tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post3160940090252968441..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: Everything you desire – Five Point Someoneउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-16247352772640089902010-07-10T16:02:34.764+05:302010-07-10T16:02:34.764+05:30[उन्मुक्त]मुझे अच्छा लगता कि यदि यह कहते कि ओपेन आ...[उन्मुक्त]मुझे अच्छा लगता कि यदि यह कहते कि ओपेन आफिस डाट आर्ग का उन्होंने प्रयोग किया...<br />पर कहते तो तब जब उन्होंने सच में ओपन ऑफिस का प्रयोग किया होता. मुझे लगता है आप चेतन भगत से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा बैठे हैं.<br /><br />[उन्मुक्त] ...जब देखो तब यह लोग वोदका और रम पीने बैठ जाते हैं...<br />जी, तभी तो इस किताब का नाम है: What NOT to do at IIT<br /><br />@नीरज जी, आपने शे'र अधूरा दिया है, उसे पूरा कर रहा हूँ:<br /><br />शराब का कोई अपना सरीह-ए-रंग नहीं, शराब तजज़िया-ए-एहतेसाब करती है |<br />जो अहल-ए-दिल हैं बढ़ाती है आबरू उनकी, जो बेशऊर हैं उनको ख़राब करती है ||Pravin Singhhttp://pravinsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-75719615027273593782008-05-18T17:04:00.000+05:302008-05-18T17:04:00.000+05:30किताब के बारे में आपने अच्छा लिखा है। मैंने फ़ाइव प...किताब के बारे में आपने अच्छा लिखा है। मैंने फ़ाइव प्वाइंट समवन आधी पढ़ी है। अब आगे भी विचार है। दुबारा पढ़ने का।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-32373517569126294792007-07-26T01:52:00.000+05:302007-07-26T01:52:00.000+05:30उन्मुक्त्क्जी आपकी टिपण्णी के लिए बोहोत धन्यवाद्!आ...उन्मुक्त्क्जी आपकी टिपण्णी के लिए बोहोत धन्यवाद्!आप बिलकूल सही कहते है। ये एक अनुभव की तौरपे मैंने बाँटा। नेट कि इस दुनिया मे जहाँ ना तो सामनेवाला व्यक्ती नज़र आता है ना उसकी आवाज़ सुनायी देती है,संभंलके क़दम उठाना बेहद ज़रूरी है। वरना यहाँ फिसलन ही फिसलन ही है!shamahttps://www.blogger.com/profile/15550777701990954859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-30022944748472156022007-07-23T07:35:00.000+05:302007-07-23T07:35:00.000+05:30प्रतीक जी आप सही कह रहे हैं। कुछ गलती टाईप हो गया ...प्रतीक जी आप सही कह रहे हैं। कुछ गलती टाईप हो गया था। धन्यवादउन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-5940889975199017742007-07-22T22:40:00.000+05:302007-07-22T22:40:00.000+05:30उसके साथ मुझे चेतन आनन्द की Five point some one: w...<B>उसके साथ मुझे चेतन आनन्द की Five point some one: what not to do at IIT की या आयी। यह पुस्तक आई. आई. एम. के जीवन के बारे में है।</B><BR/><BR/>जहाँ तक मुझे याद है, शायद लेखक का नाम "चेतन भगत" है और किताब आईआईटी के बारे में है। :)Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-80644175969262505862007-07-22T18:34:00.000+05:302007-07-22T18:34:00.000+05:30आभार!!आभार!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-84502850136436160102007-07-22T11:02:00.000+05:302007-07-22T11:02:00.000+05:30हम तो दारू और रम के बारे में ही अपनी टिप्पणी लिखें...हम तो दारू और रम के बारे में ही अपनी टिप्पणी लिखेंगे :-)<BR/><BR/>नशा ईमान होता है सुराही दीन होती है,<BR/>जवानी की इबादत किस कदर रंगीन होती है ।<BR/><BR/>शराब का कोई अपना सरीरे रंग नहीं,<BR/>जो अहले दिल हैं बढाती है आबरू उनकी,<BR/>जो बेशऊर हैं उनको खराब करती है । :-) <BR/><BR/>शायद इन दोनों ही लेखकों ने Latex का नाम नहीं सुना होगा तभी MS Word के बारे में ऐसी बात कर रहे हैं ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.com