Tuesday, September 03, 2019

अनुच्छेद ३७० और आइज़ैक एसिमॉव

इस चिट्ठी में, भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३७० के  हटाने की प्रक्रिया को, आइज़ैक एसिमॉव की विज्ञान कहानी  'In a Good Cause' के द्वारा समझने का प्रयत्न किया गया है।

यह चित्र बहुत सारी वेबसाइटों पर है। मुझे नहीं मालुम इस पर किसका कॉपीराइट है। लेकिन जिसका भी है, उसे धन्यवाद
उन्मुक्त जी, अनुच्छेद ३७० और आइज़ैक एसिमॉव, क्या बेसिरपैर की बातें कर रहें है। लगता है कि आप बाज नहीं आयेंगे।
भारतीय संविधान से अनुच्छेद ३७० के हटाने और भारतीय संविधान को जम्मू कश्मीर पर लागू करने, उसे दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाने पर बहुत से सवाल उठ गये हैं। दोनों पक्षों पर बहस के बहुत से बिन्दु हैं और दोनो में बल है। कौन सही, कौन गलत - यह तो सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा पर बहुत से भारतीयों का मानना है कि शायद यह फैसला सही है लेकिन वह जिस तरह से यह कार्यवन्तित किया वह गलत है। 

लोग कहते हैं कि अनुच्छेद ३७० में, राज्य सरकार या राज्य विधायिका का अर्थ, जम्मू-कश्मीर के लोगों के द्वारा चयनित सरकार एवं विधायिका है न कि भारत की जनता के द्वारा चुनी सरकार एवं विधायिका। वे महात्मा गांधी का हवाला देते हैं कि 'साधन, अंत से अधिक महत्वपूर्ण हैं' और यह कार्य गलत साधन का प्रयोग कर किया गया है। मैं इस बहस पर नहीं पड़ना चाहता क्या सही, क्या गलत। लेकिन इस घटना पर मुझे आइज़ैक एसिमॉव की एक विज्ञान कहानी, 'इन अ गुड कॉज़' (In a Good Cause) याद आती है।

यह कहानी, आज से लगभग ३००० साल बाद के समय की है। उस समय सारे ब्रह्माण्ड में विचरण होता है और मुख्य तौर पर दो जातियां हैं - मानव जाति और डाइअबॉलि जाति। डाइअबॉलि, मानव जाति अलग तरह के जीव थे। उनकी बनावट मानवों से एकदम भिन्न, भद्दी और डरावनी है। इसीलिये उन्हें डाइअबॉलि नाम दिया गया।

डाइअबॉलि, कार्बन डाइऑक्साइड पर जीवित रहते हैं और हाइड्रोजन सल्फाइड सांस से बाहर निकालते हैं। वे ऑक्सीजन वातावरण में नहीं, पर सल्फाइड वतावरण और सल्फेट समुद्र की दुनिया में रहते हैं और शुद्ध शाकाहारी हैं। मांस खाते लोगों को देख भी नहीं सकते। 


हर मानव अलग है, अलग-अलग तरह से सोचते हैं, अलग-अलग सरकारें हैं। वहीं डाइअबॉलि एक तरह से सोचते हैं, उनकी एक ही सरकार है। वे धीरे-धीरे बाकी ग्रहों को अपने रहने के अनुसार बनाते जा रहे हैं। मानवों को, रहने के लिये, ग्रह कम हो रहे हैं। यह कहानी, इन दो जातियों के बीच टकराव और दो मानव मित्र डिक और जेफ की है।

डिक आदर्शवादी हैं वे मानव जाति को एक साथ जोड़ कर डाईबोलि जाति से लड़ना चाहते हैं। उनका मानना है कि

In a good cause, there are no failures
अच्छे उद्देश्य में, नाकामयाबी नहीं
जेफ अपना राजनैतिक उद्देश्य पूरा करने में विश्वास करते हैं फिर उसके लिये जो भी करना पड़े - साम, दाम दण्ड भेद।

यह कहानी डिक की भव्य मूर्ति से शुरू होती है जिसके नीचे उनका उद्धरण, उन तीन तारीखों के साथ लिखा है जब डिक को जेल भेजा गया था। उसके बाद, डिक को तीन बार क्यों जेल भेजा जाता है, इसका वर्णन है और अन्त में तीसरी बार जेल में, डिक और जेफ की बातचीत पर कहानी समाप्त होती है। मैं इससे अधिक आपको नहीं बताना चाहता। इससे आपके पढ़ने का मज़ा किरकरा हो जायगा और मैं यह नहीं चाहता। मै इस कहानी को भी उतनी अच्छी तरह से नहीं बता सकता जितनी अच्छी तरह से यह लिखी गयी है।

