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Wednesday, February 13, 2008

वेलेंटाइन दिवस, ओपेन सोर्स के साथ मनायें

कल वेलेंटाइन दिवस है। इसके लिये आज से ही तैयारी करें और इसे ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर के साथ मनायें।
'लगता है कि बुढ़ापे के साथ उन्मुक्त जी भी सटिया गये हैं। वेलेंटाइन डे बुढ्ढे लोगों के लिये नहीं है। यह दिन जवान दिलों के लिये है। यह तो, महिला या पुरुष मित्र के साथ बिताया जाता है। ओपेन सोर्स के साथ बिताने क्या मतलब - हुंः!'
अरे भाई मैं भी तो वही बात कर रहा हूं जो आप कह रहें हैं - दोनो में कोई अन्तर नहीं है। '
आप भी वही बात कर रहे हैं, अच्छा मज़ाक कर लेते हैं।'
मैं तो केवल इतना कहना चाहता हूं कि आप क्यों न, अपने प्रिय जन के पास, एक प्यारी सी कविता या गाना ऑडेसिटी पर रिकॉर्ड कर के भेजें या पॉडकास्ट करें। अच्छा आप गा नहीं सकते हैं, कोई बात नहीं। क्यों नहीं ओपेन ऑफिस डाट ऑर्ग में उसके लिये प्यारी सी कविता लिखें। यह एम.एस. वर्ड के वर्ड प्रोसेसर से किसी तरह से कम नहीं है। यह doc फॉरमेट के कागज़ातों को न केवल खोल सकता है पर इसमें उन्हें सुरक्षित कर सकता है। क्या कहा उसने एम.एस. वर्ड खरीद लिया है (भगवान ही आपका मालिक है - इसे व्यक्तिगत रूप से कोई नहीं खरीदता, केवल ... ही खरीदते हैं, सब ... का प्रयोग करते हैं)। बहुत अच्छी बात है हमेशा कानूनी काम करना चाहिये। उसके एम.एस. वर्ड में सन माइक्रोसिस्टम के द्वारा निकाला प्लग-इन डाल दीजिये ताकि वह ओपेन फॉरमैट के कागज़ातों को पढ़ सके। क्योंकि आने वाले समय पर यह सबसे महत्वपूर्ण फॉरमैट होगा। आप कविता नहीं लिख सकते हैं तो उसके अगले प्रस्तुतिकरण को लिब्रे ऑफिस या ओपेन ऑफिस डाट ऑर्ग के इम्प्रेस प्रोग्राम पर बना कर दें या इसी पर पिछली पिकनिक पर खींचे गये चित्रों का प्रस्तुतिकरण बना कर उसे दिखायें। इम्प्रेस प्रोग्राम किसी भी तरह से पॉवर पॉंइट से कम नहीं है। इसकी खास बात यह है कि यह प्रस्तुतिकरण को ppt फॉरमैट में भी सुरक्षित कर सकता है और इस फॉरमैट की फाइलों को दिखा सकता है। क्या कहा प्रस्तुतिकरण बनाने में ज्यादा समय लगेगा और आप जल्दी में हैं। छोड़िये इसको - गिम्प पर उसके चित्र को संपादित करें। वह सबसे स्मार्ट और सुन्दर तो है ही (इस बात का खास ख्याल रखियेगा कि चित्र में उसका वजन दस किलो कम और कमर छः इंच पतली लगनी चाहिये)। यह चित्र बना कर उसे उपहार में दें। अच्छा आप उसी के साथ रहना चाहते हैं और अलग से कुछ नहीं करना चाहते हैं। कोई बात नहीं, क्यों नहीं उसके साथ एमप्लेयर या फिर वी.एल.सी. मीडिया प्लेयर पर कोई बढ़िया सा गाना सुने या इसी पर कोई फिल्म देखें। उसके कंप्यूटर पर कुछ करना चाहते हैं तो क्यों नहीं सनबर्ड ई-मैनेजर में उसके प्रिय जनों का जन्मदिन और शादी की सलागिरह डाल दें। ख्याल रहे उसमें आपका जन्मदिन अवश्य रहे ताकि वह उसे कभी न भूलने पाये। हां, आपके क्लास या ऑफिस में जो स्मार्टी है और देवानन्द लगता है उसका जन्मदिन तो आपको याद नहीं है। जाहिर है कि उसे आप कैसे डाल सकते हैं। क्या कहा वह आपके पास नहीं है, बहुत दूर है। क्यों नही उसे थंडरबर्ड में एक प्यारी सी ई-मेल लिख भेजें। ई-मेल तो हमेशा भेजते रहते हैं। इस दिन कुछ नया करना चाहते हैं। कोई मुश्किल नहीं - फायरफॉक्स पर अपना चिट्टा खोलिये और उसके लिये एक प्यारी सी चिट्ठी लिख डालिये।

