tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post1772606025261814305..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: आप किस बात पर, सबसे ज्यादा झुंझलाते हैंउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-26530735687282076282008-07-19T23:58:00.000+05:302008-07-19T23:58:00.000+05:30इस बार जब भी हैदराबाद आएं..हम आपको किताबों के कुछ ...इस बार जब भी हैदराबाद आएं..हम आपको किताबों के कुछ और अड्डे बता देंगे :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-68198214092610631322007-02-18T23:44:00.000+05:302007-02-18T23:44:00.000+05:30आईसक्रीम!!! मुझे भी पसँद है! पढना तो बहुत कुछ चाहत...आईसक्रीम!!! मुझे भी पसँद है! पढना तो बहुत कुछ चाहती थी, लेकिन क्या करती, खैर अब पढूँगी!rachanahttps://www.blogger.com/profile/14183659688400073503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-36106694450071724582006-10-26T14:47:00.000+05:302006-10-26T14:47:00.000+05:30Teksons में, मैं गया हूं वहां भी इस तरह की सुविधा ...Teksons में, मैं गया हूं वहां भी इस तरह की सुविधा नहीं है।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-23973547676278114812006-10-26T10:46:00.000+05:302006-10-26T10:46:00.000+05:30शायद दिल्ली में कोई किताब की दुकान है जहाँ आप कॉफी...<i>शायद दिल्ली में कोई किताब की दुकान है जहाँ आप कॉफी पीते किताबें ब्राउज़ कर सकते हैं । वहाँ जाना है कभी फुरसत से ।</i><br /><br />इस तर्ज पर तो गाज़ियाबाद बॉर्डर के पास स्थित pacific mall में crossword का स्टोर भी है।<br /><br /><i>लेकिन मं जिस जगह का जिक्र कर रही थी वो शायद दक्षिणी दिल्ली में है ।</i><br /><br />दक्षिण दिल्ली में तो मैं दो ही दुकानों के बारे में जानता हूँ, Bookmark और Teksons' और जहाँ तक मैं जानता हूँ दोनों में से कोई ऐसी नहीं है। पक्के तौर पर Bookmark के बारे में कह सकता हूँ क्योंकि अधिकतर उपन्यास आदि मैंने वहीं से खरीदे हैं, Teksons' में अभी तक गया नहीं इसलिए पूर्ण विश्वास के साथ नहीं कह सकता।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-49711661058555246842006-10-26T02:48:00.000+05:302006-10-26T02:48:00.000+05:30किताबों की दुकान मे शोर..मुझे याद नही आता कि भारत ...किताबों की दुकान मे शोर..मुझे याद नही आता कि भारत मे किसी ऐसी किताब की दुकान मे गया हूँ।<br /><br />मार्च मे मै पेरूजा (इटली) मे एक किताब की दुकान मे था, वहाँ बहुत सारे लोग थे..सब किताबें देख रहे थे, इतनी शान्ति और इतने लोग किसी दुकान पर मैने पहले कभी नही देखी।RC Mishrahttps://www.blogger.com/profile/06785139648164218509noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-10220026343589581932006-10-25T18:04:00.000+05:302006-10-25T18:04:00.000+05:30मै शान्त माहौल वाली किताबों की दुकान ही पसंद करता ...मै शान्त माहौल वाली किताबों की दुकान ही पसंद करता हूँ, हल्का संगीत बिल्कुल मद्धम आवाज में हो, तोज रुर चल जाता है. :०Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-23110473431801718832006-10-25T17:57:00.000+05:302006-10-25T17:57:00.000+05:30अपकी पसंद और ना पसंद की जानकारी देने के लिए धन्यवा...अपकी पसंद और ना पसंद की जानकारी देने के लिए धन्यवाद, इस से पता चलता है कि आप किस टाइप के हैं। वैसे मुझे किताबें पढने का शौक नही मगर कॉमिक्स और अखबार पढता हूं इसके अलावा पॉप म्यूज़िक बहुत पसंद है :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-56811186327773824182006-10-25T16:35:00.000+05:302006-10-25T16:35:00.000+05:30रवी जी
