है। लगता है, आप मुझे जेल भिजवाना चाहती हैं।'
उसने मुझे समझाया,
'यदि आप यह खाल हमसे खरीदेगें तो हम आपको एक सार्टीफिकेट देगें कि आपने इसे यहाँ से खरीदा है। इस पर भारत में, आपको कुछ नही होना चाहिये क्योंकि हमारे देश में, खाल बेचना गैरकानूनी नहीं है।'
मेरा मित्र इकबाल वकील है। मैंने उससे फोन कर यह बात पूछी। उसने स्पष्ट किया,
'यदि वह लोग सर्टिफिकेट देते हैं तो कोई बात नहीं। तुम इसे खरीद सकते हो। यहां आकर इसे वन विभाग में रजिस्टर करवाना होगा।'
मैं शेर, चीता या तेंदुवे की खाल खरीदना चाहता था पर यह वहाँ नही मिल रही थी हालांकि कई अन्य जानवरों की खाल मिल रहीं थी। मैंने एक छोटी खाल जो स्प्रिंग बॉक (Springbok) नामक हिरण जाति का होता है उसकी खाल खरीदी।


आपको विश्वास नहीं - आप इसका सार्टीफिकेट देख लीजिये अब तो विश्वास हुआ कि नहीं।

भारत वापस आ कर, मैंने वन विभाग को पत्र लिखकर इस खाल को रजिस्टर करने की प्रार्थना की। लेकिन उन्होंने यह कह कर मना कर दिया कि यह प्रतिबंधित खालों में नहीं है। शायद स्प्रिंग बॉक जाति का हिरण अपने देश में नहीं पाया जाता है।




स्प्रिंगबॉक हिरण का यह चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से



हम लोग वापस होटल के लिए चले। रास्ते में लकडबग्गे (spotted hyena) के बच्चे मिले और वे बहुत देर तक रोड़ पर बैठे रहे। हम लोगों नें अपनी गाडी को कच्चें में उतारकर जाना पडा क्योंकि वह रोड से हटने का नाम ही नहीं ले रहे थे। जगंल में, जानवरों को अधिकार है। यदि वे रोड़ पर हैं तो आप गाडी उनके आगे नहीं ले जा सकते हैं।


हमें अगले दिन पिलीग्रीम्स रेस्ट (Pilgrim's Rest) जाना था। हम लोगों ने, क्रुगर पार्क में चार सफारी लीं और पार्क में लगभग १४ घन्टे गाड़ी में घूमते हुऐ बिताये। यह अपने आप में थकाने वाला अनुभव था। बाकी समय, हम लोगों ने आराम करने में बिताये।


अगली बार पिलीग्रीम्स रेस्ट जाते समय रास्ते में घूमने की जगहों का देखेंगे।

इस चिट्ठी पर शेर एवं लकडबग्गे के चित्र रासमस के सौजन्य से हैं। The photograph of lion and spotted hyena on this post are taken by Rasmus.

अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।। साउथ अफ्रीकन एयर लाइन्स और उसकी परिचायिकायें।। मान लीजिये, बाहर निलते समय, मैं आपका कैश कार्ड छीन लूं।। साउथ अफ्रीका में अपराध - जनसंख्या अधिक और नौकरियां कम।। यह मेरी तरफ से आपको भेंट है।। क्रुगर पार्क की सफाई देख कर, अपने देश की व्यवस्था पर शर्म आती है।। हम दोनो व्यापार कर बहुत पैसा कमा सकते हैं।। फैंटम टार्ज़न ... यह कौन हैं?।। हिन्दुस्तानी, बिल्लियों से क्यों डरते हैं।। आपको तो शर्म नहीं आनी चाहिये।।। लगता है, आप मुझे जेल भिजवाना चाहती हैं।।


हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:
Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)

यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।

About this post in Hindi-Roman and English























is post per kruger park mein sher ko dekhna aur german yuvak Rasmus se mulaakaat kee charchaa hai. yeh hindi (devnaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.