मेरे लिये तो वह सबसे सुन्दर, सबसे प्यारी है

'उन्मुक्त जी, क्या लिखें?'

हूंहूंहूं ... यह तो मुश्किल सवाल है ... सोचता हूं। मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या लिखना चाहिये। मेरे लिये तो वह सबसे सुन्दर, सबसे प्यारी है। हांलाकि कुछ नाटी है, कुछ मोटी है पर मैं कौन सा देवानन्द या फिर ग्रेगरी पेक हूं। मैं आपको यह क्यों बताऊं कि मैं मुकरी जैसा लगता हूं।

वेलेंटाइन दिवस पर महत्वपूर्ण सूचनायें
पहली सूचना: यह सारे प्रोग्राम विंडोज़ पर बहुत बढ़िया तरीके से चलते हैं और आपको इन्हें विंडोज़ में चलाने में कोई मुश्किल नहीं होगी। दूसरी सूचना: आपको तो मालुम ही है न कि, 'लिनेक्स (ओपेन सोर्स) प्रेमी पुरुष ज्यादा कामुक और भावुक' होते हैं और महिलायें उन्हें पसन्द करती हैं। फिर भी, एहतियात बरतने में कोई हर्ज़ नहीं :-) तीसरी सूचना: पुरुष अक्सर वैसा बर्ताव करते हैं जैसा कि नीचे दिखाये विडियो में मना किया गया है पर महिलायें बिलकुल चिन्ता न करें - ओपेन सोर्स प्रेमी तो ऐसा कर ही नहीं सकते। यह लोग 'प्रकृति की गोद में तीन दिन' रहें या वहां 'उर्मिला की कहानी' पढ़ें पर बात 'ओपेन सोर्स सौफ्टवेर' या फिर 'लिनेक्स की कहानी' की ही करते हैं। ईसप की कहानियों में कुछ बदलाव कर उसे 'खरगोश, कछुवा और औपेन सोर्स' कर देते हैं। यह पागलपन तो यहां तक रहता है कि 'ओपेन सोर्स की पाती - बिटिया के नाम' लिख देते हैं। जब वह पूछती है कि 'पापा, क्या आप उलझन में हैं' तो यह बताने के बजाय उसे 'बिटिया रानी, जैसी दुनिया चाहो, वैसा स्वयं बनो' की सीख देने लग जाते हैं। यदि इससे छुट्ठी मिली तो 'पहेलियां और मार्टिन गार्डनर' की बात कर पहेलियों की बेहतरीन पुस्तकों की चर्चा करने लगते हैं। उसी के साथ '२ की पॉवर के अंक, पहेलियां, और कमप्यूटर विज्ञान' में कमप्यूटर विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतो को बताने लग जाते हैं। यह कहते तो हैं कि 'Oh Be A Fine Girl Kiss Me' पर इसका मतलब तो यह होता है कि 'ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके' में कोई अन्तर नहीं, इनमें कोई तर्क नहीं है और यह तीनो केवल आपको ...। इन लोगों को 'रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन' के अतिरिक्त कोई और वैज्ञानिक समझ में नहीं आता है। यदि आता है तो वे आपसे पूछते हैं कि, 'क्या आपके पास सोचने का समय नहीं है?' और उसी के साथ फाइनमेन के पत्रों की चर्चा करने बैठ जाते हैं। जब कुछ नहीं मिलता है तो 'पेटेंट', 'पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम', और 'पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता' जैसे