यह कहानी, एसिमॉव की विज्ञान कहानी संकलन नाइटफॉल टू (Nightfall Two) में है। इस पुस्तक की चर्चा मैंने 'बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां' श्रंखला की 'जब रात हुई' कड़ी में की है। पुस्तक में, कहानी के पहले, एसिमॉव की डेड़ पन्ने की टिप्पणी भी है। इसका सरांश, उन्हीं के शब्दों में-

यह जरूरी नहीं है कि कहानी के विचार, लेखक के विचार हों पर आमतौर से यह सही है। लेकिन यह कहानी, मेरी खुद की भावनाओं को नहीं दर्शाती है।
ग्रॉफ कोंक्लिन विज्ञान कथा समीक्षक ने एक बार कहा था कि उन्हें यह कहानी पसंद है, भले ही वह इसके दर्शन से असहमत हों और मैं शर्मिंदा हूं कि मैं खुद भी ऐसा ही महसूस करता हूं।
मैं आइज़ैक एसिमॉव का प्रशंसक हूं। मेरे भी यही विचार हैं। शायद, जेफ ही सही हैं, वही हीरो हैं।

पूरी बात समझने के लिये इस कहानी पढ़ना जरूरी है। यह कहानी अन्तरजाल पर यहां उपलब्ध है। यहां एसिमॉव की बहुत सी कहानियां है और यह कहानी पेज २८९ से शुरू होकर पेज ३०१ पर समाप्त होती है। लेकिन इस जगह, पुस्तक में दी गयी, एसिमॉफ की टिप्पणी नहीं है। आप कहानी पढ़ें और खुद राय बनाये कि कौन सही, कौन गलत, किसे श्रेय मिलना चाहिये पर किसे मिलता है। 


मैंने आइज़ैक एसिमॉव पर एक श्रंखला 'विज्ञान कहानी और विज्ञान लेखकों में सिरमौर - आइज़ैक एसीमोव' नाम से लिखी है जिसे आप निम्न लिंकों पर चटका लगा कर पढ़ सकते हैं।

विज्ञान कहानी और विज्ञान लेखकों में सिरमौर - आइज़ैक एसीमोव
भूमिका।। 'कलार्क-एसीमोव' संधि।। आश्चर्य नहीं, आइज़ैक अच्छा कर रहा है।। एसीमोव द्वारा लिखित श्रंखलाऐं।।  एसीमोव के द्वारा लिखित स्वतंत्र कहानियां।। रोबोट और गैलेक्टिक ऐम्पायर श्रंखला।। फाउन्डेशन श्रृंखला - विज्ञान कहानियों में सबसे अच्छी।। एसिमोव के द्वारा लिखी अन्य श्रंखलाएं।। जब रात हुई।। एसिमोव के द्वारा लिखी लोकिप्रय विज्ञान पुस्तकें एवं जीवनी।। रोबोटिक्स के तीन नियम।। अनुच्छेद ३७० और आइज़ैक एसिमॉव।।


About this post in Hindi-Roman and English
This post in Hindi (Devnagri script) tries to understand scrapping of Article 370 of the Constitution through a science fiction story titled 'In a Good Cause' written by Isaac Asimov. You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

hindi (devnagri) kee is chitthi mein, anuchchhed 370 ko hatane kee prakriya ko Isaac Asimov ke ek khaanee 'In a Good cause' dvara samjhane ka prayatna kiya gaya hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. iske liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द
। Aticle 370, Constitution
Science Fiction,
आइज़ैक एसीमोव, Isaac Asimov home page, In a Good Cause,
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। #HindiBlogging, #BookReview #Article370 #Kashmir

3 comments:

  1. वाह आपकी इस पोस्ट ने तो इतनी जिज्ञासा बढ़ा दी है की पहले वो कहानी ही पढ़ी जाए | बहुत ही कमाल की पोस्ट

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    1. धन्यवाद।
      कहानी पढ़ कर फिर लिखियेगा कि वह कितनी प्रसांगिक है इस चिट्ठी के लिये।

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  2. हमेशा की तरह ज्ञानवर्धक पोस्ट। आपकी इस चिट्ठी ने मुझे आपके द्वारा बताई गई किताब पढ़ने के लिए उत्सुक कर दिया है। आपकी पोस्ट का इंतजार भी रहता है इसलिए कृपया नियमित क्रम से ऐसी ही ज्ञानवर्धक चिट्ठी हमें पढ़ाते रहिए।

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आपके विचारों का स्वागत है।