Sunday, February 24, 2008

सिगमंड फ्रायड संग्रहालय

वियाना दुनिया के संगीत की राजधानी है। यहां बड़े-बड़े संगीतकार हुए हैं, बीथोवियन, (Beethoven) मोजार्ट (Mozart)। वियाना में लोग इनके संग्रहालय या म्यूज़िक कॉंसर्ट देखने जाते हैं पर मैं यदि वियाना में कहीं जाना चाहता था तो उस जगह, जहां सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud) ने अपना जीवन व्यतीत किया।

सिगमंड फ्रायड का वियाना में घर जहां पर अब संग्रहालय है

मैं बर्लिन से तैयार होकर निकला था और कुछ नाश्ता हवाई जहाज में ही कर लिया था। हम लोग वियाना हवाई अड्डे से ही फ्रायड संग्रहालय देखने चले गये। वहां पर काम करती महिला हमें देख कर मुस्कराने लगी। मैंने पूछा, 'क्या आप लोग सिंगमड फ्रायड के संग्रहालय में सिस्टरों को देख कर मुस्करा रही हैं?' उसने हांमी भरी, पर मुस्कराने का कारण यह भी बताया कि हम तीन में से दो भारतीय हैं।

संग्रहालय के इंचार्ज ने बताया कि लगभग १०० लोग रोज देखनें आते हैं और इस संग्रहालय को बनाने में उसकी बेटी ने मदद की। फ्रायड १९३८ तक वियाना में रहे। वे यहूदी थे और जब १९३८ में वियाना जर्मनी का हिस्सा बन गया तो वे सपरिवार लंदन चले गये जहां १९३९ में उनकी मृत्यु हो गयी।

फ्रायड पढ़ाई के सारे विषयों में या तो बहुत अच्छे थे या उत्कर्ष - इससे कम नहीं


यहां पर फ्रायड के शिक्षा संबंधी सर्टिफिकेट भी देखे जा सकते हैं जो बताते हैं कि वे यह सारे विषयों में या तो बहुत अच्छे (very good) थे या उत्कर्ष (excellent) थे, इससे कम नहीं। संग्रहालय से कुछ यादगार सामाग्री (Souvenir) भी खरीद सकते हैं। मैंने उनकी एक फोटो खरीदी। मैंने उनके मरीजों का Waiting room वा उनका Consulting chamber देखा।

मरीजों के लिये वेटिंग रूम

फ्रायड आजकल प्रासंगिक नहीं माने जाते हैं पर जिस समय उन्होंने सेक्स के बारे में अपने सिद्घान्तो को प्रतिपादित किया उस समय उस विषय पर बात नहीं करना एक हिम्मत की बात थी। उन्होंने सामाजिक बंधनो से ऊपर उठकर इस विषय पर बात की। उनके पूरे संघर्ष को, जीवनी के रूप में, इर्विंग स्टोन (Irving Stone) ने बहुत अच्छी तरह से पैशन आफ माइंड (Passion of Mind) नामक पुस्तक में लिखा है। यह पुस्तक पढ़ने योग्य है। मैं कोशिश करूंगा कि इस पुस्तक की समीक्षा करूं।

अगली बार, वियाना के उस कॉन्वेंट बारे में जहां मैं ठहरा था

वियाना यात्रा
मैं पहुंच रहा हूं।। फिल्म - सॉउन्ड ऑफ म्यूज़िक सत्य कथा पर आधारित है।। टमटम पर, राजसी ठाट-बाट के साथ, वियाना।। सिगमंड फ्रायड संग्रहालय।।



हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें: Click on the symbol ► after the heading.)
  • अंतरजाल की माया नगरी की नवीनतम कड़ी: समकक्ष कंप्यूटरों के बीच फायल शेयरिंग ( Peer to peer file sharing)
  • पुस्तक समीक्षा: माइक्रोब हंटरस् - जीवाणुवों के शिकारी (Microbe Hunters by Paul de Kruif)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

यह पोस्ट 'वियाना में सिगमंड फ्रायड संग्रहालय' घूमने के बारे में है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।

yah post 'vienna mein Sigmund Freud Museum' ke bare mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about 'Sigmund Freud Museum' in Vienna. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
Sigmund Freud Museum, सिगमंड फ्रायड संग्रहालय
Austria, Austria, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travelogue, Vienna, Vienna, Wien, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण, ऑस्ट्रिया, वियाना,

5 comments:

  1. अच्छा लगा फ्रायड और उनके म्यूजियम पर पढ़ कर। यह तो पता चल गया कि वह वियेना में है। His certificates would be excellent, is a guess any one would make!

    ReplyDelete
  2. फ्रायड के बारे मे जानकारी वो भी फोटो के साथ अच्छी लगी।

    ReplyDelete
  3. फ्रायड आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि सेक्स पर कोई भी विज्ञान सम्मत बात करन्ने के लिए आज भी इन्हे आदर के साथ उधृत किया जाता है जैसे साम्यवाद पर कोई भी चर्चा का उद्गम मार्क्स से होता है या फिर विकासवाद पर डार्विन याद किए जाते हैं .आज की वैचारिक दुनिया इन तीनो महापुरुषों की ऋणी है.हाँ युगीन परिवर्तन हुए हैं मगर हम इनके योगदान को इनकार देन यह सम्भव नहीं .भले ही फ्रायड को जी स्पाट[http://indianscifiarvind.blogspot.com/] की जानकारी न रही हो ,यह उन्ही का दिखाया मार्ग है जिस पर आज विश्व भर के तमाम सेकसविद चल रहे हैं .
    आप भाग्यशाली हैं की इस महान व्यक्तित्व के स्मृतिशेष -चिन्हों का साक्षात्कार किया .

    ReplyDelete
  4. फ्रायड के बारे में अधिक्रत जानकारी पढने को मिली है। इसके लिए हार्दिक आभार।
    मैं अरविंद जी की बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि फ्रायड आज भी प्रासंगिक हैं।

    ReplyDelete

आपके विचारों का स्वागत है।