नीरस विषयों की व्याख्या करने लगते हैं। इन लोगों में देश-प्रेम भी है पर सारे विचारों को समन्वय कर बताते हैं कि 'वन्दे मातरम्' गाने का इतिहास क्या है और इसका गाना क्यों, अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। यह इतना भी नहीं जानते कि सही क्या है -'वीस्टा या विस्टा'? हांलाकि यह 'सर कटा देंगे पर झुकायेंगे नहीं'। इनके लिये 'Impossible is Nothing'. यह लोग कभी कभी 'चार बराबर पांच, पांच बराबर चार, चार…' करने लग जाते हैं और इसका जवाब 'आईने, आईने, यह तो बता - दुनिया मे सबसे सुन्दर कौन' में देने लग जाते हैं। यह ‘यहां सेक्स पर बात करना वर्जित है' बताते हुऐ ' यौन शिक्षा जरूरी है' का भी नारा देते हैं। इन्हें नहीं मालुम की 'मां को दिल की बात कैसे बतायें' लेकिन बाद में 'मां को दिल की बात कैसे बतायी' भी समझाते हैं। महिलाओं का वे आदर करते हैं उनके मुताबिक वे तो हैं 'आज की दुर्गा - महिला सशक्तिकरण' पर उनका खास जोर रहता है। मां की याद इन्हें रहती है चाहे वह बचपन की हों या फिर अन्तिम समय की। यह अपनी भावनाओं को उससे नहीं बताते जिसे इसका 'इन्तजार है'। इनके लिये तो 'प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो' ही यथार्थ है। इनके न केवल 'बैठने की प्रिय जगह' अजीब होती हैं पर हरकतें भी। यह हरकतें न केवल 'अपने टौमी, अरे वही हमारा प्यारा डौगी' के लिये होती हैं पर सबके लिये। ऐसे लोग अपनी मातृ भाषा से प्रेम करते हैं। 'अंतरजाल पर हिन्दी कैसे बढ़े' के लिये अलग, अलग तरह तरीके अपनाते हैं। हांलाकि कभी, कभी 'डकैती, चोरी या जोश या केवल नादानी' की बात कर, अपने प्रिय-जनो को दुखी कर देते हैं। यह बात दीगर है कि यह एहसास होते ही, माफी मांग लेते हैं चाहे बात 'पत्रकार बनाम चिट्ठाकार' की ही क्यों न हो। यह लोग सबको अपने जैसा ही समझते हैं पर जल्द ही समझ जाते हैं कि 'हमें आसान लगने वाली बात, अक्सर किसी और को मुश्किल लगती है'। यह लोग फ्री या बीयर के बारे में कुछ इस तरह से बात करते हैं, 'Free as in free speech, not as in free beer.' इनकी सबसे बड़ी मुश्किल है कि जब कोई इनसे इनके बारे में बात करना चाहता है तो यह कन्नी काट जाते हैं चाहे दूसरे को इसके लिये आपको 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' ही क्यों न करनी पड़े।
'उन्मुक्त जी, बन्द करिये अपनी बकबक - विडियो कहां है।'
लीजिये आप ही देख लीजिये कि वेलेंटाइन डे पर क्या नहीं करना चाहिये।
'उन्मुक्त जी, क्या यह विडियो "खिड़की प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं?" वालों के लिये है?'

