इस चिट्ठी में उस मुकदमें की चर्चा है जिसने हार्पर ली को 'टु किल अ मॉकिंगबर्ड' लिखने के लिये प्रेरित किया। इस चिट्ठी को, सुनने के लिये यहां चटका लगायें।
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रूबी बेटस् और विक्टोरिया प्राइसका चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से |
१९४१ में सैमुएल न्यायाधीश हो गये। वे जहां भी घूमने जाते थे, वहां न्यायालय की कार्यवाही देखना पसन्द करते थे। एक बार वे फ्लोरिडा गये। वहां न्यायालय की जूरी में ११ श्वेत लोगों के साथ एक अश्वेत भी था। दोपहर के भोजनावकाश के दौरान उसने वकीलों से पूछा,
'क्या यहां अश्वेत लोग भी जूरी पर बैठते हैं?'उस वकील ने जवाब दिया,
'Yes, it is something new. This is the first time in our state we have had a nigger on a jury and it's all on account of a son-of-a-bitch named Samual Leibowitz from New York. He came down to Alabama a few years ago to try a case and somehow he got to the Supreme Court in Washingtone, and damned if we haven't had to put niggers on our juries over since.
हां यह कुछ नया है यह पहली बार है जब कोई अश्वेत व्यक्ति जूरी में है। यह सब उस उल्लू के पट्ठे सैमुएल लाईबोविट्ज़ के कारण हुआ जो कि कुछ साल पहले ऎलाबामा में एक मुकदमा करने आया था फिर उसने अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय से कानून बदलवा दिया अब हमें अश्वेत लोगों को जूरी पर रखना पड़ता है।
यह मुकदमा था स्कॉटस्बॉरो बायॉज़ पर चला मुकदमा। इस मुकदमें के समय ली छः साल की थीं और ऎलाबामा में रहती थीं। इस मुकदमें ने उन पर असर डाला। इसी के अधार पर, उन्होंने अपना प्रसिद्ध उपन्यास 'टु किल अ मॉकिंगबर्ड' की रचना की। इस मुकदमें के तथ्य कुछ इस प्रकार थे।
१९३० का दशक अमेरिकी इतिहास में मंदी का दशक था। लोग इधर-उधर नौकरी की तालाश में घूमते थे। उनके पास टिकट खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे। इसलिए मालगाड़ी में बिना टिकट लिए जाया करते थे। २५ मार्च १९३१ में, एक मालगाडी में कुछ श्वेत व कुछ अश्वेत लड़के सफर कर रहे थे। उनमें आपस में, लड़ाई हो गयी। यह स्पष्ट नहीं है कि यह क्यों शुरू हुई पर इसमें श्वेत लड़कों की पिटाई हो गयी। श्वेत लड़कों ने मालगाड़ी से उतर कर स्टेशन मास्टर से इस बात की शिकायत की और अश्वेत लड़कों पर मुकदमा चलाने की बात कही।
अगले स्टेशन पर मालगाड़ी रोक ली गयी। पूरी मालगाड़ी में ९ अश्वेत लड़के मिले जिनकी उम्र १२ साल से १९ साल थी। वे सब पकड़ लिए गये। उनके साथ दो श्वेत लड़कियां विक्टोरिया प्राइस (Victoria Price) ,रूबी बेटस् (Ruby Bates) भी मिली। उन श्वेत लड़कियों से पूछा गया कि क्या अश्वेत लड़के उन्हें तंग कर रहे थे। उनका जवाब था,
'अश्वेत लड़कों ने हमारे साथ बलात्कार किया है।'इस पर अश्वेत लड़कों को जेल भेज दिया गया। इन पर बलात्कार का मुकदमा स्कॉटस्बॉरो में चला। इसलिए यह लड़के स्कॉटस्बॉरो बॉयज़ नाम से, और यह मुकदमा स्कॉटस्बॉरो बायॉज़ ट्रायल के नाम से जाना जाता है।
यह मुकदमा अमेरिकी कानूनी इतिहास में, एक शर्मनाक मुकदमे के रूप में जाना जाता है। यह मुकदमा २०वीं शताब्दी के न केवल संविधान, पर नागरिक अधिकारों के क्षेत्र में सबसे जाना माना मुकदमा है। यह दो बार अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय में गया और दोनों बार फांसी की सज़ा रद्द कर वापस पुन: सुनवाई के लिए वापस भेजा गया।
इस मुकदमें में क्या हुआ, यह अगली बार।
बुलबुल मारने पर दोष लगता है
भूमिका।। वकीलों की सबसे बेहतरीन जीवनी - कोर्टरूम।। सफल वकील, मुकदमा शुरू होने के पहले, सारे पहलू सोच लेते हैं।। कैमल सिगरेट के पैकेट पर, आदमी कहां है।। अश्वेत लड़कों ने हमारे साथ बलात्कार किया है।।सांकेतिक शब्द
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अमेरिका आज भी नही बदला, सब वेसा ही है, बस थॊडा दिखावा बढ गया है.
ReplyDeleteबुक तो पढ़ी हुई है फिल्म भी देखि हुई है, पर इतना बैकग्राउंड... शुक्रिया !
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