tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post2082192912849417040..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: अनुवाद नीति, हिन्दी की दुर्दशाउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-23196956729167877042006-12-22T14:15:00.000+05:302006-12-22T14:15:00.000+05:30प्रिय बन्धु,
आप ने बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रश्न उ...प्रिय बन्धु, <br /><br />आप ने बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रश्न उठाया है। <br /><br />मुझे लगता है कि तत्कालीन सरकारें तो हिन्दी को लाना भी चाहती थी। परन्तु इच्छा शक्ति में कमी व जनता की ओर से तटस्थता के कारण वें ऐसा कर न सकीं। अब तो हिन्दी की वर्तमान दुर्दशा से बाहर आने का एकमेव मार्ग गैर राजनैतिक आन्दोलन ही हो सकता है।मुकेश बंसलhttps://www.blogger.com/profile/11728801819517475729noreply@blogger.com