Saturday, December 08, 2012

गणित छोड़, सब विषयों में फेल

इस चिट्ठी में रामनुजन के द्वारा बिताये स्कूल के जीवन की चर्चा है।
गॉवर्मेन्ट कॉलेज कुम्बाकोनम जहां रामानुजन फेल हो गये - चित्र यहां से


रामानुजन ने प्राइमरी परीक्षा में पूरे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्कूल में प्रवेश लेते समय, इनकी ख्याति गणित के जानकार के रूप में हो चुकी थी। 

एक दिन स्कूल में, उनके वरिष्ठ विद्यार्थी ने यह जानने के लिये कि उन्हें वास्तव में गणित की जानकारी है अथवा नहीं, निम्न समीकरण हल करने के लिए कहा:
√क + ख = ११
क + √ख = ७

यदि आप इस समीकरण को प्रारम्परिक तरीके से हल निकालने के लिए कोशिश करेगें तो यह वास्तव में मुश्किल है। यदि अंतरज्ञान से निकालने का प्रयत्न करेगें तो इसका हल बहुत आसानी से निकल जायेगा।
 

रामानुजन ने अपनी स्कूल की शिक्षा अच्छे नम्बरों से पास की तथा उन्हे कॉलेज में छात्रवृत्ति के साथ प्रवेश दिया गया। लेकिन यहां उनका मामला गड़बड़ा गया। 

रामानुजन को केवल गणित से प्यार था, वे केवल गणित के बारे में ही सोचते थे और गणित का ही सपना देखते थे। इसी कारण ही वह गणित को छोड़कर सारे विषयों में फेल हो गये - एक बार नहीं, दो बार नहीं,  बल्कि तीन बार। तीन फेल हो जाने के बाद, उन्होंने, गणित पर और कार्य करने के लिए,  कॉलेज छोड़ दिया। 

वर्ष १९०९ में २१ साल की आयु में रामानुजन का विवाह ९ वर्ष की जानकी से हो गया था। इस समय यह बहुत ही जरूरी था कि वह कोई नौकरी करे ताकि घर का खर्चा चल सके। 


रामानुजन के पास न तो कोई डिग्री थी और न ही उसे कोई काम आता था। उसके पास तो एक नोट बुक थी जिसमें अजीबो गरीब तरह के समीकरण लिखे थे। इस समय वह अपने गणित से सम्बन्धित मित्रों के पास गये और उनके मित्रों ने उन्हें निराश नहीं किया। 

अगली बार, कुछ उन मित्रों के बारे में, जिन्होंने रामानुजन की सहायता की।

अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन 
  भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।।


About this post in Hindi-Roman and English 
hindi (devnagri) kee is chitthi mein, ganitagya Srinivasa-Ramanujan ke skoolee jeevam  kee charchaa hai. ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post in Hindi (Devnagri) is about school life of mathematician Srininvas Ramanujan. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द  
Srinivasa-Ramanujan,
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6 comments:

  1. रामानुजम के समीकरणों ने सभी को हतप्रभ किया है।

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  2. अच्छी जानकारी ... रामानुजम का ज़िंदगी का गणित कैसा रहा ?

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  3. वाह! अन्तर्ज्ञान से एकदम हल 2,3. लेकिन गणितीय हल - गणित छोड़ने के इतने दशक बाद आज तो यह भी समझ नहीं आया कि हल खोजने की शुरुआत कहाँ से की जाय. काश आप ही पारंपरिक तरीके का हल भी सुझा दें
    :(

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    1. अनुराग जी, इसका हल ४ वा ९ है। शायद आप यही कहना चाहते थे।

      पारंपरिक तरीका तो यह है कि एक समीकरण से पहले 'क' का मान 'ख' के अर्थों में निकाल कर, दूसरे समीकरण में रखा जाय। उसके बाद दूसरे में केवल 'ख' रहेगा। उसके बाद उससे 'ख'का हल निकाला जाय।

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  4. एकहि साधै सब सधै के मंत्र को हम जानते हुए भी भुला देते हैं. प्रेरणास्पद है रामानुजम जी की कहानी.

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  5. पोस्ट छोड़ हम समीकरण हल करने में ही लग गये!

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