Saturday, July 13, 2013

द इंडियन कलार्क

इस चिट्ठी में डेविड लैविट (David Leavitt) के द्वारा, रामानुजन और हार्डी के बारे में लिखी लिखी पुस्तक 'द  इंडियन क्लार्क' (The Indian Clerk), की चर्चा है।


१९३६ में हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अपने ३०० साल पूरे किये। इस साल विज्ञान एवं कला पर बहुत से सम्मेलनों का आयोजन किया गया। इसमें गणित के एक सम्मेलन में, हार्डी ने रामनुजन पर बहुत से भाषण दिये। पुस्तक 'द  इंडियन क्लार्क', यहीं से शुरू होती है। लेकिन इसकी कहानी हार्डी को रामानुजन के पत्र मिलने और उसके भारत आने के बीच के समय की है।

पुस्तक में कुछ भाषण वह हैं जो कि वास्तव में हार्डी ने दिये तथा कुछ वह जो वह उन भाषण के बीच सोचता है।  जो कि लेखक की कल्पना है।

यह पुस्तक एक प्रकार की ऐतिहासिक काल्पनिक उपन्यास है। इसके मुख्य पात्र और घटनायें सच हैं। लेकिन, घटनाओं में मिर्च मसाला जोड़ दिया गया है और कुछ छोटी मोटी घटनायें जोड़ दी गयी हैं।  इन सब के कारण पुस्तक इतनी रोचक हो गयी है कि एक बार शुरू करना पर छोड़ने का मन नहीं करता है।

यह सच है कि एरिक हेरॉल्ड नेविले १९१३ में भारत आये थे। हार्डी ने उनसे भारत में रामानुजन से मिलने और रामानुजन को कैम्ब्रिज़ विश्वविद्यालय आने को राजी करने को कहा था। एरिक की पत्नी एलिस नेविले, रामानुजन के बारे में चिन्तित रहती थी लेकिन उनसे रुमानी तरह से नहीं जुड़ी थी।

लिटिलवुड का प्रेम प्रसंग एक विवाहित महिला के साथ हुआ था पर यह उस समय नहीं था जब रामानुजन वहां था। लेकिन के भारत वापस आने के बाद हुआ था।

इस पुस्तक में, कैम्ब्रिज़ विश्विद्यालय में प्रचलित समलैंगिगता का पुट है। इसलिये यह शायद बहुत कम उम्र के लोगों के लिये उचित न हो। लेकिन यह पुस्तक रोचक है पढ़ने योग्य है - मिले तो अवश्य पढ़ें।


अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन 
भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।। रामानुजन को भारत में सहायता।। रामानुजन, गणित की मुशकिलों में फंस गये हैं।। दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे।। दूसरा न्यूटन मिल गया है।। अभाज्य अंक अनगिनत हैं।। दस खरब असाधारण शून्य सीधी पंक्ति में हैं।। दस लाख डॉलर अब भी प्रतीक्षा में हैं।। मेरे जीवन का रूमानी संयोग शुरू हुआ।। गणित में, भारत इंगलैंड से सदियों पीछे था।। उनका नाम गणित के इतिहास में अमर हो जायगा।। रामनुजम ने स्वयं अपना आविष्कार किया।। रामानुजन को, इंग्लैड का खान-पान  रास नहीं आया।। हार्डी, यह नम्बर अशुभ नहीं है।। द मैन हू न्यू इनफिनिटी।। द इंडियन कलार्क।।


About this post in English and Hindi-Roman
David Leavitt's has wriiten a book 'The Indian Clerk' about Ramanujan and Hardy. This post in Hindi (Devnagri) is book review of the same. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

Hindi (Devnagri) kee is chhitthi mein David Leavitt kee Ramanujan aur Hardy ke bare mein likhee pustak 'The Indian Clerk' kee smeeksh hai. ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द  
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4 comments:

  1. रामानुजम के ऊपर पुस्तक पढ़ना निश्चय ही रोचक होगा..आभार।

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  2. द इंडियन कलार्क -कितना कुछ महत्वपूर्ण छूट गया है पढने को :-( आभार !

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  3. shweta3:45 pm

    which one is more authentic ? The Indian clerk or the man who knew infinity ?

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    1. 'द मैन हू न्यू इन्फिनिटी' ज्यादा प्रमाणिक है पर 'द इंडियन कलार्क' कल्पना में ज्यादा गोते खाती है इसलिये ज्यादा रोचक है।

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