मुझे क्या मालुम कि यह विडियो किसके लिये। आप स्वयं इस विडियो बनाने वाली सुन्दर लड़की लीसा नोवा से ही क्यों नहीं पूछ लेते। मुझे क्यों तंग कर रहे हैं :-) हां मुझे इंतज़ार रहेगा कि आप कैसे वैलेंटाइन दिवस मना रहे हैं या आपने इसे कैसे मनाया। 

इस महीने मैं हिन्दी चिट्टाकारी में दो साल पूरा कर रहा हूं - मैंने सोचा वेलेंटाइन दिवस के जरिये आपको कुछ अपनी चिट्ठियों के बारे में बता दूं। इसी लिये इतना बोर किया :-) 

प्रेम और वेलेंटाइन से संबन्धित कुछ अन्य चिट्ठियां
  1. वेलेंटाईन दिन
  2. लिनेक्स प्रेमी पुरुष - ज्यादा कामुक और भावुक???
  3. तो क्या खिड़की प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं?
  4. जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं
  5. प्यार किया तो डरना क्या
  6. Love means not ever having to say you're sorry
  7. अनएन्डिंग लव
  8. प्रेम तो है बस विश्वास, इसे बांध कर रिशतों की दुहाई न दो
  9. प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो
  10. जाने क्यों लोग ज़हर ज़िन्दगी में भरते हैं
 
इस चिट्ठी में प्रकाशित चित्र पर मेरा कॉपीराइट नहीं है। मैंने इसे यहां से लिया है और इन्हीं के सौजन्य से है। आप, इस चिट्ठे से बिना मुस्कराये वापस नहीं आ सकते। The photograph published here is not mine. I have taken it from here and it is courtsey them. This website is funny and you can do nothing but smile. Hi, I am using it for non profit purpose. Please do let me know if you have any objection. In that event, I will remove it.
 
हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें: Click on the symbol ► after the heading.)
  • अंतरजाल की माया नगरी की नवीनतम कड़ी: की-वर्ड और मॅटा टैग विवाद (Key wrod and Meta tag dispute) (Uniform Domain Name Dispute Resolution Policy Cyber Typo squatting)
  • पुस्तक समीक्षा: माइक्रोब हंटरस् - जीवाणुवों के शिकारी (Microbe Hunters by Paul de Kruif)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

इस चिट्ठी में विंडोज़ पर चलने वाले ओपेन सोर्स प्रोग्राम और मेरे द्वारा लिखे गये कुछ चिट्ठियों की चर्चा है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें। is post men windows par chlane vale open source programme aur mere dvaraa likhee kuchh post kee charcha hai. yah {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post talks about some popular open source programmes that run on Windows and some posts of mine. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

Thursday, March 15, 2007

रात नशीले है

मुन्ने की मां भी मेरे साथ गोवा में थी। होटल समुद्र के किनारे था। मैंने होटेल के कमरे की खिड़की से पर्दा हटाया तो देखा समुद्र के किनारे विदेशी धूप सेंक रहे हैं। बहुत सारी महिलायें भी थी। इसी नजारे को देख कर मैंने अपनी चिट्ठी प्यार किया तो डरना क्या में दूसरी बात लिखी थी। मैं तन्मयता से खिड़की से बाहर देख रहा था कि तभी मुन्ने की मां भी आ गयी बोली
'क्या देख रहे हो।'
मैंने कहा,
'समुद्र और क्या।'
वह
बोली,
'मैं जानती हूं कि तुम क्या देख रहे हो, खींचो पर्दा।'
मरता क्या न करता, पर्दा खींचना पड़ गया। उसने मेरे हाथ से कैमरा छीन लिया। कहा उधर कुर्सी पर बैठो, मैं चित्र खींचती हूं। देखिये कमरे की खिड़की से यह चित्र उसी खींचा है। क्या बेकार है? बाद में भी कैमरा उसी हाथ रहा सारे चित्र उसी के खींचे हुऐ हैं :-(