This post talks about sighting of Lions in the Kruger park and my meeting with the German boy Rasmus. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.



सांकेतिक शब्द
Kruger National Park, south africa, साउथ अफ्रीका, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,




Reblog this post [with Zemanta]

Monday, March 23, 2009

जीना इसी का नाम है

यह चिट्ठी मेरी श्रंखला 'हमने जानी है रिश्तों में रमती खुशबू' का पुनःलेख है। यह जीने के दर्शन के पहलुवों के बारे में चर्चा करती है।

मैंने कुछ समय पहले उन्मुक्त चिट्ठे पर 'हमने जानी है रिश्तों में रमती खुशबू' नाम की श्रंखला लिखी थी। इसकी अन्तिम कड़ी में इसका निष्कर्ष 'प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो' पर लिखा था,

'इसी चिट्ठी के साथ यह श्रंखला समाप्त होती है। अब कुछ नया शुरू करेंगे। फिर भी, मैं इस श्रंखला पर कभी एक पुनःलेख लिखना चाहूंगा,

  • इस श्रंखला का मेरे जीवन में क्या महत्व रहा;
  • इसने मेरे, मेरे परिवार, हम भाई बहनो के बीच कितनी खुशियां भरीं;
  • इसने मेरे मित्रों के जीवन में क्या बदलाव किया।
कब लिखूंगा, क्या मालुम - कह नहीं सकता। शायद कभी नहीं - हो सकता है ...'
आज उसी के बारे में।


यह श्रंखला मुझे, मेरे बचपन के जीवन की यादों में, मेरे उन्मुक्त दिनों के बीच ले गयी। वे दिन ही मेरे जीवन के सबसे सुखद दिन थे, चिन्ता रहित थे।



इस श्रंखला लिखते समय, एक शादी के समय, हम सब भाई, बहन, हमारे बेटे, बेटियां, बहुरानियां, दामाद सब साथ थे। हमने अपनी मां के साथ के, अपने बचपन के दिनों को फिर से जिया। उन चिट्ठियों को पढ़ने के बाद हम सब की आंखें नम थीं। हांलाकि हमारी आने वाली पीढ़ी उसे उतना नहीं समझ पायी जितना हम चाहते थे। समय बदल गया, समीकरण बदल गये, समाज का ढांचा बदल गया।

हम सब ने अपने सुखद दिनो की याद की, उनमें पुनः जिया। इस तरह की अनुभूति जीवन में प्रसन्नता एवं उत्साह भरता है और जीवन में कुछ नया करने को न केवल प्रेरित करता है पर इसकी हिम्मत भी देता है। इस श्रंखला ने वह सब न केवल मेरे साथ पर हमारे परिवार के साथ किया।


इस श्रंखला कि एक चिट्ठी शैली (Percy Bysshe Shelley) कि कविता 'To a Skylark' की एक पंक्ति 'Our sweetest songs are those that tell of saddest thought' है। इस कविता आप
Portrait of Percy Bysshe Shelley
यहां पढ़ सकते हैं।


मैं अंग्रेजी या हिन्दी साहित्य का कभी भी विद्यार्थी नहीं रहा। कुछ थोड़ा बहुत अपने आप ही पढ़ा है। शैली को भी तभी पढ़ा था। जब मैं इस विषय पर लिखने की सोचने लगा तो मैंने अपने एक मित्र उसकी पत्नी से फोन कर शैली की उस पंक्ति का मतलब समझाने को कहा। वे दोनो अंग्रेजी विषय पढ़ाते हैं। तीन दिन बाद मिलना तय हुआ। हम लोग रात में देर तक शैली और रुमानी कवियों के बारे में बात करते रहे।


