Saturday, January 19, 2013

दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे

गॉडफ्रे हेरॉल्ड हार्डी  ने ही रामनुजान के महत्व को पहचाना। इस चिट्ठी में, उन्हीं के बारे में चर्चा है।
गॉडफ्रे हेरॉल्ड हार्डी ७-२-१८७७ से १-१२-१९४७ चित्र विकिपीडिया से

हार्डी का जन्म ७ फरवरी १८७७ और उनकी मृत्यु १ दिसंबर १९४७ को हुई। हार्डी, दो बच्चों में से, बड़े थे। उनकी बहन, उनसे छोटी थीं। दोनो ने शादी नहीं की। हार्डी अपनी बहन के लिये जीवन भर एहसानमन्द रहे, क्योंकि उसने अपना जीवन हार्डी की सेवा में लगा दिया था।

हार्डी के माता पिता अध्यापक थे। उन्हें गणित में दिलचस्पी थी। इसी कारण हार्डी को बचपन से ही गणित में रूचि थी। बचपन से सवाल पूछने और बातों के तह तक जाने की प्रवृति के कारण, उनका विश्वास मज़हबी सिद्धान्तों से उठ गया था।

हार्डी ने अपनी उच्च शिक्षा, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) के ट्रिन्टी कॉलेज से पूरी की। वहां वे गणित के ट्राईपॉस परीक्षा में, चौथे नम्बर पर थे। उन्हें ट्राईपॉस पद्धति पसंद नहीं थी।  वे जब कैम्ब्रिज  विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने तब इसे समाप्त करने का प्रयत्न भी किया।


महराजा रंजीत सिंह चित्र - विकिपीडिया से
हार्डी को क्रिकेट पसन्द था। जब रंजीत सिंह ब्रिटेन में क्रिकेट खेलते थे तब हार्डी स्कूल में थे । हार्डी को उनका खेल पसन्द था। यही कारण था का वे भारतीयों को नीची नज़र से नहीं देखते थे। वे समझते थे की भारतीय भी किसी से कम नहीं। शायद इसी समझ ने, जनवरी १९१३ में, जब उन्हें रामानुजन का पत्र मिला तब उनका महत्व पहचानने में सहायता की।

हार्डी इंग्लैंड के प्रसिद्ध गणितज्ञो में थे। वे रॉयल सोसायटी और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो थे। हार्डी की जगह, गणित के इतिहास में सुरक्षित थी।

हार्डी ने, हार्डी-वाइनबर्ग (Hardy-Weinberg) नामक आनुवंशिक (Genetics) जेनेटिक,  सिद्धांत भी निकाला था। यह सिद्धांत कहता है कि,

'Dominant traits would not take over and recessive traits would not die out.'
प्रबल विशिष्टता हावी नहीं हो पायेंगी और अप्रभावी विशिष्टता विलुप्त नहीं होंगी।
हार्डी का जीवन आनन्द से बीत रहा था। उनकी निश्चित दिनचर्या थी। वे सुबह उठ कर अखबार पढ़ते या मिले पत्रों को देखते। नाश्ते के बाद यदि उन्हें क्लास होता तो पढ़ाने जाते अथवा गणीत में अपना शोद्ध करते। दोपहर के बाद या तो पास में क्रकेट का मैच देखने चले जाते या फिर टेनिस खलने जाते।    

हार्डी को सैकड़ों फर्जी पत्र मिलते थे जिसमें गणित के प्रमेयों का हल निकालने का दावा रहता था। उनका स्थान एक ही जगह था - रद्दी की टोकरी। उन्हें, रामनुजन का पत्र जनवरी १९१३ में मिला। हार्डी को पत्र देखने के बाद लगा कि शायद यह भी फर्जी है। उन्होंने उसे भी रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। और हर दिन की तरह अपनी दिनचर्या पूरी करने लगे।

लेकिन पत्र में कुछ अजीब तरह के समीकरण लिखे थे। यह समीकरण, दिन भर हार्डी के दिमाग पर छाये रहे। शाम को वापस आकर हार्डी ने पुनः उस पत्र को देखा। इस बार उन्हें लगा कि इसमें कुछ समय देना चाहिये। उन्होंने, अपने सहयोगी जान इडेंनसर लिटिलवुड को खबर भिजवायी कि, वे रात के खाने के बाद मिलकर इस पत्र के बारे में बात करेंगे। 

अगली बार हमे बात करेंगे कि उस रात में क्या हुआ और इसका क्या फल रहा।

अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन
भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।। रामानुजन को भारत में सहायता।। रामानुजन, गणित की मुशकिलों में फंस गये हैं।। दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे।।


About this post in Hindi-Roman and English 
godfrey harol hardy ne ramnujan ke mahatva ko pahchana, hindi (devnagri) kee is chitthi mein, hardy ke baare mein charchaa hai. ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

Godfrey Harold Hardy recognised importance of Ramanujan, This post in Hindi (Devnagri) is about him. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द  
Godfrey Harold  Hardy,
Srinivasa-Ramanujan,
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11 comments:

  1. उत्सुकता जगाती पोस्ट! अगली का इंतजार है अब तो!

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  2. Replies
    1. मैं प्रयत्न करता हूं कि हर शनिवार की सुबह चिट्ठी प्रकाशित करूं।

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  3. अरे ,ये हार्डी वीनबर्ग सिद्धान्त वाले ही हार्डी हैं? :-) कितना मजेदार!

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  4. रामानुजम को वैश्विक मंच देने में हार्डी का महत्व अप्रतिम है..रोचक कथा..

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  5. यह पूरी कहानी किस किताब / वेबसाइट पर है? अगर संदर्भ मिले तो इसे विस्तृत रूप में पढ़ कर आनंद उठाया जाए.

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    1. रवी जी, हिन्दी में मैं किसी इस तरह की पुस्तक के बारे में नहीं जानता पर अंग्रेजी में रामानुजान के बारे में कुछ पुस्तकें हैं जिन्हें पढ़ कर, मैंने यह श्रंखला लिखी है और इसे कड़ियों में प्रकाशित कर रहा हूं। इन पुसतकों के नाम यह हैं।
      १-The Man Who Knew Infinity: A Life of the Genius Ramanujan by Robert Kanigel
      २-The Indian Clerk is a novel by David Leavitt
      ३- History of Mathematics Volume-9 Ramanujan Letters and Commentary by Bruce C. Berndt Robert A Rankin
      आप चाहें तो इन्हें पढ़ सकते हैं।

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  6. shweta2:10 pm

    interesting . publish it tomorrow only ... it has lit up curiosity !

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    1. श्वेता जी, इंतजार करिये। संतोष का फल मीठा ही होगा।

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  7. रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी

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  8. उन्मुक्त जी, चीठ्ठी को चिठ्ठा बना दीजीये!, मन नही भरता है, जब लेख चरम पर पहुंचता है आप कह देते है " शेष अगली कड़ी मे!".....

    :-(

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