होटल में जगह जगह क्या बढ़िया बार थे और सब तरह के पीने का समान। पर मुन्ने की मां जो मुझसे चिपकी, बस साये की तरह लगी रही। सब मजा चला गया। अगली बार तो मैं अकेले ही आऊंगा। मैं यह कर सकता हूं। आपको मालुम होना चाहिये घर का बॉस मैं हूं और मुन्ने की मां ने, मुझे यह सबसे बताने की अनुमति दे रखी है।

अधिकतर भारतीय लोग अपने परिवार के साथ थे। बस हम ही दो लोग गोवा में थे। हमारे बच्चों के पंख निकल आये हैं। वे अपना घर बसा कर, हमारे बसेरे से दूर, अपना बसेरा ढ़ूढ़ने, सात समुन्दर दूर निकल गये हैं। रेस्तरां में, दोपहर के खाने पर बैंड बज रहा था। मैंने हिन्दी गाना सुनाने की प्रार्थना की, तो उसने मना कर दिया। वहां पर बहुत से विदेशी थे। इसलिये वे लोग या तो अंग्रेजी के गाने गाते थे या फिर कोंकणी के।

मेरे अनुरोध पर बैंड ने कोंकनी में एक गीत सुनाया। यह कुछ 'पुकारता, चला हूं मैं' की धुन में था। उसने बताया कि यह एक प्रेम गीत है। मेरे विद्यार्थी जीवन में बीटल बहुत लोकप्रिय हुआ करता था मैंने उनसे बीटल का कोई गाना सुनाने को कहा। उन्होने
'I want to hold your hand'
सुनाया। उनका यह गाना शायद सबसे चर्चित गाना है। शादी के ३० साल बाद मैं और मुन्ने की मां अपने दूसरे हनीमून पर थे - केवल हमीं नहीं, वहां पर सब।

रात को सम्मेलन के लोगों का खाना अलग जगह समुद्र के किनारे था। खाने की जगह पर जाने लगा तो एक जगह शतरंज की बाजी बिछी थी। मैं इसे देखने लगा तो एक विदेशी महिला की आवाज सुनायी पड़ी,
'If I knew chess then I would have played chess with you.'
मैंने मुड़ कर देखा तो बार में एक विदेशी दम्पत्ती, बार का मजा ले रहे थे। महिला ने मुझे अपना नाम ब्रेन्डा बताया। मैंने कुछ देर उन लोगों से बात की, फिर चल दिया खाने पर।
Brenda, it was a pleasure to meet you. You have promised that you will learn chess and we will play, when we meet again.
खाना दूर समुद्र के किनारे था। वहां एक ग्रुप गाना गा रहा था। धुन मस्तानी थी पर गाना समझ में नहीं आ रहा था, शब्द कुछ अजीब से इस प्रकार लगते थे
रात नशीले है
मस्त जैंहां है
रूप तेरा मास्ताने

फिर समझ में आया, यहां केवल भारतीय थे। इसीलिये बैंड हिन्दी पिक्चर आराधना का गाना गा रहे थे।

अगली बार 'सुहाना सफर और यह मौसम हसी' में भाग लेते हैं नच बलिये में और मिलते हैं छम्मक-छल्लो से।

देखिये, मैंने यह कभी नहीं कहा था कि मैं दूसरी बात के लिये फोटुवें दिखाउंगा जैसा कि चिट्ठाचर्चा में
यहां मान लिया गया है। मैंने तो केवल यह कहा था कि मैं सब सच सच बता दूंगा कि वहां मेरे साथ क्या हुआ। मुझे डर यह था कि कहीं आप लोग मुझे बीबी से डरने वाला समझ कर, मेरे चिट्ठे का बहिष्कार न करने लग जांय। आप खुद इस विषय पर दूसरी 'परशुराम की शनती' वाली चिट्ठी में पढ़ लीजये कि मैंने क्या कहा था।