कुछ देर बाद मेरे मित्र की पत्नी ने मुझ धन्यवाद दिया। मझे आश्चर्य हुआ और पूछा,
'तुम मुझे क्यों धन्यवाद दे रही हो? धन्यवाद तो, मुझे तुम लोगों को देना चाहिये।'
उसने कहा,
'हम दोनो अंग्रेजी पढ़ाते हैं। पढ़ाना, हमारे लिय उस दैनिक कार्य की तरह है जैसे दाल रोटी खाना, बस और कुछ नहीं। तुम्हारे द्वारा, शैली की उस पंक्ति का अर्थ पूछने पर, विद्यालय में, अन्य अध्यापक के साथ और विद्यार्थियों के बीच इस विषय पर चर्चा हुई और एक अच्छी बहस हुई कि उस पंक्ति का क्या अर्थ है। हमने तुम्हारे सवाल के जवाब पाने के लिये कई सुनहरे पल बहस में गुजारे। यह सब इसलिये हुआ कि तुम्हें शैली के बारे में उतनी उत्सुकता है। यह तुम्हें धन्यवाद है, हमें सुनहरे पल वापस देने का।'

मुझे गोवा यात्रा से हवाई जहाज पर लौटते समय, विमान परिचारिका की कही बात, 'अंकल तो बच्चे हैं', याद आ गयी। जीवन में जिज्ञासू बनना, उत्सुक रहना, कुतूहल जताना तो बच्चों का काम है।


शायद जिंदादिली ही उत्सुकता का दूसरा नाम है और यही है, जीवन, जीने का दर्शन।



मुझे मालुम है कि आप यहां यह सब पढ़ने नहीं आये थे आप तो आये थे किसी गाने को सुनने के लिये। तो सुन लिये अनाड़ी फिल्म के उस गाने को जिसके लिये आप यहां आये थे।
यह गाना मुकेश ने गाया है और इसे राज कपूर पर फिल्माया गया है।




इस गाने को पूर्वी बजाज ने भी संगीतमय किया आप इसका भी आनन्द लें।


'उन्मुक्त जी, यह पूर्वी बजाज कौन है?'
पूर्वी है नहीं पर थी। वह वहां चली गयी जहां से कोई वापस नहीं आता। उसके बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं।
भूमिका।। Our sweetest songs are those that tell of saddest thought।। कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन, बीते हुए दिन वो मेरे प्यारे पल छिन।। Love means not ever having to say you're sorry ।। अम्मां - बचपन की यादों में।। रोमन हॉलीडे - पत्रकारिता।। यहां सेक्स पर बात करना वर्जित है।। जो करना है वह अपने बल बूते पर करो।। करो वही, जिस पर विश्वास हो।। अम्मां - अन्तिम समय पर।। अनएन्डिंग लव।। मैं तुमसे प्यार करता हूं कहने के एक तरीका यह भी।। पुराने रिश्तों में नया-पन, नये रिश्तें बनाने से बेहतर है।। प्रेम तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो।। निष्कर्ष - प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो।। पुनः लेख - जीना इसी का नाम है।।

इस चिट्ठी के दोनो चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से हैं।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:
Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)

यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।






अन्य संबन्धित वेब पेज











About this post in Hindi-Roman and English is post per Jeene ke darshan ke phluvon ke baare mein charchaa hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks the purpose of life and how to live it. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.



सांकेतिक शब्द
culture, Family, Inspiration, life, Life, Relationship, जीवन शैली, समाज, कैसे जियें, जीवन, दर्शन, जी भर कर जियो,




Reblog this post [with Zemanta]

Friday, March 20, 2009

आपको तो शर्म नहीं आनी चाहिये

साउथ अफ्रीका की यात्रा विवरण की इस कड़ी में, हमारे और विदेशियों के बीच, सार्वजनिक जगहों पर प्रेम एवं स्पर्श करने के व्यवहार के अन्तर तथा क्रुगर पार्क में सुबह की सफारी की चर्चा है।
क्रुगर पार्क में सूर्यास्त

