tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post9197941879552909729..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: अन्तरजाल पर कानून में टकरावउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-81230246169709880802009-04-01T11:26:00.000+05:302009-04-01T11:26:00.000+05:30यह तो वाकई गम्भीर मसला है। पर इसका भी कोई न कोई ह...यह तो वाकई गम्भीर मसला है। पर इसका भी कोई न कोई हल निकल ही आएगा हम ऐसी उम्मीद करते हैं।<BR/><BR/>-----------<BR/><A HREF="http://tasliim.blogspot.com/" REL="nofollow">तस्लीम </A> <BR/><A HREF="http://sciblogindia.blogspot.com/" REL="nofollow">साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन</A>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-15156237685269256732009-04-01T10:51:00.000+05:302009-04-01T10:51:00.000+05:30मुश्किल है इस विवाद का हल निकलना.मुश्किल है इस विवाद का हल निकलना.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-31650596398729289782009-04-01T09:52:00.000+05:302009-04-01T09:52:00.000+05:30ज्ञानवर्धक आलेख. हमें कई विदेशी मित्रों से पता चला...ज्ञानवर्धक आलेख. हमें कई विदेशी मित्रों से पता चला है कि उनके यहाँ अमुक अमुक साइट्स blocked हैं. ऐसे restrictive practices चीन में, साउदी अरब में और अमीरात के कुछ अन्य देशों में क्रियान्वित किये गए हैं. हमने भी अपने संस्थान के इंट्रानेट पर ऐसी व्यवस्था कर रखी थी. सबसे पहले शिकायत सी.ई.ओ कि आई कि सभी साइट्स उनके सिस्टम पर नहीं खुल रहे. उन्हें समझाना पड़ा था.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-73373590665532402832009-04-01T08:31:00.000+05:302009-04-01T08:31:00.000+05:30कानून में यह विविधता तो अभी बहुत समय तक जारी रहेगी...कानून में यह विविधता तो अभी बहुत समय तक जारी रहेगी, जब तक कि सारी दुनिया विकास का लगभग समान स्तर ग्रहण न कर ले। उस के बाद भी सांस्कृतिक विविधताओं के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह तो दो देशों की बात है। यहाँ भारत में ही विभिन्न संस्कृतियों के चलते ऐसी चीजें हो जाती हैं। <BR/>भारत में बलात्कार के संबंध में धारा 376 के अतिरिक्त अन्य कोई कानून नहीं है। एक पालक पिता और निकट संबंधियों या नियोजकों आदि के द्वारा इस तरह का अपराध होने पर अलग से अलग कानून नहीं है, जब कि अन्य देशों में है। अनेक देशों में बलात्कार को भारत से कम गंभीर माना जाता है तो कुछ देशों में अधिक गंभीर। भारत में ही उत्तर और दक्षिण में बहुत फर्क है। उत्तर में चाचा-भतीजी का विवाह एक कलंक की भांति है और प्रतिबंधित है लेकिन दक्षिण भारत के कुछ समाजों में वह मान्य है। <BR/>ऐसी परिस्थितियों में भारत में भी कानून की विविधता बनी रहेगी। धीरे धीरे समाज के विकास के साथ ही उन की समानता में वृद्धि हो सकेगी।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-74800250508882609382009-04-01T07:47:00.000+05:302009-04-01T07:47:00.000+05:30अच्छी जानकारी ! अंतर्जाल के एक चर्चित कार्यक्रम से...अच्छी जानकारी ! अंतर्जाल के एक चर्चित कार्यक्रम सेकेण्ड लाईफ में एक अवतार ने दूसरे अवतार के साथ ज्यादती की मगर इस पर जर्मनी में मुकदमा दर्ज हो गया ! अब हमें आपने मौजूदा कानूनों को नए तरीके से व्याख्यायित करने और सर्वव्यापी ,सार्वभौमिक बनाए जाने की कवायद शुरू कर देनी चाहिए !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-26856592604886511412009-04-01T07:23:00.000+05:302009-04-01T07:23:00.000+05:30अंतर्जाल के इस महत्वपूर्ण पहलू की ओर ध्यान दिलाक...अंतर्जाल के इस महत्वपूर्ण पहलू की ओर ध्यान दिलाकर हमारी जानकारी बढ़ाने के लिए आभार।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-63764638598268646852009-04-01T07:16:00.000+05:302009-04-01T07:16:00.000+05:30बहुत रोचक और ज्ञान वर्धक जानकारी .बहुत रोचक और ज्ञान वर्धक जानकारी .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.com