Thursday, February 15, 2007

जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

कुछ दिन पहले मैंने अपने छुट-पुट चिट्ठे पर एक चिट्ठी लिनेक्स बनाम वीस्टा एवं मैकिन्टॉश नाम से पोस्ट की। इसमें बीबीसी के एक लेख की चर्चा है। इसमें इन तीनो ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना है। इस पर एक टिप्पणी,
'पता नहीं क्यों हर आदमी माइक्रोसौफ्ट को कोसने में लगा रहता है। सच कहूँ, मुझे तो Windows [से प्यार] ... है। ...
मैक पर [हिन्दी में काम करने के लिये] ... एक गन्दे से की-बोर्ड ले-आउट के अलावा कुछ भी नहीं है। ...
जो लोग लिनक्स का गुण-गान करते हैं… उनका तो अल्लाह ही मालिक है.... कंसोल में काम करना है तो ठीक है,
KDE/ Gnome तो अभी भी कचरा हालत में हैं।'
अच्छा सवाल है।

मेरा एक मित्र विंडोस़ प्रेमी है। मुझसे अक्सर कहता है कि मैं लिनेक्स छोड़ कर विंडोस़ अपना लूं। कल ही मेरे इसी मित्र ने एक ईमेल भेजी जो शायद अन्तरजाल में घूम रही है। यह हिन्दी में इस प्रकार है,
  • 'बिल गेटस् प्रति सेकेण्ड २५० यू०एस० डालर अर्जित करते हैं जो कि लगभग 2 करोड़ यू०एस० डालर प्रतिदिन और ७३ अरब यू०एस०डालर प्रति वर्ष होता है।
  • यदि उनसे १००० डालर गिर जाता हैं तो उसे उठाने के लिये वे कष्ट नहीं उठायेंगे क्योंकि सेकेण्ड में वे उसे उठायेंगे और इतने समय में १००० डालर अर्जित कर लेंगे।
  • अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज ५.६२ खरब है, यदि बिल गेटस् को यह ऋण स्वयं चुकता करना हो तो वह इसे १० वर्ष से कम समय में कर देगे।
  • वह पृथ्वी पर प्रति व्यक्ति १५ यू०एस० डालर दान करते हैं तब भी उनके पास जेब खर्च के लिए ५० लाख डालर शेष रह जायेगा।
  • माइकल जार्डन अमेरिका में सबसे अधिक धन अर्जित करने वाले खिलाड़ी हैं। उनकी सम्पूर्ण वार्षिक आय ३०० लाख डालर है। यदि वे खान-पान पर खर्च न करें तो उन्हें बिल गेटस् के बराबर धनी होने में २७७ वर्ष तक इन्तजार करना पड़ेगा।
  • यदि बिल गेटस् एक देश होते तो वे पृथ्वी पर सबसे धनी देश होते।
  • यदि आप बिल गेटस् के सभी धन को एक डालर के नोट में बदलें तो आप धरती से चन्द्रमा तक की दूरी से १४ गुनी लम्बी आने जाने वाली सड़क तैयार कर सकते हैं। किन्तु आपको इस सड़क को बिना रूके १४०० वर्षों में बनाना होगा और ७१३ बोइंग ७४७ जहाज सभी धन के आवागमन के लिये प्रयोग करना होगा।
  • यदि हम कल्पना करें कि बिल गेटस् अगले ३५ वर्षों तक जीवित रहते हैं और यदि वे ६.७८ लाख डालर प्रतिदिन खर्च करें केवल तभी स्वर्ग जाने के पहले वे अपनी सारी सम्पत्ति समाप्त कर पायेंगे।'
मुझे यह तो मालुम था कि विंडोस़ दुनिया का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है तथा बिल गेटस् दुनिया के सबसे सफल एवं अमीर व्यक्ति हैं पर यह नहीं मालुम था कि वे इतने अमीर व्यक्ति हैं। मुझे लगता है कि लोग तो जलते हैं बस इसलिये कोसते हैं।

