अनर्किकल एण्ड रेवलूशनेरी ऐक्ट (Anarchical and Revolutionary Crimes Act) १० मार्च १९१९ को बना। यह न्यायमूर्ती सिडनी रॉलेट कि अध्यक्षता वाली कमेटी की अनुशंसा पर बानाया गया। यह काला कानून था और लोगों के बीच रॉलेट ऐक्ट के नाम से जाना गया। इसके अन्दर, लोगों को बिना मुकदमा चलाये, बिना किसी न्यायिक समीक्षा (यानि बिना कारण) दो साल के लिये नज़रबन्द किया जा सकता था।
आज के दिन, सौ साल पहले, १३ अप्रैल १९१९ को हिन्दू, मुसलमान और सिखों ने इसका शान्तिपूर्वक विरोध करने के लिये मैदान में सभा बुलायी। इस सभा पर कर्नल रजिनॉल्ड डायर ने बिना चेतावनी दिये, बिना कारण निहत्थों पर गोली चलायी। जिसमे सैकड़ों लोग मारे गये और हज़ारों लोग घायल हो गये। बाद में मैदान को, बाग में परिवर्तित कर दिया गया और यह जलियाँवाला बाग बन गया।
इसी नरसिंहार पर सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता - हंस प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित सुभद्रा समग्र से।
आज के दिन, सौ साल पहले, १३ अप्रैल १९१९ को हिन्दू, मुसलमान और सिखों ने इसका शान्तिपूर्वक विरोध करने के लिये मैदान में सभा बुलायी। इस सभा पर कर्नल रजिनॉल्ड डायर ने बिना चेतावनी दिये, बिना कारण निहत्थों पर गोली चलायी। जिसमे सैकड़ों लोग मारे गये और हज़ारों लोग घायल हो गये। बाद में मैदान को, बाग में परिवर्तित कर दिया गया और यह जलियाँवाला बाग बन गया।
इसी नरसिंहार पर सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता - हंस प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित सुभद्रा समग्र से।