Tuesday, September 04, 2012

झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे

नैनीताल झील को साफ रखने के प्रयत्न हो रहे हैं। इस बारे में वहां के उच्च न्यायालय में लोक हित याचिका दायर हुई है। इस चिट्ठी में, उसी के बारे में चर्चा है।


नैनीताल झील में नौका विहार करते समय, हम लोगों ने देखा कि झील में कई जगह  बुलबुले निकल रहे हैं। पूछने पर हमारे नाव चलाने वाले व्यक्ति शंकर सिंह ने बताया,

'झील का पानी बहुत गंदा हो गया था। इसमें ऑक्सीजन नहीं रह गयी थी। इसलिये मछलियां मर रहीं थीं।
झील की सफाई के लिए, उच्च न्यायालय में, एक लोकहित याचिका दायर हुई थी। उसके बाद - २ पावर हाउस बनाये गये हैं जिससे आक्सीजन पानी के अन्दर जगह जगह भेजी जाते है। आप जो यह बुलबुले देख रहे है यह पानी से निकलते हुए उसके बुलबुले हैं।'
मुझे  कुछ कम समझ में आया कि वह वास्तव में, आक्सीजन के बुलबुले हैं या हवा को ही पानी में डाल रहा है। 

पावर हाउस देखने में बड़ा नहीं था। मुझे लगा कि शायद वह केवल वातावरण से हवा में पानी डाल रहे होगें, क्योंकि हवा में आक्सीजन तो है ही। वही पानी में मिलती होगी। जिससे मछलियां सांस ले सकती हैं।

शंकर के मुताबिक,

'पहले माल रोड पर घोड़ों का अस्तबल हुआ करता था। ठंडी सड़क पर घोड़े चलते थे। उनकी पेशाब, लीद झील में आती थी। इसके कारण गंदगी हो जाया करती थी
अस्तबल को ऊपर कर दिया गया है और ठंडी सड़क पर उनका चलना भी, ताकि झील में गन्दगी कम हो।'
झील की सफाई करने के लिए जगह जगह पर बहुत सारे बुल्डोज़र थे जो कि इस गंदगी को निकाल रहे थे। शंकर सिंह के मुताबिक यह गंदगी निकालकर बगल में सड़क बनायी जा रही है ताकि सड़क भी बन जाए और इस झील की सफाई भी हो जाए। 

अगली बार इस बारे में हो रहे कुछ और तरीकों की चर्चा होगी।



जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं

जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।।

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होप डायमन्ड



 
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सांकेतिक शब्द
Nainital,
Kumaon,
। PIL, lake,
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6 comments:

  1. पर्यावरण भी ऑक्सीजन पर है, धौंकनी देते रहना पड़ेगी।

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  2. I heard about it . It is illegal to put garbage in any natural resource like lake or river . But in almost all cities the garbage outlet of drains are being taken to river . Its unfortunate that even after spending so much money administration couldn't implement any alternative modernize method to decompose the garbage . While in other countries it has been implemented .

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  3. आजकल झीलों और नदियों की दुर्दशा ही अधिक देखी है . संतोषजनक खबर है कि कही कुछ काम भी हो रहा है .

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  4. अच्छी खबर देने के लिए धन्यवाद

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  5. As you said in post " मुझे कुछ कम समझ में आया कि वह वास्तव में, आक्सीजन के बुलबुले हैं या हवा को ही पानी में डाल रहा है। " , I too was doubtful over this way of oxygenating water until i searched over web .
    Since air contains 21% of oxygen so supplying air too can oxygenate water . This is called water aeration . I guess they are using Fine/coarse bubbling technique . For more details check it out http://en.wikipedia.org/wiki/Water_aeration .

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  6. पढ़ तो उसी दिन लिया था ...आपका सोचना सच था हवा ही ऐरेटर से डाली गयी होगी ....जितना पानी में आक्सीजन घुलना होता है घुल जाती है!
    चित्र में साफ़ साफ़ कम्रेसर ही तो लिखा है -संपीडित हवा डाली जा रही है!

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