सारांश: इस चिट्ठी में इस बात की चर्चा है कि संचार के लिये, विषय के बारे में, स्पष्टता जरूरी है।
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२०१९ के संविधान दिवस पर मुझे गुजरात उच्च न्यायालय में बोलने का मौका मिला था। यह चित्र उसी समय का है। वह भाषण यहां सुना जा सकता है। |
कानून के विद्यार्थियों को सलाह
भूमिका और सबसे मुख्य बात।। अपनी भाषा सुधारें।। अच्छे संचार का मूलमंत्र - संक्षिप्त और मुद्दे पर बात करना।। संचार के लिये, विषय की स्पष्टता महत्वपूर्ण है।।
इस चिट्ठी को अंग्रेजी में यहां पढ़ा जा सकता है।
लगभग दो दशक पहले, मैंने अंग्रेजी में एक भाषण सुना। वक्ता धाराप्रवाह अंग्रेजी में बोल रहे थे, उनका उच्चारण भी एकदम सही था। भाषण के बाद, हर श्रोता, उनकी तारीफ के पुल बांध रहा था। इस कारण मैंने वहां पर लोगों से पूछा कि वक्ता क्या कहना चाहते थे; उनकी बात का सार क्या था। लेकिन, यह बात कोई भी नहीं बता पाया।
वक्ता की, भाषा पर बहुत अच्छी थी, लोग उनकी अंग्रेजी से प्रभावित थे। लेकिन, विषय पर वे स्पष्ट नहीं थे। वे गोल-मोल बातें कर रहे थे। नतीजा यह हुआ कि कोई भी उनकी बात न तो समझ पाया, न ही संक्षेप में बता पाया।
ऐसा अक्सर बातचीत, लेखों, फैसलों में होता है। लोग गोल-मोल बातें करते रहते हैं; वे मुश्किल टेकनिकल शब्दों का प्रयोग करते हैं - फिर बिना किसी स्पष्टता के, निष्कर्ष बता देते हैं। ऐसा तब होता है जब वक्ता या लेखक को विषय स्पष्ट नहीं होता है। इसलिए, किसी विषय पर संचार या संवाद के लिये विषय की स्पष्टता ज़रूरी है।
निष्कर्ष: आपकी बात, दूसरे समझे, इसके लिये विषय पर अच्छी पकड़ होनी चाहिये।
किसी भी विषय को समझने के लिए फाइनमेन तकनीक का अनुसरण करने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह क्या है? इसे कैसे हासिल किया जा सकता है? इस बारे में हम अपनी अगली चिट्ठी में बात करेंगे।
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