tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post8142075903896776547..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: अनन्तता समझो, ईश्वर के पास पहंचोउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-44559489714232471032013-07-24T03:26:44.215+05:302013-07-24T03:26:44.215+05:30मैं कह नहीं सकता। मेरा पास इसका जवाब नहीं है। शायद...मैं कह नहीं सकता। मेरा पास इसका जवाब नहीं है। शायद कोई अन्य पाठक इसका जवाब दे पाये। उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-7034078451758796692013-07-23T20:57:59.342+05:302013-07-23T20:57:59.342+05:30उन्मुक्त जी, यह गणित विषय का प्रश्न नही लगता। :-) ...उन्मुक्त जी, यह गणित विषय का प्रश्न नही लगता। :-) परन्तु मेरे अनुमान इसका उत्तर गणित में ही छुपा है।<br /><br />मेरे प्रश्न का आशय किस गुण में सर्वाधिक भिन्नताएँ हैं ? उदाहरण के लिए मैं जंतुओं को आधार मानता हूँ। तो मैं देखता हूँ कि जंतुओं में मुश्किल से अधिकतम १० लाख प्रजातियाँ होंगी। या उससे थोड़ी और ज्यादा.. परन्तु किस गुण में सर्वाधिक विभिन्नताएँ हैं ?<br /><br />ठीक इसी तरह से एक और प्रश्न मन में उठता है वह कौन सा गुण है जिसका मान सर्वाधिक है ?अज़ीज़ रायhttps://www.blogger.com/profile/09237300181352146572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-4988378302105678732013-07-23T19:22:09.134+05:302013-07-23T19:22:09.134+05:30मुझे गणित छोड़े ४० साल हो गये हैं। माफी चाहूंगा, आ...मुझे गणित छोड़े ४० साल हो गये हैं। माफी चाहूंगा, आपका सवाल ठीक से नहीं समझ पाया। उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-24779216931552196872013-07-23T17:14:09.182+05:302013-07-23T17:14:09.182+05:30उन्मुक्त जी, क्या आप बता सकते हैं किस आधार पर संख्...उन्मुक्त जी, क्या आप बता सकते हैं किस आधार पर संख्यात्मक मान सर्वाधिक होगा ?अज़ीज़ रायhttps://www.blogger.com/profile/09237300181352146572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-42899269887100781102013-07-13T12:10:10.323+05:302013-07-13T12:10:10.323+05:30आइये, अनंत को परिभाषित करें !! (http://www.basicun...आइये, अनंत को परिभाषित करें !! (http://www.basicuniverse.org/2013/04/blog-post_25.html)अज़ीज़ रायhttps://www.blogger.com/profile/09237300181352146572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-90880489959878529142012-01-21T21:09:48.547+05:302012-01-21T21:09:48.547+05:30ji
ok
shilpaji<br />ok<br />shilpaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-47214533902489794922012-01-21T17:03:56.892+05:302012-01-21T17:03:56.892+05:30शिल्पा जी, मैं माफी चाहूंगा। आपके चिट्ठे से लगता ह...शिल्पा जी, मैं माफी चाहूंगा। आपके चिट्ठे से लगता है कि आपको दर्शन में रुचि है। यह सब समझने के लिये गणित का ज्ञान आवश्यक है। यदि आप गणित की विद्यार्थी नहीं हैं तब आपके लिये यह समझना मुश्किल होगा। फिर भी आप उन किताबों को पढ़ कर देखिये जिनका जिक्र मैंने किया है। शायद आपको समझ में आये।<br /><br />आपके पहले और दूसरे नम्बर पर लिखीं बातों का जवाब 'हां' है। तीसरे नम्बर पर लिखी बात कि '1/0 = 2/0 = ... 