Sunday, August 04, 2019

सही उत्तर - समस्या समाप्त नहीं करता

इस चिट्ठी में, योको ओगावा की लिखी पुस्तक 'द हाउसकीपर एण्ड द प्रोफेसर' की समीक्षा है।  यह पुस्तक मूल रूप से जापानी भाषा में लिखी गयी है और उसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।

कुछ सालों पहले, मैंने एयोस्टोलोस डॉक्सिएडिस द्वारा लिखित उपन्यास, 'अंकल पेट्रोस एण्ड गोल्डबाकस् कंजेक्चर' की समीक्षा की थी। यह बेहद रोचक पुस्तक है और गणित जैसे नीरस विषय पर रोमांच पैदा करती है। 'द हाउसकीपर एण्ड द प्रोफेसर' भी कुछ इसी तरह की पुस्तक है।

यह गणित के एक प्रोफेसर, उसकी विधवा भाभी, उसके घर को देखने वाली गृहसेविका
(Housekeeper) और गृहसेविका के १० वर्षीय लड़के की कहानी है।

१९७५ में, दुर्घटना हो गयी थी। जिसके कारण, प्रोफेसर दुर्घटना के बाद की बातें केवल ८० मिनट के लिए याद रख सकता है। हांलाकि १९७५ के पहले की सारी बातें उसे याद हैं।


विधवा, प्रोफेसर की देखभाल के लिये, गृहसेविका रखती है। लेकिन गृहसेविका को किसी भी तरह विधवा से मिलना मना है। वह सुबह आकर नाश्ता, खाना बनाती है। घर का बाकी सारा काम करती है। रात का खाना बना कर चली जाती।


गृहसेविका जब पहले दिन अपने काम पर जाती है तो प्रोफेसर उससे पूछता है कि उसके जूते के आकार क्या है। वह बताती है २४ सेमी (अपने देश का ५)। प्रोफेसर कहता है कि यह तो बहुत अच्छी संख्या है और ४ का फैक्टोरियल है। गृहसेविका के पूछने पर, वह  इसका अर्थ समझाता है।


प्रोफेसर उसके फोन का नंबर पूछता है और गृहसेविका के बताने पर मुस्करा कर कहता है कि यह तो बहुत ही रोचक नम्बर है। यह एक और एक खरब अंकों के बीच अभाज्य नंबरों की संख्या है। पुस्तक यह नहीं बताती है कि गृहसेविका का क्या का फोन नंबर है लेकिन इस तरह के अभाज्य अंकों की संख्या ५,०८,४७,५३४ है।


प्रोफेसर उससे रोज उससे यही सवाल करता है कयोंकि अगले दिन तक वह सब भूल जाता है। किसी भी चीज को याद करने के लिये वह कागज पर लिख कर अपने कोट पर लगा लेता है। इसलिये वह, गृहसेविका की छवि कागज पर बना कर, कोट पर लगा लेता है। गृहसेविका जब वह आती है तब वह उसे कागज दिखा कर बताती है कि वह कौन है।


एक दिन प्रोफेसर गृहसेविका से उसकी जन्मतिथि पूछता है। वह उसे फरवरी २० बताती है। 

ओह, यह तो २२० है, प्रोफेसर कहता है। 
प्रोफेसर गृहसेविका को अपनी घड़ी दिखाता है जिसमें पुरस्कार नंबर २८४ अंकित है। फिर दोनो अंकों के बीच का संबन्ध के बारे में बताता है कि एक के गुणन खंडों (factors) का योग दूसरी संख्या है। इसलिये वे एक दूसरे की सौहार्दपूर्ण संख्याएं (amicable numbers) हैं।

कुुछ दिनो बाद जब प्रोफसर को पता चलता है कि गृहसेविका का १० साल का बेटा है जो स्कूल के बाद, घर में अकेले गृहसेविका का इंतज़ार करता है तब प्रोफेसर बेटे को स्कूल अपने घर आने के लिये कहता है ताकि वह गृहसेविका के साथ रह सके और उसके घर जाने पर उसके साथ जाये।
स्कवैर रूट का चिन्ह

जब पहली बार बेटा घर आता है तब प्रोफेसर उसका नाम रूट रखता है। क्योंकि उसके सिर के ऊपर का हिस्सा सपाट है और यह उसे स्कवैर रूट के संकेत की याद दिलाता है। यहां पर शुरू होता है प्रोपेसर और रूट का रिश्ता।