इस ईमेल के समाप्ति पर कुछ और भी स्माईली के साथ लिखा था।
'अंत में भी बताना उचित होगा कि यदि माइक्रोसाफ्ट विन्डोस के प्रयोगकर्ता को कम्प्यूटर के हर बार अवरोध (हैन्ग) होने पर उसे एक डालर का हर्जान दिया जाय तो बिल गेटस् ३ साल में ही दिवालिया हो जायेंगे।'

लोग लिनेक्स क्यों पसन्द करते हैं इस बारे में सुश्री एन्ड्रिया कॉर्डिंगली के विचार मैंने यहां लिखे हैं। मैं तो लिनेक्स पर इसलिये काम करता हूं क्योंकि मुझे इसका दर्शन अच्छा लगता है, यह कुछ भाईचारे की बात लगती है, और इस पर बौद्धिक सम्पदा की झंझट नहीं है। पर,
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं?
शायद अल्लाह के पास पहुंचने के लिये, या फिर
... होने के लिये करते हैं।

Monday, January 15, 2007

तो क्या खिड़की प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं?

मैंने अपनी पिछली पोस्ट 'लिनेक्स प्रेमी पुरुष - ज्यादा कामुक और भावुक???' पर सुश्री एन्ड्रिया कॉर्डिंगली के विचार रखे। इस चिट्ठी का अन्त करते समय मैंने पूछा था कि, 'क्या यह सब केवल विज्ञापन ही है या फिर...'। मैंने यह इसलिये लिखा कि यदि मैं इस पर फिर से लिखना चाहूं तो यहीं से शुरु कर सकता हूं। रवी जी ने इस चिट्ठी पर टिप्पणी की,
'तो क्या खिड़की (विंडोज़) प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं?'
यह हास्य में की गयी टिप्पणी है। यहां पर, हास्य में, कुछ इसी के सन्दर्भ में।

मैं न तो कोई वैज्ञानिक या कंप्यूटर विशेषज्ञ हूं और न ही कंप्यूटर या विज्ञान सम्बन्धित फाईलें पलटता हूं पर विज्ञान मेरा प्रिय विषय रहा है। इसलिये कंप्यूटर पर काम करना, इसके बारे में जानकारी रखना, पसन्द है।

मैंने कंप्यूटर पर काम करना माईक्रोसॉफ्ट के डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम से शुरु किया। उसके बाद विंडोज़ ९५ और विंडोस़ ९८ पर भी काम किया। इसी बीच बहुत दिनों तक OS2 पर भी काम किया और इसी पर काम करना चाहता था। यह चला नहीं, इसलिये इस पर काम करना बन्द करना पड़ा।

OS2 एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह आई.बी.एम. के द्वारा विकसित किया गया था। इस समय यह समाप्त सा है क्योंकि, अब इस पर आई.बी.एम. ने भी सहायता देना बन्द कर दिया है। पर्सनल कंप्यूटर (पी.सी.) की शुरुवात तो स्टीवन जॉबस् (मैक कंप्यूटर) ने की पर इसमें सबसे बड़ा योगदान आई.बी.एम. का था। मेरी लिये यह एक पहेली सा था कि,
  • मैक कंप्यूटर दुनिया में सबसे पहला पर्सनल कंप्यूटर, चलने में सबसे आसान (user friendly), फिर भी क्यों सबसे लोकप्रिय नहीं हुआ।
  • OS2 उच्च कोटि का ऑपरेटिंग सिस्टम, तकनीक की दृष्टि से सारे ऑपरेटिंग सिस्टम से बेहतर, विंडोस़ से कम से कम १० साल आगे। फिर भी क्यों बैठ गया।
मैंने इन प्रश्नों का हल ढूढने के लिये कई पुस्तकें पढ़ीं और कंप्यूटर विज्ञान के इतिहास को समझा। इसके बाद यह कुछ समझ में आया। यह एक लम्बा विषय है, मैं इस पर लिखने की हिम्मत जुटा रहा हूं। इस गुत्थी को सुलझाने के दौरान, दौरान ओपेन सोर्स के बारे में सुनायी पड़ने लगा। मुझे इसका दर्शन (Philosophy) अच्छा लगा, बस इसलिये ओपेन सोर्स पर काम करना शुरु कर दिया। अब लगता है कि यह बेहतर सॉफ्टवेर है, और भविष्य इसी का है। इसीलिये इसी पर काम करना पसन्द करता हूं।

