tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post386980296724767224..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: ज्योतिष या अन्धविश्वास: ... टोने टुटकेउन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-43820856298683619082012-07-07T14:15:36.794+05:302012-07-07T14:15:36.794+05:30भारतीय और पश्चिमी ज्योतिष में एक मूलभत अंतर है रव...भारतीय और पश्चिमी ज्योतिष में एक मूलभत अंतर है रविजी। वह यह कि पाश्चात्य गणनाएं सूर्य आधारित हैं और भारतीय गणनाएं चंद्रमा आधारित। <br /><br />भारतीय ज्योतिष करीब 63 साल में सूर्य के कोण में हो रहे एक डिग्री के बदलाव को दर्ज करता रहा है। ऐसे में जब भारतीय ज्योतिषी कहता है कि वर्तमान में सूर्य सिंह राशि में है तो वह सिंह राशि (जो आसमान में सिंह राशि के नक्षत्रों से मिलकर बनी है) में ही घूम रहा होता है, वहीं पाश्चात्य उसी समय सूर्य को कन्या राशि में बता रहे होते हैं। <br /><br />आपने सायन और निरयण शब्द सुने होंगे। ये करेक्शन ही सूर्य को सही स्थिति पर लेकर आते हैं... :)Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-45482856172188923972011-11-01T14:25:59.228+05:302011-11-01T14:25:59.228+05:30जीवन परिभाषा : मनुष्य अपने कार्यत्यों को अच्छी तरह...जीवन परिभाषा : मनुष्य अपने कार्यत्यों को अच्छी तरह से पालन करें और एक दुसरे के प्रति भ्ज्ञेद भाव न रखे न किसी से विश्चाश घात करेmaithttp://sinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-67766074053195357162006-11-26T17:45:00.000+05:302006-11-26T17:45:00.000+05:30Very True. But it is a real difficult task to make...Very True. But it is a real difficult task to make the older generation understand. For example, my mother (and now after her, my wife too) would never doubt the Panditji who says that there is a "Mangal Ki Dasha" over my life!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09191311925578394759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-38879685903956854212006-11-25T22:26:00.000+05:302006-11-25T22:26:00.000+05:30इस विषय पर आपकी सारी पोस्ट पढी.महत्वपूर्ण जानकारिय...इस विषय पर आपकी सारी पोस्ट पढी.महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल और संक्षिप्त ढंग से समझाने का<br />बहुत धन्यवाद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-74976686647774933502006-11-22T10:10:00.000+05:302006-11-22T10:10:00.000+05:30"..यदि ज्योतिष का ही तर्क लगायें तो जो गुण ज्योतिष..."..यदि ज्योतिष का ही तर्क लगायें तो जो गुण ज्योतिषों ने मेष राशि में पैदा होने वाले लोगों को दिये थे वह अब मीन राशि में पैदा होने वाले व्यक्ति को दिये जाने चाहिये। यानी कि, हम सबका राशि फल एक राशि पहले का हो जाना चाहिये पर ज्योतिषाचार्य तो अभी भी वही गुण उसी राशि वालों को दे रहे हैं।.."<br /><br />यह आपने मुझे एक नई, महत्वपूर्ण बात बताई. ज्योतिष पर से पर्दा उठने का एक और ठोस कारण.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-79566365698178816932006-11-22T09:57:00.000+05:302006-11-22T09:57:00.000+05:30विषय ऐसा है की विस्तार से लिखा जाना चाहिए, वहीं आप...विषय ऐसा है की विस्तार से लिखा जाना चाहिए, वहीं आप संक्षेप से निपटा देते है. यह एक शिकायत है, बकि लेख व विषय दोनो ही उम्मदा हैं.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com