जब मैंने आपकी तथा जीतेन्द्र जी की पोस्ट बीट...रवी जी<br />जब मैंने आपकी तथा जीतेन्द्र जी की पोस्ट बीटा ब्लौगर के बारे में पढ़ी थी तभी अपना नाम बीटा ब्लौगर के लिये रजिस्टर करा लिया था। उसके कुछ दिनो बाद ही मुझे बीटा ब्लौगर पर आाने का निमंत्रण मिला गया था। इस पर पोस्ट करते मुझे इसके अग्रेगेटर के गुण का भी पता चला।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-420771873939034362006-10-25T15:08:00.000+05:302006-10-25T15:08:00.000+05:30जहाँ तक मुझे याद था, आपका यह ब्लॉग पुराने ब्लॉगर प...जहाँ तक मुझे याद था, आपका यह ब्लॉग पुराने ब्लॉगर पर था. अब यह ब्लॉगर बीटा पर आ गया है. तो क्या आपको ब्लॉगर बीटा पर आने का निमंत्रण मिल गया ?<br /><br />बधाईयाँ!<br /><br />मैं तो इंतजार कर रहा हूं!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-17597212708859001192006-10-25T12:48:00.000+05:302006-10-25T12:48:00.000+05:30ये आपने अच्छी बताई
लेकिन मैं जिस जगह का जिक्र कर र...ये आपने अच्छी बताई<br />लेकिन मैं जिस जगह का जिक्र कर रही हूँ वो शायद दक्षिणी दिल्ली में है ।Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-79452859325710485382006-10-25T12:46:00.000+05:302006-10-25T12:46:00.000+05:30ये आपने अच्छी बताई
लेकिन मं जिस जगह का जिक्र कर र...ये आपने अच्छी बताई <br />लेकिन मं जिस जगह का जिक्र कर रही थी वो शायद दक्षिणी दिल्ली में है ।Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-26645937369022095102006-10-25T12:41:00.000+05:302006-10-25T12:41:00.000+05:30प्रत्यक्षा जी
कनौट प्लेस में Statesman House की पह...प्रत्यक्षा जी<br />कनौट प्लेस में Statesman House की पहली मंजिल पर में Oxford Bookstore है, शायद आप इसी की बात कर रहीं हैं। इसमें चाय शॉप है - तरह तरह की चाय मिलती हैं और स्नैकस् मिलते हैं। मैं दिल्ली रहता हूं तो यहां किताब खरिदने तो नहीं, पर चाय पीने जाता हूं और हर बार अलग तरह की। अभी तक करीबन दस तरह की चाय पी चुका हूं। इस दुकान पर किताबें एक खास वर्ग के लिये हैं और मैं उस वर्ग में नहीं हूं। दिल्ली में मेरे पसन्द की किताबों की दुकान कनौट प्लेस बुक वर्म के नाम से है। अलग अलग शहर में, मेरे पसन्द की किताबों की दुकान के बारे में मैंने <a href="http://unmukt-hindi.blogspot.com/2006/05/blog-post_114684264984412121.html"> यहां</a> भी लिखा है। शायद आप कभी इन दोनो जगह जायें तो अन्तर ज्यादा अच्छा समझ में आये।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-31773530465615592132006-10-25T11:33:00.000+05:302006-10-25T11:33:00.000+05:30शायद दिल्ली में कोई किताब की दुकान है जहाँ आप कॉफी...शायद दिल्ली में कोई किताब की दुकान है जहाँ आप कॉफी पीते किताबें ब्राउज़ कर सकते हैं । वहाँ जाना है कभी फुरसत से ।Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-33055829088845533022006-10-25T10:31:00.000+05:302006-10-25T10:31:00.000+05:30कई जगहों पर संगीत सरदर्द बन जाता है, मुंबई की टैक्...कई जगहों पर संगीत सरदर्द बन जाता है, मुंबई की टैक्सी या तिपहिये पर बैठिये, झंकार बीट्स वाले गाने इस तरह धमा-धम फुल वाल्यूम पर बजाते हैं कि मन करता है कि पैदल ही निकल लो!<br /><br />अधिकतर रेस्तोरां में तो गाना ऐसा ज़ोर से बजता है कि बातें करने के लिये चिल्लाना पड़ता है।<br /><br />कभी कभी तो मन करता है कि उनके स्पीकर्स फोड़ गें तो चैन आये - कसम से!!अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/03416309171765363374noreply@blogger.com