10/0 = .... = infin' गलत है। मेरे द्वारा इस चिट्ठी में लिखी बात एकदम ठीक है। मुझे गणित छोड़ ४० से अधिक साल हो चुके हैं पर मेरी पत्नी ... गणितज्ञ है। यह सब चिट्ठियां उसे एक बार दिखा देता हूं। <br /><br />यह साल रामानुजन के जन्म का १२५वां साल है। यह गणित वर्ष के रूप में मनाया जायगा। इस उपलक्ष्य में मैं रामनुजन और रोचक नंबरों पर एक श्रृंखला इस समय चल रही श्रृंखला 'गोकोण्डा का किला और विश्व प्रसिद्ध हीरों' के बाद लिखूंगा। उस पर आपके द्वारा लिखी तीसरे नम्बर की बात पर लिखूंगा।<br /><br />मेरा ईमेल <a href="mailto:unmukt.s@gmail.com" rel="nofollow">यह</a> है मुझे आपसे ईमेल पर बात कर प्रसन्नता होगी।उन्मुक्तhttp://esnips.com/web/unmuktMusicFiles/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-68590913022636245592012-01-21T15:00:56.587+05:302012-01-21T15:00:56.587+05:30ji- you are right. though i am not a student of ma...ji- you are right. though i am not a student of mathematics, i am very much interested in it. <br /><br />though i am hesitant to discuss this here on this platform, still, .... <br />1. Is alef0 = alef0 ??? really ? (i know the book says so - but is it actually so??) <br />2. Is the concept of alef fitable in this definition of a mathematical equation like x=y, or operations like +, -, x, / at all??? <br />3. is 1/0 = 2/0 = ... 10/0 = .... = infin?? [equal to, or tends towards it ? ]yes - may be they are mathematically represented like that, BUT is this formulation correct?<br /><br />the cardinality of the set of integers is definitely less than that of reals which in turn is less than curves BUT .... these are all mathematical strategies to understand/ represent something beyond our available laws of mathematics/our vocabulary, language. no wonder people trying to understand it have lost their minds !!! :)<br /><br />अंग्रेजी में लिखने के लिए माफ़ी चाहूंगी | तीनों चिट्ठों के पते के लिए आभार आपका |email subscription ले लिया है |यह पुस्तकें पढने का प्रयास अवश्य करूंगी |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-20634956129867915382012-01-21T14:02:55.443+05:302012-01-21T14:02:55.443+05:30शिल्पा जी यह दोनो अनन्ता ऍलेफ शून्य हैं। सारी ऍलेफ...शिल्पा जी यह दोनो अनन्ता ऍलेफ शून्य हैं। सारी ऍलेफ शून्य अनन्तायें बराबर होती हैं। ऍलेफ एक अनन्त ऍलेफ शून्य अनन्त से बड़ा होता है और ऍलेफ दो अनन्त ऍलेफ एक अनन्त से बड़ा होता है। अभी तक कोई ऐसा अनन्त नहीं है जो कि ऍलेफ दो से बड़ा हो। यही इस चिट्ठी में बताया गया हे।<br /><br />यदि आप गणित की विद्यार्थिनी हैं तब George Gamov की लिखी पुस्तक One Two Three...Infinity: Facts and Speculations of Science अवश्य पढ़ें। उसक बाद आपको यह स्पष्ट होगा। <br /><br />मुझे गणित की पढ़ायी छोड़े ४२ साल हो रहे हैं पर जहां तक मुझे ख्याल पड़ता है है fuzzy logic analogue की दुनिया में काम करता है और मैं digital संसार की बात कर रहा हूं। <br /><br />इस चिट्ठे को follow करना आसान है दाहिने तरफ का कॉलम में ईमेल से प्राप्त करने या RSS feed दोनो दिये हैं। ऐसे मैं तीन चिट्ठे लिखता हूं और एक पॉडकास्ट करता हूं। <br />१- एक तो यही चिट्ठा है।