Sunday, July 07, 2013

किलमोड़ा - अलमोड़ा नाम इसी नाम से पड़ा

इस चिट्ठी में, कुमाँयू ग्रामीण उद्योग और उसके काम के बारे में चर्चा है।
किलमोड़ा मुक्तेश्वर दुकान पर महिला विक्रेता

कुमाँऊ  ग्रामीण उद्योग, कम्पनी ऎक्ट की धारा २५ के अन्तर्गत एक रजिस्टर्ड कम्पनी है। यह ग्रामीण क्षेत्र में काम करती है और उन लोगों के द्वारा बनाये गये उद्योगों को बढ़वा देती है। 

किलमोड़ा का झाड़
किलमोड़ा एक छोटा सा झाड़ होता। इसके फल छोटे, खट्टमिट्ठे होते हैं। इसकी जड़ में  औषधीय गुण हैं। इसे पानी में भिगो कर मधुमेह की बिमारी में प्रयोग किया जाता है। यह उत्तराखंड में पाया जाता है। अलमोड़ा नाम इसी नाम से पड़ा है। 

कुमाँऊ  ग्रामीण क्षेत्र का व्यवसायिक नाम 'किलमोड़ा' है। इनकी दुकाने इसी नाम से हैं जिनमें कुमाऊँ ग्रामीण क्षेत्र में बनायी गयी चीजों को रखा जाता है। इन्हें आप खरीद सकते हैं। इनकी एक दुकान मुक्तेश्वर में है। हम लोग एक दिन इस दुकान में भी गये।
दुकान में समान और ग्राहक

मेरी पत्नी कुछ पंशमीना शॉल खरीदना चाहती थी। मुझे लगा कि वहां पर जाकर कुछ फायदा नहीं होगा इसलिए मैं उसके अन्दर नहीं गया। मेरी पत्नी जब वहां से सामान खरीद कर निकली तो मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि जिन पैकेट को लेकर वह आयी थी वह एक अख़बार का पैकेट था। यह उसी प्रकार के अखबार के पैकेट थे जैसा कि भोपाल में, मृगनयनी की दुकान में मिलता है। लेकिय यह कुछ फर्क था।

इस पैकेट में ख़ासियत थी कि ऊपर उठाने के लिए रस्सी जहां पैकेट के छेद में फंसायी गयी थी वहां पर तांबे की सील थी जिसके कारण वह छेद और बड़ा नहीं हो रहा था।

इस पैकेट को देखकर मुझे इस दुकान में जाने के लिए कुछ रूचि पैदा हुई।

मैंने अपनी के साथ दुकान के अन्दर गया। वहां पर एक प्यारी सी लड़की बैठी हुई थी। उसने बताया कि इस दुकान में हाथ बना हुआ स्वेटर, खिलौना, साल, मिर्च मसाले, खुवानी  से बनी हुई त्वचा के रख रखाव के लिए लोशन और तेल मसाले आदि मिलते है। इसमे बने हुए खिलौने रखे हुए थे और वह बहुत ही सुन्दर थे। 

कुमाँऊ ग्रामीण उद्योग अपनी वेबसाइट है जिसमें इनके द्वारा बनाये समानों की सूची है। मेरे विचार से आप किलमोड़ा के बनाये समान देखें आपको जरूर पसन्द आयेंगे। 


किलमोड़ा में मिलने वाले ऊनी शॉल का विज्ञापन करती एक मॉडेल - चित्र उन्हीं की वेब साइट से

जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं
जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।। नैनीताल झील की सफाई के अन्य तरीके।। पास बैटने को कहा, तो रेशमा शर्मा गयी।। चीनी खिलौने - जितने सस्ते, उतने बेकार।।कमाई से आधा-आधा बांटते हैं।। रानी ने सिलबट्टे को जन्म दिया है।। जन अदालत द्वारा, त्वरित न्याय की परंपरा पुरानी है।। बिन्सर विश्राम गृह - ठहरने की सबसे अच्छी जगह।। सूर्य एकदम लाल और अंडाकार हो गया था।। बिजली न होने के कारण, मुश्किल तो नहीं।। हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज़ - सुन्दर तो लगेगा ना।। यह इसकी सुन्दरता हमेशा के लिये समाप्त कर देगा।। सौ साल पुरानी विरासत, लेकिन रख रखाव के लिये  पैसे नहीं।। वहां पहुंचने का कोई सुविधाजनक तरीका न था।। ठीक रख-रखाव के लिये, पुस्तक पर सोने की प्लेटिंग।।ठंडा रखने के लिये, प्रकृति का प्रयोग।।किलमोड़ा - अलमोड़ा नाम इसी नाम से पड़ा।।


About this post in Hindi-Roman and English 
This post in Hindi (Devnagri script) is about Kumaon Grameen Udyog and its work. You can read translate it into any other  language also – see the right hand widget for translating it.

hindi (devnagri) kee is chitthi mein, Kumaon Grameen Udyog aur uske kaam kee charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द
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6 comments:

  1. वाह, स्थानीय उत्पादों से गति पाता स्वाबलम्बन...

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  2. किल्मोड़ा से अल्मोड़ा नहीं पता था -वेबसाईट देखी ! पशमीना शाल नहीं मिली ?

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    1. अरविन्द जी, शायद यह लोग पश्मीना शॉल नहीं बनाते पर चित्र में जो मॉडल शॉल पहने है वह जरूर बनता होगा क्योंकि यह चित्र उन्हीं की वेबसाइट से है।

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    2. उन्मुक्त जी ,
      पशमीना शाल को लेकर बाज़ारों में बड़ी धांधली है .ओरिजिनल पशमीना शाल हिमालया/ तिब्ब्ती बकरी (कापरा ऐगैग्रस हिर्कस ) के उन से बनता है। आप लिए होते तो दाम वाम पूछते !

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  3. किल्मोड़ा /अल्मोड़ा पता चला।

    अच्छा लगा इसे बांचना!

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  4. shweta6:09 pm

    thanks for sharing useful website .

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