क्रुगर पार्क में, हमने सुबह की भी सफारी ली। सुबह की सफारी में हमारे साथ वही न्यूजीलैंड के दम्पत्ति उनकी पुत्री और ब्रिटानी दम्पत्ति थे। न्यूजीलैंडर पिछले दिन भी और इस समय भी गाडी के सबसे पीछे वाली सीट पर बैठे। पीछे की सीट ऊंची होती है शायद वहां से सबसे अच्छा दिखाई पड़ता हो इसीलिए वे सबसे पीछे की सीट पर बैठना पसन्द करते थे। ब्रिटिश दम्पत्ति कुछ देर से आये इसलिए बीच वाली सीट पर हम लोग बैठ गये। हम लोग पिछले दिन भी साथ थे, वे हमारे ही लॉज़ में ठहरे थे - हमारी उन सब से अच्छी मित्रता हो गयी।


सार्वजनिक जगहों पर, भारतीय प्रेम या स्पर्श करने में हिचकते हैं

सुबह सफारी में ठंडक होती है। हमें हिदायत दी गयी थी कि हम ठीक प्रकार से कपड़ें पहनें। हमने कपड़े भी पहने पर इसके बावजूद भी हमें ठंडक लगने लगी। न्यूजीलैंड और ब्रिटेन से आये दम्पत्ति में, पत्नी या तो पति की गोद में बैठ जाती या फिर वे एक दूसरे को आलिंगन में ले लेते ताकि वे एक दूसरे को गर्मी पहुंचा सकें पर मुन्ने की मां - वह तो एक भारतीय की तरह छटक कर सीट के दूसरे कोने पर जा बैठी। उनकी तरह से बैठने पर, उसे और मुझे दोनो को शर्म आ रही थी - मैं उन्मुक्त होकर भी मुक्त नहीं, अपने बन्धनो में जकड़ा हूं। इस तरह का बर्ताव, विदेशियों से एकदम अलग है। हम लोग, सार्वजनिक जगहों में प्रेम या स्पर्श करने में हिचकते हैं।

हम से, न्यूजीलैंड से आये दम्पत्ति ने कहा,
'आप लोग भी पास पास क्यों नहीं बैठते। भारत में तो खजुराहो (Khajuraho), कोर्णाक (kornak sun temple) जैसे मन्दिर हैं और कामसूत्र (kam sutra) जैसी पुस्तक लिखी गयी है फिर इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहें हैं। आपको तो शर्म नहीं आनी चाहिये। मुझे यह कुछ अजीब सा लगता है।'
मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं था। मैंने उनसे कहा कि मुझे नहीं मालुम। लेकिन मुझे भी यह अजीब लगता है।


रॉड्रिक्स के पास कम्बल थे। हमने उसे ओढ़ लिया। तब ही ठंड से पीछा छूटा।



सुबह चलते समय कुछ बूंदा बांदी हो रही थी। हम लोगों को लगा कि शायद आज का दिन तो बेकार जायेगा और कोई जानवर नही दिखेगें। लेकिन यह सच नही हुआ। वहां पहुंचने के बाद मौसम साफ हो गया, हांलाकि कुछ ठंड थी। हम लोग तरह तरह के जानवर देख पाये। वे धूप लेने के लिए निकले थे। हमें गैंडे भी दिखायी पड़े।


यह चित्र मेरा लिया हुआ नहीं है। इसे रासमस नामक जर्मन लड़के ने खींचा है। इस श्रंखला की अगली कड़ी में, मैंं आपकी मुलाकात, उससे और शेरों से करवाउंगा।

