Saturday, February 09, 2013

जन अदालत द्वारा, त्वरित न्याय की परंपरा पुरानी है

इस चिट्ठी में, न्याय देवता के मन्दिर की चर्चा है।
गोलू न्याय देवता का मन्दिर घोड़ाखाल


नैनीताल और बिन्सर के रास्ते घोड़ाखाल में न्याय देवता का मन्दिर पड़ता है। मैंने पिछली बार न्याय देवता या ग्वेल जी की कथा का वर्णन किया था। 

ग्वेल जी के कई नाम थे, गोलू बाला गोरिया, गौर -भैरव,  बाला गोरिया, गौर भैरव। उनका नाम ग्वेल इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने अपने राज्य में जनता की एक रक्षक के रूप में रक्षा की थी वे न्याय प्रिय थे। दरबार में जिसने करूण पुकार की उसे उन्होंने दूर किया। इसलिए इन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है।

ग्वेल जी जब राजा थे तब वे राज्य में घूम-घूम कर जन अदालत लगाकर त्वरित न्याय दिया करते थे। आज भी लोक अदालतों के माध्यम से जनता को तुरंत न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है। ग्वेल जी इस आवश्यक्ता को समझते हुए,  अपने समय में, लोक अदालतों का न्याय कार्य आरम्भ कर चुके थे। 


ऎसी मान्यता है कि यदि आपके साथ अन्याय हुआ है और लिखित रूप में इनके मंदिर में फरियाद करेगें तो आपको न्याय मिलेगा। मंदिर के अन्दर, मुझे सैकड़ों इस तरह की फरियाद  कागज़ या स्टैम्प पेपर पर लिखी देखने को मिली। 

यहां पर चारो तरफ घटियां लगी है। यह मुझे समझ में नहीं आया। मैने इसके बारे में पूछा तो बताया गया कि ऎसी मान्यता है कि जब आपको न्याय मिल जाए तब आप वहां पर एक घंटी लगाये। इसीलिए यहां सैकड़ो घंटिया लगी हुई है। आप जब इस मंदिर में जाए तो बहुत सम्भल कर जाएं हो सकता है कि वह घंटी आपके सिर में लग जाए। मेरे साथ कुछ ऎसा ही हुआ। हांलाकि ज्यादा चोट नहीं लगी।



अगली चिट्ठी में, बिन्सर के रास्ते और वहां के विश्राम ग्रह की चर्चा है।

जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं
जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।। नैनीताल झील की सफाई के अन्य तरीके।। पास बैटने को कहा, तो रेशमा शर्मा गयी।। चीनी खिलौने - जितने सस्ते, उतने बेकार।। कमाई से आधा-आधा बांटते हैं।। रानी ने सिलबट्टे को जन्म दिया है।। जन अदालत द्वारा, त्वरित न्याय की परंपरा पुरानी है।।

 
About this post in Hindi-Roman and English 
hindi (devnagri) kee is chitthi mein,  nainital se binsar ke raste mein pare golu devta ke mandir  kee charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

On the way to Binsar from Nainital, there is temple of Golu (nyay) Devta. This post in Hindi (Devnagri script) is about visit to that temple. You can read translate it into any other  language also – see the right hand widget for translating it.

सांकेतिक शब्द
। nyay devta, golu devta, gaur bhairav, Binsar,
Kumaon,  
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2 comments:

  1. घंटियों से आपने सावधान कर आपने अच्छा किया -मुझे मंदिरों में इनसे दर लगता है -एक बार तो गूमड़ ही निकल आया था ......तब से मंदिर में प्रवेश बहुत आहिस्ता आहिस्ता निरुत्साहित होकर करता रहा हूँ :-)

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  2. न्याय मिले, किसी भी माध्यम से..शीघ्र मिले..

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