एक दिन, प्रोफेसर रूट से १ से लेकर १० तक अंकों को जोड़ने के लिये कहता है और जब वह उसे जोड़ कर बताता है तब प्रोफेसर कहता है यदि ज्यादा अंकों को जोड़ना हो तब जोड़ कर पता करना मुश्किल होगा। वह रूट को जोड़ निकालने के लिये आसान तरीका ढ़ूंढने के लिये, यह कह कर प्रेरित करता है कि,

'A problem isn't finished just because you've found the right answer'
सही उत्तर - समस्या समाप्त नहीं करता
तीनों को बेसबॉल पसन्द है। एक दिन वे बेसबाल का मैच देखने जाते हैं और देर रात को वापस आते हैं। प्रोफेसर की तबियत खराब हो जाती है इसलिये गृहसेविका और उसका बेटा रात में रुक जाते हैं। लेकिन प्रोफेसर के ठीक होने के बाद, गृहसेविका को निकाल दिया जाता है क्योंकि, उसका रात में रहना, अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन था।

गृहसेविका, दूसरी जगह काम करने लगती है पर अक्सर अंकों और प्रोफेसर के बारे में सोचती है। एक दिन, प्लेसमेंट कंपनी गृहसेविका को प्रोफेसर के घर जाने का आदेश देती है क्योंकि, उसका बेटा बिना अनुमति के प्रोफेसर से मिलने गया था, जो कि गंभीर बात थी। घर में वह, विधवा, अपने बेटे, और प्रोफेसर से मिलती है। विधवा, गृहसेविका को डांटती है। इस पर प्रोफेसर कागज पर औयलर समीकरण
(Euler's identiy also known as Euler's equvation) लिख कर चला जाता है। जिसे देख विधवा चुप हो जाती है और कुछ समय बाद, गृहसेविका को वापस प्रोफेसर की देखभाल करने के लिए बुला लिया जाता है।
औयलर समीकरण (Euler's identiy also known as Euler's equvation)

कहानी अन्य दिलचस्प तथ्यों के साथ आगे बढ़ती है। धीरे-धीरे प्रोफेसर की याद रखने का समय कम होता जाता है। अन्त में, प्रोफेसर को देख रेख करने वाले अस्पताल में भेज दिया जाता है जहां गृहसेविका, उसका बेटा रूट और विधवा उससे मिलने के लिये आते हैं। अन्त में, रूट गणित का टीचर बन जाता है। 


लेकिन, पुस्तक में यह नहीं बताया गया कि औयलर समीकरण कोई महत्व था या नहीं। यदि था तो वह क्या था। विधवा ने, समीकरण को देख कर, क्यों अपना रुख बदल दिया। गृहसेविका इसे समझने की कोशिश करती है पर उसे समझ में नहीं आता है।

मुझे लगता है कि लेखिका इसे पाठक को अनुमान लगाने के लिए छोड़ देती है। मेरे विचार में यदि पुस्तक की अन्तिम पंक्ति में कुछ इस तरह की बात लिखी होती जो पाठकों को वह कारण ढ़ूढने के लिये प्रेरित करती तब और अच्छा होता। क्योंकि पहेलियों का हल निकालना, प्रोफेसर का शौक था। 


मेरे विचार से, प्रोफेसर ने, औयलर समीकरण के द्वारा विधवा को कुछ संदेश दिया था। वह क्या संदेश है आप पुस्तक पढ़ें और टिप्पणी कर बतायें।

लेखिका इस कहानी के लिये, गणितज्ञ पॉल ऐरदिश की जीवनी द मैन हू लव्ड ओनली नंबर को श्रेय देती हैं। लेकिन मेरे विचार से यह कहानी रामनुजन के जीवन से ज्यादा मेल खाती है।


यह कहानी है अंको की रोचक दुनिया, गणित के मूलभूत सिंद्धान्त और इन तीनों के बीच उभरते कोमल रिश्ते की है जिसे रोचक तरीके से पेश किया है। यह बेहतरीन पुस्तक है। आप भी पढ़िये और अपने मुन्ने, मुन्नी को भी पढ़ने के लिये प्रेरित करें।

About this post in Hindi-Roman and English

is chitthi mein, Yogo Ogawa kee likhee pustak 'The Housekeeper and the Professor' kee sameeksh hai. yeh hindi (devnaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post of Hindi (Devanagari script) is review of the book 'The Housekeeper and the Professor' by Yogo Ogawa.  You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


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The Housekeeper and the Professor, Yoko Ogawa,

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