रॉड्रिक्स ने बताया,
'गैंडे दो प्रकार के होते है एक तो सफेद (white rhinoceros) और दूसरा काला (black rhinoceros)।'
मुझें तो दोनों का रंग एक ही सा लगा। मैंने जब यह बात कही तो रॉड्रिक्स ने कहा,
'दोनों का रंग एक है पर उन्हें सफेद या काला इसलिए कहा जाता है कि एक गैंडा बड़ा होता है। इसे सफेद कहा जाता है। दूसरी तरह का गैंडा कुछ छोटा होता है जिसे काला कहा जाता है। सफेद गैंडा केवल जमीन की घास खाता है क्योंकि उसकी गर्दन की बनावट इस प्रकार होती है कि वह अपनी गर्दन ऊपर नहीं कर सकता है और काला गैंडा छोटा होता है और वह जमीन की घास और ऊपर की पत्ती भी खा लेता है।'



मेरे यह पूछनें पर कि क्या वे एक ही योनि के है रॉड्रिक्स इसका ठीक से जवाब नही दे पाये। मैंने पूछा कि क्या इन दोनो के सम्भोग से कोई बच्चा पैदा हो सकता है। उसने कहा कि नहीं। मैंने कहा कि तब वे अलग अलग योनि के हैं अन्यथा बच्चा पैदा हो सकते है।



सच यह है कि गैंडे (rhinoceros) की पांच तरह की प्रजातियां पायी जाती हैं। इसमें से तीन एशिया में और दो अफ्रीका में पायीं जाती हैं। इन्हीं दो के बारे में रॉड्रिक्स हमें बता रहे थे।


पेड़ों पर बहुत बड़े घोंसले बने हुए थे। मेरे पूछने पर कि ये किसके घोंसलें है तो उसने कहा कि इनमे चील, बाज और गिद्व रहते है । मैने इन पंक्षियों को भी वहाँ देखा। यह सफारी ८ बजे समाप्त हो गयी। हम लोग वहीं पर नाश्ता करने के लिये रुक गये पर न्यूजीलैंड और अंग्रेज दम्पत्ति ने वहाँ हमसे विदा ली।


इस श्रंखला की अगली कड़ी में मुलाकात होगी शेरों से और जर्मन नवयूवक रासमस से।


अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।। साउथ अफ्रीकन एयर लाइन्स और उसकी परिचायिकायें।। मान लीजिये, बाहर निलते समय, मैं आपका कैश कार्ड छीन लूं।। साउथ अफ्रीका में अपराध - जनसंख्या अधिक और नौकरियां कम।। यह मेरी तरफ से आपको भेंट है।। क्रुगर पार्क की सफाई देख कर, अपने देश की व्यवस्था पर शर्म आती है।। हम दोनो व्यापार कर बहुत पैसा कमा सकते हैं।। फैंटम टार्ज़न ... यह कौन हैं?।। हिन्दुस्तानी, बिल्लियों से क्यों डरते हैं।। आपको तो शर्म नहीं आनी चाहिये।।।


हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:
Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)

यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।

About this post in Hindi-Roman and English










is post per kruger park mein subah kee safari aur hamaare evam videshiyon ke beech, sarvjnik jgahon per prem tthaa sparsh krne ke vyvhaar ke anter ke baare mein charchaa hai. yeh hindi (devnaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.


This post talks describes about our morning safari in the Kruger park. It also talks about difference in our attitude from foreigners at public places regarding love and touch. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.





सांकेतिक शब्द
south africa, साउथ अफ्रीका, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,


Reblog this post [with Zemanta]

Wednesday, March 18, 2009

'वामन की वापसी' कहानी का मुक्त मानक से सम्बंध

मुक्त मानक और 'वामन की वापसी' श्रंखला की इस कड़ी में बताया गया है कि 'वामन की वापसी' विज्ञान कहानी के संदर्भ में किस प्रकार मुक्त मानक महत्वपूर्ण हैं और इन दोनो में क्या रिश्ता है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।
इसे आप सुन भी सकते है। सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाइल ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में,
सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें फिर या तो डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले। डाउनलोड करने के लिये पेज पर पहुंच कर जहां Download फिर फाईल का नाम लिखा है, वहां चटका लगायें।


