Monday, November 18, 2019

नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें

इस चिट्ठी में, अपने पिता, इमरजेन्सी  और नैनी सेन्ट्रल जेल की यादें।

नैनी सेन्ट्रेल जेल का दरवाजा - जहां से हमें अन्दर ले जाया जाता था

तुम्हारे बिना
।। 'चौधरी' ख़िताब - राजा अकबर ने दिया।। बलवन्त राजपूत विद्यालय आगरा के पहले प्रधानाचार्य।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। मेरे बाबा - विद्यार्थी जीवन और बांदा में वकालत।। बाबा, मेरे जहान में।। पुस्तकें पढ़ना औेर भेंट करना - सबसे उम्दा शौक़।। सबसे बड़े भगवान।। जब नेहरू जी और कलाम साहब ने टायर बदला।।  मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी।। अम्मां - मेरी यादों में।।  दद्दा (मेरे पिता)।।My Father - Virendra Kumar Singh Chaudhary ।।  नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। मां - हम अकेले नहीं हैं।।  रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। चौधरी का चांद हो।।  दिनेश कुमार सिंह उर्फ बावर्ची।। GOODBYE ARVIND।।

Tuesday, September 03, 2019

अनुच्छेद ३७० और आइज़ैक एसिमॉव

इस चिट्ठी में, भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३७० के  हटाने की प्रक्रिया को, आइज़ैक एसिमॉव की विज्ञान कहानी  'In a Good Cause' के द्वारा समझने का प्रयत्न किया गया है।

यह चित्र बहुत सारी वेबसाइटों पर है। मुझे नहीं मालुम इस पर किसका कॉपीराइट है। लेकिन जिसका भी है, उसे धन्यवाद

Wednesday, August 14, 2019

कार में नंबर प्लेट, कभी नहीं

इस चिट्ठी में, 'स्टीव जॉब्स द लाइफ लेसनस् एंड रूल्स फॉर सक्सेस' नामक पुस्तक की समीक्षा है।

Sunday, August 04, 2019

सही उत्तर - समस्या समाप्त नहीं करता

इस चिट्ठी में, योको ओगावा की लिखी पुस्तक 'द हाउसकीपर एण्ड द प्रोफेसर' की समीक्षा है।  यह पुस्तक मूल रूप से जापानी भाषा में लिखी गयी है और उसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।

Wednesday, June 26, 2019

भौतिकी के बादशाह: एनरिको फर्मी और परमाण युग का जन्म

जीनो सेग्रे (Gino Segrè) और  बेटीना होर्लिन (Bettina Hoerlin) पति-पत्नी  हैं। उन्होंने  'द पोप ऑफ फिजिक्स: एनरिको फर्मी एंड द बर्थ ऑफ एटॉमिक एज' (The Pope of Physics: Enrico Fermi and the Birth of the Atomic Age) लिखी है। यह वैज्ञानिक एनरिको फर्मी की जीवन कथा है।
इस चिट्ठी में, इसी पुस्तक की समीक्षा है। 

Sunday, May 12, 2019

अम्मा - मेरी यादों में

अम्मां (९.२.१९२२-४.८.१९८४), हम लोगों के इस दुनिया में आने के बाद।

रिश्तों में सबसे पवित्र रिश्ता मां का - आज मां-दिवस पर, कुछ बातें अम्मां के बारे में।
मेरी बहन मुझसे सात साल बड़ी। मेरा और उसका रिश्ता भाई-बहन का कम, मां-बेटे का ज्यादा। कुछ बातें, उसके बारे में भी।

इसी के माध्यम से, कुछ चर्चा पालन-पोषण और बड़े होने के बारे में

Saturday, April 13, 2019

जलियाँवाला बाग में बसंत

अनर्किकल एण्ड रेवलूशनेरी ऐक्ट (Anarchical and Revolutionary Crimes Act) १० मार्च १९१९ को बना। यह न्यायमूर्ती सिडनी रॉलेट कि अध्यक्षता वाली कमेटी की अनुशंसा पर बानाया गया। यह काला कानून था और लोगों के बीच रॉलेट ऐक्ट के नाम से जाना गया। इसके अन्दर, लोगों को बिना मुकदमा चलाये, बिना किसी न्यायिक समीक्षा (यानि बिना कारण) दो साल के लिये नज़रबन्द किया जा सकता था।

आज के दिन, सौ साल पहले, १३ अप्रैल १९१९ को हिन्दू, मुसलमान और सिखों ने इसका शान्तिपूर्वक विरोध करने के लिये मैदान में सभा बुलायी। इस सभा पर कर्नल रजिनॉल्ड डायर ने बिना चेतावनी दिये, बिना कारण निहत्थों पर गोली चलायी। जिसमे सैकड़ों लोग मारे गये और हज़ारों लोग घायल हो गये। बाद में मैदान को, बाग में परिवर्तित कर दिया गया और यह जलियाँवाला बाग बन गया। 
इसी नरसिंहार पर सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता - हंस प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित सुभद्रा समग्र से।

Tuesday, March 12, 2019

यह हम क्या कर रहे हैं

इस चिट्ठी में सर्फ-एक्सल के नये के विज्ञापन पर उठे विवाद पर चर्चा है। 

Tuesday, February 19, 2019

हर कुंभ मेला १२ साल बाद नहीं होता

इस चिट्ठी में बताया गया है कि क्यों हर कुंभ (अब महाकुंभ) मेला १२ साल बाद नहीं होता है।
अर्ध-कुंभ (अब कुंभ) इलाहाबाद २०१९ - चित्र सुश्री अमृता चैट्रजी के सौजन्य से

Sunday, February 10, 2019

अमिताभ बच्चन - कुंभ और भ्रम

इस चिट्ठी में चर्चा है कि कुंभ मेले का नाम कुंभ मेला क्यों है; क्या इलाहाबाद मे होने वाले मेले को कुुंभ मेला कहना चाहिय या फिर वृषभ-कुंभ मेला; और अमिताभ बच्चन के द्वारा बताये जा रहे कुंभ के वैज्ञानिक महत्व से क्या भ्रम हो रहा है।

Wednesday, January 23, 2019

मकर संक्रांति पर सूरज उत्तरायण नहींं होता

मकर संक्रांति पर बधाई संदेश - सूर्य उत्तरायण हो गया है। इसी बात की सोशल मीडिया पर भी चर्चा है। यह सही नहीं है? इस चिट्ठी में, इसी  को समझाया गया है।