<br />२- <a href="http://unmukts.wordpress.com/" rel="nofollow">छुटपुट</a><br />३- <a href="http://unmukth.wordpress.com/" rel="nofollow">लेख</a> <br />मेरा कोई अज्ञात मित्र जिसे मैं नहीं जानता इन तीनो को मिला कर <a href="http://unmukt.com/" rel="nofollow">हिन्दी चिट्ठाकार उन्मुक्त की चिट्ठियाँ -</a><br />मेरा पॉडकास्ट है <a href="http://www.esnips.com/thumbnails.php?album=148772" rel="nofollow">बकबक</a> <br />मेरी पत्नी भी <a href="http://munnekimaa.blogspot.com/" rel="nofollow">मुन्ने के बापू</a> नाम से चिट्ठा लिखती है।उन्मुक्तhttp://esnips.com/web/unmuktMusicFiles/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-3781325741401396882012-01-21T12:57:52.877+05:302012-01-21T12:57:52.877+05:30ji |जी , आप ठीक कह रहे हैं | यह तो मैं भी मान रही ...ji |जी , आप ठीक कह रहे हैं | यह तो मैं भी मान रही हूँ के १=१०० नहीं होता है | और यह कह रही हूँ कि इसे - जो नहीं है - इसे भी कुछ basic गलत assumptions को लेकर prove किए जा सकता है | मैं आपकी इस post का बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूँ | और इस ब्लॉग को follow करने का भी लिंक ढूंढ रही हूँ - जो नहीं मिल रहा | rss फीड लेती हूँ |<br /><br />मैं fuzzy mathematics पढ़ रही हूँ - जिसमे एक ओर तो १ = १ भी नहीं हो सकता है , और दूसरी ओर ९००=१०००=११०० भी हो सकता है | तो जोड़ना और घटाना सब ही fuzzy results देते हैं | ये input और output दोनों ही numbers , "fuzzy " numbers कहलाते हैं | <br /><br />हाँ यह तो सच ही है कि एक मीटर की लाइन हो या दो मीटर की - दोनों में infinite पॉइंट्स हैं | परन्तु infinity = infinity सिर्फ एक assumption है - बल्कि assumption नहीं - सिर्फ approximation भर है | इनफिनिटी और इनफिनिटीजीमल "is equal " न हो कर "tend to " की भाषा में शायद बेहतर समझे जाते हैं | हाँ - एक मीटर के लाइन हो या एक वर्ग मीटर का क्षेत्र, पॉइंट तो infinite हैं ही - किन्तु "exactly " शब्द से थोडा confuse हुई - आपके प्रूफ का इंतज़ार है | मैं आज पहली बार आई हूँ यहाँ - और इसी पोस्ट पर - यह बहुत ही अच्छी लगी मुझे |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-87395449346149437352012-01-21T12:25:56.044+05:302012-01-21T12:25:56.044+05:30शिल्पा जी १ = १०० नहीं होता। यदि आपके विद्यार्थी य...शिल्पा जी १ = १०० नहीं होता। यदि आपके विद्यार्थी यह सिद्ध कर सकते हैं तो वह गलता तरीके से सिद्ध करते हैं। <br /><br />कुछ समय पहले नितिन व्यास जी ने ४=५ सिद्ध कर, इस पर मुझे लिखने के लिये कहा था। उनके सिद्ध करने का तरीका गलत था। मैं इसे अन्य तरह से लिखना चाहता था। इसलिये उनके सिद्ध करने के तरीके को <a href="http://unmukts.wordpress.com/2006/05/28/fourfive-fivefour-four/" rel="nofollow">चार बराबर पांच, पांच बराबर चार, चार…</a> नामक चिट्ठी में प्रकाशित किया और पठकों से इसका जवाब बताने की प्रार्थना की। पठकों ने टिप्पणियां कर इस प्तरीके में गलती बतायी। <br /><br />मैं ४=५ को अन्य तरह से बताना चाहता था। यह मैंने <a href="http://unmukts.wordpress.com/2006/06/04/mirror-mirror/" rel="nofollow">आईने, आईने, यह तो बता – दुनिया मे सबसे सुन्दर कौन</a> नाम से चिट्टी में लिखा