भौतिक जीवन में सूचना लिपि में रहती है यदि लिपि को पढ़ा जा सकता है तो सूचना भी समझी जा सकती है यदि आप लिपि को नहीं पढ़ सकते तो वह सूचना हमेशा के लिए खो जायेगी । जैसा कि खगोलशास्त्री जयंत विष्णु नार्लीकर (Jayant Vishnu Narlikar) के द्वारा लिखी विज्ञान कहानी 'वामन की वापसी' में प्लेट पर लिखी सूचना के साथ हो रहा था। जब तक वह पढ़ी नहीं गयी, तब तक लोगों के समझ में नहीं आया कि,
  • क्यों वह सभ्यता क्यों नष्ट हो गयी? और
  • किस लिये वामन, लोगों को उसे अपने तरह के रोबॉट बनाने की विधि सिखाने की बात कह रहा था?

कंयूटर संसार में, सूचना मानक में रहती है । यदि मानक मालिकाना है तो यह हो सकता है कि उसके बनाने वाले उसे बनाना छोड़ दें और उसे बनाने का तरीका किसी और को न मालूम हो। इस दशा में वह सूचना हमेशा के लिए हाथ से निकल जायेगी।

यही कारण है कि सूचना को मुक्त मानक पर रखना ही बहुत अच्छा है यदि हम सूचना को मुक्त मानक पर रखते है तो यह सूचना कभी भी समाप्त नही हो सकती क्योंकि सबको मालूम है कि मुक्त मानक को किस प्रकार से कंम्पयूटर प्रोग्राम में पढ़ा जाये। इसीलिए आडियो फाइलों को mp3 मानक जो कि मालिकाना मानक है में रखना ठीक नहीं। इसके लिए ogg मानक कहीं बेहतर है। क्योंकि यह मुक्त मानक है।

महात्मा गाँधी ने एक बार कहा था,
'You must be change that you want to see in the world.'
जो बदलाव तुम दुनिया में चाहते हो स्वयं वैसा बनो।

मैं चाहता हूं कि दुनिया में मुक्त मानक, मुक्त सॉप्टवेयर पर काम हो। इसलिये स्वयं इसी पर काम करता हूं


मैं चाहता हूं कि दुनिया वाले मुक्त मानक का प्रयोग करें इसीलिए मै स्वयं पहले इनका प्रयोग करता हूं। मैं अपनी आडियो फाइलें ogg, टेक्सट फाइलें doc की जगह odt, प्रस्तुतिकरण ppt की जगह odp मानक में रखता हूं क्योंकि यह मुक्त मानक हैं। यह आपको तय करना है कि आप अपनी फाइलें किस मानक में रखें। यही कारण है कि मुक्त सॉफ्टवेयर पर काम करता हूं।

इसी के साथ यह श्रंखला समाप्त होती है। मैं होली पर केरल गया था। बहुत जल्दी उस यात्रा के संस्मरण लिखूंगा। इसके साथ, शीघ्र ही, किसी अन्य श्रंखला पर भी चलेंगे। तब तक के लिये तो झेलिये - साउथ अफ्रीका यात्रा के संस्मरण :-)

क्या आप किसी खास श्रंखला की यात्रा पर चलना चाहते हैं - बताईयेगा।


मुक्त मानक और वामन की वापसी
भूमिका।। मुक्त मानक क्यों महत्वपूर्ण हैं?।। मुक्त मानक क्या होते हैं?।। मुक्त मानक क्यों उचित साधन हैं।। जयंत विष्णु नार्लीकर की विज्ञान कहानी -वामन की वापसी।। 'वामन की वापसी' कहानी का मुक्त मानक से सम्बंध





