Thursday, January 14, 2010

वह सफेद चमकीला कुर्ता और चूड़ीदार पहने थी

आइये चलते हैं देवभूमि, हिमाचल की यात्रा पर।

हम टैक्सी पर, सुबह दिल्ली से, हिमाचल की यात्रा के लिये निकले।


मेरा भाई चण्डीगढ़ में रहता था। मैं अक्सर उसके पास जाता था। तब हम लोग करनाल में, ओएसिस में रुक कर, चाय या काफ़ी लेते थे। यहां पर आप पेट्रोल ले सकते है। अच्छी दुकानें और रेस्टरूम हैं। वहां आप, खा, पी एवं सामान खरीद सकते हैं।  

इस बार भी, हम लोग जाते समय, वहां पर गये और कॉफी पी। वहां, रेस्टरूम का भी प्रयोग किया। लेकिन वह उतना अच्छा नहीं लगा, जितना की पहले लगता था। कुछ  चीजें टूटी सी लगी पर बाथरुम साफ था। 

चलते समय मैंने अपने टैक्सी चालक  से पूछा,
'क्या तुम्हारे पास  भजन या पुराने गानो की सीडी है?'

उसने नकारात्मक में जवाब दिया। लेकिन उसके पास कुछ पंजाबी गानों की सीडी थी जो हमारी समझ के बाहर थी।

हिमाचल यात्रा के दौरान एक दृश्य

ओसिस मार्केट में सीडी की भी दुकान है। हम उस पर गये। मैंने दुकान मालिक से पूछा कि क्या उसके पास हिन्दी के कुछ पुराने गाने होगें। उसने कहा देख लीजिए। उस समय, मैं चश्मा नहीं लगाये हुए था। इसलिए कुछ पढ़ पाना मुश्किल था। मैंने दुकानवाले से पूछा कि क्या वह पढ़ सकता है। उसने कहा कि वह भी नहीं पढ़ सकता है। मेरे बगल में एक प्यारी सी लड़की खड़ी हुई थी। मैंने उससे कहा,
'बिटिया रानी,  क्या तुम मेरे लिए हिन्दी के पुराने गानों की सीडी चुन सकती हो?'
उसने कहा,
'अवश्य अंकल।' 
उसने एक पुराने गानों की हिन्दी की सीडी पसंद करके मुझको दी। 

वह युवती सफेद रंग का, चमकीला कुर्ता और चूड़ीदार पहने थी। जिसमें सुन्दर नक्काशी थी। मैंने पूछा,
'क्या तुम कहीं घूमने जा रही हो?'
उसने हामी भरी। 

मैंने उससे  पूछा कि वह एकदम सफेद पोशाक क्यों पहने है क्योंकि वह आसानी से गंदी हो सकती है। यह पूछने पर वह शर्मा गयी। लगता था कि उसकी नई-नई शादी हुई थी या शादी की बात चल रही थी। इसलिए वह सौम्य कपड़े पहनना चाहती थी लेकिन चमकीले भी।

हमारे टैक्सी चालक के अनुसार करनाल में हवेली, ओसिस से बेहतर जगह है।  हिमालय यात्रा से  दिल्ली वापस लौटते समय,हम लोग ओसिस कॉम्प्लेक्स में न जाकर हवेली कॉम्प्लेक्स में गये। 

मुझे हवेली कॉम्प्लेक्स बेहतर जगह लगी। शायद इसलिये कि यह ओसिस के बाद बनी  और नयी  है।  यहां  भी स्नैक्स और कॉफी वगैरह मिलती है। हवेली कॉम्प्लेक्स में सबसे अच्छी बात  यह लगी कि इसमें एक जगह खाना भी मिलता है। आप अलग खाना आर्डर भी कर सकते हैं या थाली। थाली १२५ रू० से लेकर १७५ रू० तक की है। आपको जो थाली पसन्द हो वह आर्डर करें। यहां पर हमने खाना खाया। यह अच्छा था। यहां का बाथरुम साफ था। आप जायें तो यहीं पर रुक कर चाय या खाना खायें।


इस यात्रा में पवन हमारे टैक्सी चालक थे। अगली चिट्ठी में कुछ उनके बारे में और कुछ टिप्पणी और दिल्ली एवं केरल टैक्सी सेवा की तुलना।

देव भूमि, हिमाचल की यात्रा

वह सफेद चमकीला कुर्ता और चूड़ीदार पहने थी।।

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This post is about about my trip to Dev-Bhumi Himachal. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द
। हिमाचल, Himachal,

8 comments:

  1. आप के हर विवरण में कुछ न कुछ नया मिल जाता है।

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  2. बहुत सुंदर, लेकिन आप ने हबेली मै कमरो का रेट नही लिखा जो जरुरी था.
    धन्यवाद

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  3. इस नयी यात्रा में और वह भी देवभूमि की में हम क्यों साथ न रहें ..चलते हैं आपके साथ साथ ...

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  4. राज जी, ओएसिस या हवेली एक मॉल है। यहां आप रुक कर चाय, खाना, या खरीददारी कर सकते हैं। यहां रात में रुकने की बात नहीं है।

    मेरी चिट्ठी पढ़ने से पहले कुछ भ्रम पैदा होता था। इसे अब ठीक कर दिया है।

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  5. यात्रा में हम साथ-साथ हैं...बढ़े चलें... :)

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  6. "लेकिन बाथरुम साफ था। वहां हमने काफ़ी पी।" :)
    ये लाईनें एक साथ पढकर हंसी आ गई है।

    बच्चा समझ कर मुझे माफ कर दीजियेगा,
    प्रणाम स्वीकार करें

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  7. सोहिल जी, आपकी नजर, पारखी की नजर है। सही कह रहे हैं। मैंने तो सोचा ही नहीं था। अब ठीक कर दिया है।

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  8. बढियां --------सफर तो सुहाना होना ही चाहिए.----

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