tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post4549119444022682291..comments2024-02-22T19:15:31.889+05:30Comments on उन्मुक्त: हम कहां जा रहे हैं उन्मुक्तhttp://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-1089926983684733322020-10-17T04:34:06.552+05:302020-10-17T04:34:06.552+05:30मैं आपके विचारों से सहमत हूँ ।आपकी अभिव्यक्ति उल्ल...मैं आपके विचारों से सहमत हूँ ।आपकी अभिव्यक्ति उल्लेखनीय और सराहनीय है । राजीव बजाज भी निर्णायक भूमिका में उभरे । प्रकरण दूसरा पर जज़्बा वही । आप जैसा । टाटा समूह अडिग रहते । प्रतीकात्मक एक संदेश अग्रसारित होता ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04104297297756216841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-12253143689836928482020-10-16T23:28:06.197+05:302020-10-16T23:28:06.197+05:30इस लेख के शीर्षक को पढ़कर मुझे 'आग से अंतरिक्ष ...इस लेख के शीर्षक को पढ़कर मुझे 'आग से अंतरिक्ष तक' पुस्तक के उपसंहार की याद आ गई, जिसे मैंने 'हम किस गली जा रहे हैं' नाम से लिखा है।<br /><br />उपसंहार में बर्ट्राण्ड रसेल, अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफेन हॉकिंग को उद्धृत कर विज्ञान के लक्ष्य पर चर्चा की है, तथा थॉमस कुह्न, पॉल फायरअबेंड और कार्ल पॉपर के दर्शन के आधार पर विज्ञान के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मानव जाति की वैज्ञानिक उपलब्धियों की समीक्षा की है।अज़ीज़ रायhttps://www.blogger.com/profile/09237300181352146572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23104312.post-8504892082467282092020-10-16T22:35:45.797+05:302020-10-16T22:35:45.797+05:30Great advertisement. Heart-touching.
Salute to the...Great advertisement. Heart-touching.<br />Salute to the spirit behind the ad....Rakesh Bagganoreply@blogger.com