संबन्धित वेब पेज





About this post in Hindi-Roman and English is post per Jayan Vishnu Narlikar ke dvaara likhee 'vaman ki vaapsi' vigyaan khaani aur open format ke beech sambandhon kee charchaa. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks about relevance of open format in light of the science fiction 'The Return of Vaman' written by Jayan Vishnu Narlikar. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द
book, book, books, Books, books, book review, book review, book review, Hindi, kitaab, pustak, Review, Reviews, science fiction, किताबखाना, किताबखाना, किताबनामा, किताबमाला, किताब कोना, किताबी कोना, किताबी दुनिया, किताबें, किताबें, पुस्तक, पुस्तक चर्चा, पुस्तकमाला, पुस्तक समीक्षा, समीक्षा,

Free file format, Free software, information , Information Technology, Intellectual Property Rights, information technology, Internet, Internet, Open Format, Open source software, software, software, technology, technology, Technology, technology, technology, Web, आईटी, अन्तर्जाल, इंटरनेट, इंटरनेट, ओपेन फॉमैट, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर, टेक्नॉलोजी, टैक्नोलोजी, तकनीक, तकनीक, तकनीक, मुक्त मानक, सूचना प्रद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेर,


Reblog this post [with Zemanta]

Monday, March 09, 2009

अगले जनम मोहे बिटिया दीजो

यह चिट्ठी ई-पाती श्रंखला की कड़ी है। यह श्रंखला, नयी पीढ़ी की जीवन शैली समझने, उनके साथ अपनी दूरी कम करने, और उन्हें जीवन के मूल्यों को समझाने का प्रयत्न है।

१९७६ में एक फिल्म, 'कभी-कभी' आयी थी। इसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था। इसके मुख्य कलाकार अमिताभ बच्चन, शशी कपूर, रिशी कपूर, राखी, वहीदा रहमान और नीतू सिंह थे। यह एक बेहतरीन फिल्म थी। इसका एक और कारण उसका संगीत भी था जिसे खय्याम ने दिया था। इसके गाने मन भावन हैं।

Wednesday, March 04, 2009

हिन्दुस्तानी, बिल्लियों से क्यों डरते हैं

साउथ अफ्रीका की यात्रा विवरण की इस कड़ी में, उम्भाबा लॉज़ की साक़ियः (lady bartender) की नज़रो से वहां के जीवन के बारे में चर्चा है।

क्रुगर पार्क में, शाम की सफारी लगभग ८ बजे रात को समाप्त हुई और हम लोग वापस अपनी उम्भाबा लॉज़ में वापस आ गये।
उम्भाबा लॉज़ में हमारे कमरे का दृश्य


इस ट्रिप में सुबह का नाश्ता और रात का खाना मुफ्त था। दोपहर के खाने के समय हम घूमते रहते थे। इसलिये घूमने की जगह ही खाने की बात थी। नाश्ते में हमेशा फलों का रस रहता था पर रात के खाने में न तो रस रहता था न ही पानी।  वे लोग चाहते हैं  कि रात के  खाने के समय लोग शराब या वाइन लें। साउथ अफ्रीका के प्रत्येक रेस्ट्रां में बार रहता था।  उम्भाबा लॉज में भी था। उसे एक महिला देख रही थी। वह उसकी साक़ियः थी। रात के भोजन के समय, वह महिला हमारी टेबल पर आयी और पूछा,
'क्या कोई  ड्रिंक लेना पसन्द करेगें?'