है। यदि आपको गणित और विज्ञान में रुचि हो तब यह चिट्ठियां देखें आपको शायद पसन्द आये। <br /><br />मेरे ४=५ की विवेचना को शायद नितिन जी भी नहींं सोचते थे। इसलिये उन्होंने मेरी चिट्ठी <a href="http://unmukt-hindi.blogspot.com/2007/02/blog-post_18.html" rel="nofollow">एक अनमोल तोहफ़ा </a> के जवाब में लिखी चिट्ठी <a href="http://pahlapanna.blogspot.com/2007/02/blog-post.html" rel="nofollow">खेल खेल में</a> में लिखा,<br />'इसलिये उन्होंने उदाहरण के तौर पर मेरी लिखी ४= ५ वाली ईमेल और उसका इतना गंभीर मतलब! शायद मैं ऐसा कभी ना सोच पाता।'<br /><br />एक मीटर की पंक्ति में उतने ही बिन्दु होते हैं जितने की दो मीटर लम्बी पंक्ति में और इसे सिद्ध करने के तरीके में कोई गलती नहीं है। इसके बारे में विस्तार से लिखूंगा। मैंने पहले इसलिये नहीं लिखा था क्योंकि मुझे नहीं लगता था कि हिन्दी चिट्ठाजगत लोग इस तरह की बातें पढ़ना चाहते हैं। मैं ऐसा इसलिये सोचता हूं कि मेरी चिट्ठियों पर शायद सबसे कम टिप्पणियां होती हैं। आप सब की टिप्पणियां पड़ कर बहुत उत्साहवर्धन हुआ।<br /><br />यदि आपको इससे पहले इसके बारे में जानना हो तो इस चिट्ठी में बतायी George Gamov की लिखी पुस्तक One Two Three...Infinity: Facts and Speculations of Science पढ।े। यह बेहतरीन पुस्तक है। आपकी काफी जिज्ञासा शान्त होगी।उन्मुक्तhttp://esnips.com/web/unmuktMusicFiles/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-15391249744486872342012-01-21T10:08:33.773+05:302012-01-21T10:08:33.773+05:30exactly - ???
एग्ज़ेक्टली का अर्थ तो गाणितिक बराबर...exactly - ???<br />एग्ज़ेक्टली का अर्थ तो गाणितिक बराबरी है न ? गणित के अनुसार तो हम प्रूव कर भी सकते हैं की कोई भी संख्या किसी और संख्या के बराबर है, किन्तु यह सही नहीं है | (our students easily prove that 1 =100 etc ) | क्योंकि इसे प्रूव कर भी रहे हैं यदि हम - तो उसमे हम कुछ assumptions use कर रहे हैं जो शुरुआती स्तर पर ही गलत हैं | <br /><br />जैसे हम बचपन से पढ़ते हैं की १+१=२ = | जो कांसेप्ट हम पढ़ते हैं कि यदि मेरे पास एक सेब फल था, और माँ ने एक और दिया - तो मेरे पास दो हो जायेंगे | किन्तु यह गिनती हमने सीखी है एक सेब फल को एक इकाई मानते हुए | किन्तु अब "ज़ादेह" के गणित के सिद्धांत के अनुसार "एक सेब फल" जैसी इकाई ही गलत है | यह अपने आप में ही एक approximation है | <br /><br />आमतौर पर हम set theory में यह पढ़ते हैं कि A U A ' = universal set , और A ^ A ' = empty set - जो दोनों ही ज़ादेह के fuzzy logic mathematics में शुरुआती रूप से ही गलत हैं | इसलिए - हर वह equation जो हम mathematically prove कर सकते हैं - वह आवश्यक नहीं कि सही ही हो |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-87231253865668282142012-01-19T07:18:54.780+05:302012-01-19T07:18:54.780+05:30अनुराग जी, यह ठीक उतने ही हैं न एक कम न एक ज्यादा।...अनुराग जी, यह ठीक उतने ही हैं न एक कम न एक ज्यादा। यह कैसे है यहां बता पाना मुश्किल है लेकिन एक चिट्ठी लिखूंगा यह बताते हुऐ।<br /><br />आपका पूछना अच्छा लगा वरना लगता था कि इस तरह की चिट्ठियों को कोई पढ़ता भी है। क्या इनका हिन्दी चिट्ठाजगत में इस तरह की बातों की प्रासंगिकता है।