tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post4926255505460118404..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: डल झील पर जीवनउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-57265902712863447102007-08-17T21:12:00.000+05:302007-08-17T21:12:00.000+05:30आपके यात्रा वृतांत को पढ़ने के बाद मुझे अपनी ही ग़...आपके यात्रा वृतांत को पढ़ने के बाद मुझे अपनी ही ग़ज़ल के कुछ शेर याद आ गाये अचानक, कि-<BR/>इस शहर में इक नहर की बात हो,<BR/>फिर वही पिछले पहर की बात हो.<BR/>ये रात सन्नाटा बुनेगी इसलिए-<BR/>कुछ सुबह, कुछ दोपहर की बात हो.<BR/>कह रही कश्मीर की वादी प्रभात-<BR/>अब नहीं ख़ौफो- ख़तर की बात हो.रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-18622585821158968932007-08-16T15:34:00.000+05:302007-08-16T15:34:00.000+05:30काश हमारा भी डल झील का कोई दौरा हो पाता...काश हमारा भी डल झील का कोई दौरा हो पाता...अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-27351870380358102702007-08-16T10:39:00.000+05:302007-08-16T10:39:00.000+05:30हाल ही में एक टेवि चैनल मेम सुना कि जमीन खरीदने पर...हाल ही में एक टेवि चैनल मेम सुना कि जमीन खरीदने पर रोक की वजह से किसी अँग्रेज ने डल झील के हाउस बोट बनवा कर रहना शुरु किया।इस तथ्य की पुष्टी हो सकती है?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-82586342899528737642007-08-16T09:22:00.000+05:302007-08-16T09:22:00.000+05:30डल झील की याद आपने ताजा करवा दी।हम ८३ मे गए थे और ...डल झील की याद आपने ताजा करवा दी।हम ८३ मे गए थे और हमे तो बड़ा मजा आया था कि शिकारे से जो की एक तरह का बाजार है हर सामान खरीद सकते है।<BR/><BR/>पर विवरण इतना छोटा क्यूँ?और फोटो भी नही है।<BR/><BR/>और हाँ पिक्चर कटी पतंग नही आन मिलो सजना थी।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.com