उम्भाबा लॉज़ में हमारे कमरे की बालकनी से बाहर का दृश्य

हमने बताया कि हम शराब नहीं पीते हैं पर क्या वह हमारे लिये मॉकटेल (Mocktail) बना सकती है। भारत में यह शब्द प्रचलित है पर लगता है कि वहां नहीं है। उस महिला ने यह शब्द कभी नहीं सुना था। उसने पूछा यह क्या होता है मैंने उसे बताया,
'कॉकटेल में  शराब डालते हैं। मॉकटेल में शराब की जगह जूस डालते हैं और इसे सोडा के साथ बनाया जाता हैं। चूंकि इसमें शराब नहीं होती है इसलिये इसे मॉकटेल कहते है। भारत में पार्टियों में यह अक्सर ली जाती है। अगली बार जब कोई भारतीय उनके लॉज़ में रुके और शराब न पीना चाहे तो  वह उनसे यह पीने के लिये पूछ सकती है।'


वह महिला मेरे लिये एक मॉकटेल बना कर लायी। यह उसने पहली बार किया था। इसलिये यह उतनी अच्छी नहीं बनी थी जैसा कि भारत में दावतों या रेस्ट्रां में पीने को मिल जाती है।
 

उम्भाबा लॉज़ में एक  काली और सफेद रंग की बिल्ली  थी। मैं उसको कुछ खिला रहा था तो उस महिला ने मुझसे पूछा,

'क्या आपको डर नही लगता है। क्योंकि  भारतीय लोग  बिल्ली से डरते है। जब भी वे हमारे लॉज़  में ठहरते है तो हमें बिल्ली को बंद करके रखना होता है।'

मैंने कहा,
'मैने हमेशा जानवर पाले हैं। हमारे यहां तरह तरह के जानवर रहे हैं इसलिए मैं बिल्ली से नहीं डरता। हालांकि बिल्ली से थोड़ा घबराता हूं क्योंकि मैंने कभी भी बिल्ली नहीं पाली है। यदि साउथ अफ्रीका में बिल्ली ने काट लिया तो मै क्या करूंगा।  भारत में बिल्ली नहीं पाली जाती है पर कुत्ते पाले जाते हैं इसलिए भारतीय लोग बिल्ली से घबराते हैं पर कुत्तों से नहीं।'

महिला ने  कहा कि यह बिल्ली पालतू है और तंग नहीं करती है। उसने मुझसे यह भी बताया कि,

'बिल्ली  पालन बहुत आसान है इनकी सफाई नहीं करनी पड़ती है और बिल्ली को खाना देने की जररूत नहीं है वह अपना खाना खुद ढूंढ लेती है।'

मैं अपने मित्रों के लिये वाइन लेना चाहता था। मैंने उससे वहां की अच्छी वाइन के बारे में पूछा। उसने कहा,
'आप लॉज़ से वाइन मत लीजिये यह महंगी पड़ेगी। आप बाज़ार से १९९६ में बनी कोई भी वाइन ले लीजिये क्योंकि उस साल अंगूर की फसल सबसे अच्छी हुई थी और उस साल की बनी वाइन सबसे बेहतरीन है।'
मैंने, वाइन, हवाई अड्डे से ली पर १९९६ की बनी वाइन नहीं मिल पायी।


हम लोग न केवल थके थे पर जोर की भूख भी लग रही थी। खाना खा कर ज्लदी सोने चले गये। हमें अगले दिन क्रुगर पार्क में, सुबह की सफारी लेनी थी।

अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा 
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।। साउथ अफ्रीकन एयर लाइन्स और उसकी परिचायिकायें।। मान लीजिये, बाहर निलते समय, मैं आपका कैश कार्ड छीन लूं।। साउथ अफ्रीका में अपराध - जनसंख्या अधिक और नौकरियां कम।। यह मेरी तरफ से आपको भेंट है।। क्रुगर पार्क की सफाई देख कर, अपने देश की व्यवस्था पर शर्म आती है।। हम दोनो व्यापार कर बहुत पैसा कमा सकते हैं।। फैंटम टार्ज़न ... यह कौन हैं?।। हिन्दुस्तानी, बिल्लियों से क्यों डरते हैं।।


हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।


is post per umbhaba lodge hazyview south africa kee saakiyh se baatcheet kee charchaa hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post describes views women bartender at Umbhaba lodge Hazyview South Africa. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
south africa, साउथ अफ्रीका, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,