tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post7077183168184071270..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: आप, क्यों नहीं, इसके बाल खींच कर देखतेउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-66662726149837568002010-03-10T09:40:40.912+05:302010-03-10T09:40:40.912+05:30Afsos ki harek baat ke liye stree ko purushkee raz...Afsos ki harek baat ke liye stree ko purushkee razamandi chahiye...uske apne wajood ka koyi samman nahi..kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-702498871234850832010-03-10T08:42:33.087+05:302010-03-10T08:42:33.087+05:30पैसे की आवश्यकता नहीं है। इसलिए इसे काम करने की जर...पैसे की आवश्यकता नहीं है। इसलिए इसे काम करने की जरूरत नहीं...इस बात से तो रोज दो चार होता हूँ. मजे की बात है एक महिला ही महिला के लिए यह कहती है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-76217005187600852382010-03-10T08:32:44.225+05:302010-03-10T08:32:44.225+05:30सचमुच कितनी मोहक केशराशि ! तब भी सुमित्रानन्द पन्...सचमुच कितनी मोहक केशराशि ! तब भी सुमित्रानन्द पन्त ने क्या कहा था बताऊँ उन्मुक्त जी -<br />छोड़ द्रुमों की मृदु छाया<br />तोड़ प्रकृति से भी माया<br />बाले तेरे बाल जाल में<br />कैसे उलझा दूं लोचन<br />खैर आप भी निकल आये वहां से<br />नारी सशक्तिकरण पर आप की बात से तो असहमत हुआ ही नहीं जा सकता उन्मुक्त जी -मगर शुभा जी ब्लॉग लेखन से क्यूं विरत हो गयीं ? मुन्ने के बापू ने ऐसा क्या कर दिया ?? उन तक मेरा अनुरोध पहुंचाएं!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-81799967017963756382010-03-09T22:03:39.188+05:302010-03-09T22:03:39.188+05:30आज की पीढ़ी में भी इतने लम्बे बाल देख कर मन प्रसन्...आज की पीढ़ी में भी इतने लम्बे बाल देख कर मन प्रसन्न हो गया<br />बाकी रही काम की बात तो यह मानसिकता पर निर्भर हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-5059761216586397952010-03-09T21:44:10.792+05:302010-03-09T21:44:10.792+05:30mental upliftment is the most basic need and woman...mental upliftment is the most basic need and woman need to work to attain thatAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-43612356164972723192010-03-09T21:32:08.952+05:302010-03-09T21:32:08.952+05:30यह दकियानूसी विचार है। महिलाओं को काम करने की बात ...यह दकियानूसी विचार है। महिलाओं को काम करने की बात इसलिए नहीं होती कि उन्हें पैसों की जरूरत है। लेकिन महिलाओं को इसलिए काम करना चाहिए ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। उनमें आत्म सम्मान आये। वे अपने मन मुताबिक, अपनी क्षमता के अनुसार, अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें। <br />क्या विचार है जनाब आप के, क्या वो लडकी अपने पेरो पर नही खडी थी, उस मै आत्म सम्मान की कमी दिखी क्या वो अपने व्यकितत्व का विकास सही नही कर रही थी???? मै आप की इन सब बातो से असहमत हुं, दुसरे के परिवार या जिन्दगी मै झाकने का किसी को हक नही.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-21468152371537101012010-03-09T20:12:46.127+05:302010-03-09T20:12:46.127+05:30न तो कोई पैसे की 'जरुरत' के लिए काम करता ह...न तो कोई पैसे की 'जरुरत' के लिए काम करता है, ना ही पैसे की जरुरत की कोई सीमा है ! अगर कोई ये बहाना बनाता है फिर तो उसे बहाना बनाना भी नहीं आता !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.com