उन्मुक्तhttp://esnips.com/web/unmuktMusicFiles/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-2324266067028966312012-01-19T05:48:51.308+05:302012-01-19T05:48:51.308+05:30@एक मीटर लम्बी लाइन में अनन्त बिन्दु होते हैं। यह ...@एक मीटर लम्बी लाइन में अनन्त बिन्दु होते हैं। यह उतने ही हैं जितने कि दो मीटर या उससे लम्बी लाइन में;<br /><br />क्या यह वाकई उतने ही हैं? एक्ज़ैक्टली? गणित की कोई खास समझ तो नहीं है, फिर भी ऐसा लगता है कि - शायद नहीं।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-51327109244445675102011-09-23T21:43:22.272+05:302011-09-23T21:43:22.272+05:30हम क्या लिखें. अकल काम नहीं कर रही है.हम क्या लिखें. अकल काम नहीं कर रही है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-82715701927867149492011-09-23T15:09:30.872+05:302011-09-23T15:09:30.872+05:30अभिषेक जी, इस चिट्ठी का वीडियो, बीबीसी की इसी श्रृ...अभिषेक जी, इस चिट्ठी का वीडियो, बीबीसी की इसी श्रृंखला से है।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-75003279732440620302011-09-23T11:13:38.797+05:302011-09-23T11:13:38.797+05:30धन्यवाद इस पुस्तक के बारे में बताने के लिए. बीबीसी...धन्यवाद इस पुस्तक के बारे में बताने के लिए. बीबीसी की एक डॉक्युमेंटरी 'डेंजरस नॉलेज' में बड़ी सरल भाषा में इसे समझाया गया है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-12522006343742494022011-09-23T08:43:29.520+05:302011-09-23T08:43:29.520+05:30देवेन्द्र जी मुझे दुख लगा कि आपको समझने में मुश्कि...देवेन्द्र जी मुझे दुख लगा कि आपको समझने में मुश्किल लगी। शायद, मुझे इस चिट्ठी पर और मेहनत करनी चाहिये थी।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-62718972436313062882011-09-23T08:30:14.242+05:302011-09-23T08:30:14.242+05:30यह पोस्ट मेरे सर के ऊपर से निकल गया।यह पोस्ट मेरे सर के ऊपर से निकल गया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-67843079822131047532011-09-23T07:41:20.500+05:302011-09-23T07:41:20.500+05:30इस महत्वपूर्ण पुस्तक के बारे में जानकर अच्छा लग...इस महत्वपूर्ण पुस्तक के बारे में जानकर अच्छा लगा।<br /><br />जब से ब्लॉग जगत में आए हैं, तब से अपनी गणित कुछ ज्यादा ही कमजोर हो गयी है। :)<br />------<br /><b><a href="http://hr.samwaad.com/2011/09/blog-post_23.html" rel="nofollow">खींच लो जुबान उसकी।</a></b><br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">रूमानी जज्बों का सागर है प्रतिभा की दुनिया।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-84729851815420962932011-09-23T06:44:05.942+05:302011-09-23T06:44:05.942+05:30पुस्तक पढ़ने का प्रयास करते हैं, अनन्त को समझने की...पुस्तक पढ़ने का प्रयास करते हैं, अनन्त को समझने की बूता तो हममें नहीं है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-19319920389522903502011-09-23T05:49:00.281+05:302011-09-23T05:49:00.281+05:30काश गणित के प्रति मेरी अभिरुचि बचपन से ही बढ़ी होत...काश गणित के प्रति मेरी अभिरुचि बचपन से ही बढ़ी होती ....<br />अब तो लगता है मुश्किल है इस ओर गंभीरता से उन्मुख हो पाना ..<br />ज्ञानार्जन हुआ -आभार!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com