tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post2974723813025141389..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: प्रेम तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दोउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-81679852110029198992011-05-23T10:57:11.199+05:302011-05-23T10:57:11.199+05:303-4 posts padhne ke baad man main khayal aaya ki k...3-4 posts padhne ke baad man main khayal aaya ki kyaon na comment karke apana reaction batana chahiye...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-40523697305146525202010-09-23T15:42:19.137+05:302010-09-23T15:42:19.137+05:30bahut sundar...abhar.bahut sundar...abhar.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-73326770052749262062007-07-27T22:19:00.000+05:302007-07-27T22:19:00.000+05:30बहुत सुंदर पोस्ट उन्मुक्त जी.अरुण भाई, हर किस्सेक ...बहुत सुंदर पोस्ट उन्मुक्त जी.<BR/><BR/>अरुण भाई, हर किस्सेक को दिल से न लगाया करें. दुनिया बहुत अजीब है.<BR/><BR/>आप अति संवेदनशील हैं. इस तरह के घटनाक्रमों को भूल कोई रोचक बात में मन लगा लें. इससे भी भीषण भीषण किस्से हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-28952505611427757622007-07-27T10:11:00.000+05:302007-07-27T10:11:00.000+05:30"उतना ही अधिकार समझ कोई जब तक संग निभादेजनम मरण का..."उतना ही अधिकार समझ कोई जब तक संग निभादे<BR/>जनम मरण का साथ है सपना ये सपना बिसरादे"<BR/>आपका लेख और उसका सार (मैथिली जी की दो लाईने)बस यही सच है,<BR/>इक छोटी सी बात् महीनो से दिल मे फसी है यहा निकाल रहा हू.एक दोस्त ने मेरे द्वारा कुछ एसेट खरीदी थी.मैने उस को उनके नाम करा दिया और जब मै उनके घर कागजात् देने गय तो उनकी धर्मपत्नी मिली मैने उन्हे कागजात दे दिये ,उन्होने देखा और भडक गई इसमे मेरा नाम नही है,कल तुम ना रहे तो मै इसे अपने नाम कराने के लिये कहा कहा धक्के खाउगी.(यहा मै ये बताना चाहूगा मामला केवल 3 लाख का था और वो साहब करोडपती हस्ती है जिसमे ज्यादातर उनकी पत्नी के नाम है).भाईसाहब मै कई हफ्तो सो नही पाया.जिस पर मेरी जीवन का दारोमदार है ,जिसके कारण मै पारिवारिक जीवन जी रहा हू,जिसके लिये मै दिन भर खटता रहता हू क्या उसे मेरे से बस यही मतलब है..मुझे सामान्य होने मे हफ्तो लग गये..?पर शायद कुछ लोगो के लिये यही जीवन है और मै खुशकिस्मत हू कि मै उनमे नही हू.Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-26022997320847502792007-07-27T07:52:00.000+05:302007-07-27T07:52:00.000+05:30प्यार तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहा...प्यार तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो। <BR/>मुझे तो इसके लिये ये गाना पसंद है.<BR/>"उतना ही अधिकार समझ कोई जब तक संग निभादे<BR/>जनम मरण का साथ है सपना ये सपना बिसरादे"मैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.com