मैंने यह पोस्ट रवी जी के सवाल यानि कि खिड़की के संदर्भ पर शुरु की। पर बात ओपेन सोर्स की करने लगा। आप तो यही सोच रहें होंगे कि मैं टिप्पणी समझा ही नहीं। यह आपकी गलती नहीं। यह तो लोग अक्सर कह देते हैं कि, 'उन्मुक्त बाबू, आप पहले बात को समझा करें और फ़िर राय व्यक्त किया करें।' चलिये विषय पर आते हैं - ऐसे इन सब का सम्बन्ध इसी विषय से है। सब्र कीजये इतनी भी ज्लदी क्या है:-)

मैंने अपने प्रश्न का हल ढ़ूढते समय जिन किताबों को पढ़ा उनमें से एक पुस्तक थी -
HARD DRIVE Bill Gates and the making of the Microsoft Empire by James Wallace & Jim Erickson. यह पुस्तक Harper Business, जो कि Harper Collins का एक भाग है, ने छापी है। यह १९९३ में आयी थी और तभी मैंने इसे पढ़ा था। शायद, सारे सफल व्यापर घराने की यही कहानी हो।

१९८० दशक के अन्त और १९९० दशक के शुरु में माईक्रोसॉफ्ट के खिलाफ कुछ कानूनी कार्यवाही की गयी थी। इस बारे में न्यूस़वीक में एक लेख १९९१ में छपा था। इस कानूनी कार्यवाही के बारे में बिल गेट्स ने न्यूसवीक को बताया कि,
'The FTC investigation was a lightening rod to bring computer people forward and say that it would be helpful if Microsoft was hobbled in some way.'

इस पुस्तक में यह भी लिखा है कि न्यूस़वीक लेख का समापन कैसे हुआ है और कुछ टिप्पणी भी की गयी है। यह इस प्रकार है,
'The Newsweek article ended with an apt passage from John Steinbeck's novel Canary Row: "The things we admire in men, kindness and generosity, openness, honesty, understandingn and feeling are the concomnitants of failure in our system. And those traits we detest, sharpness, greed, acquisitiveness, meanness, egotism and self-interest are the traits of success. And while men admire the quality of the first they love the produce of the second." The same, apparently, was true about Gates.'

यह अंग्रेजी में है, मैं इसका अनुवाद नहीं करना चाहता। आप, इसका अर्थ स्वयं लगायें और तय करें कि क्या खिड़की वाला (वाले नहीं) ठंडा और कठोर है? :-)

Thursday, January 11, 2007

लिनेक्स प्रेमी पुरुष - ज्यादा कामुक और भावुक ? ? ?

लिनेक्स और सेक्स – क्या इन दोनो में सम्बन्ध है।
'उन्मुक्त जी, आप तो सीरियस बातें किया करते हैं। आपको मजाक कब से सूझने लगा।'
भाई, मैं तो यही समझता था कि इन दोनो में कोई सम्बन्ध नहीं है और यह मैं नहीं कह रहा हूं यह तो सुश्री एन्ड्रिया कॉर्डिंगली कह रही हैं। सुश्री कॉर्डिंगली स्वयं लिनेक्स प्रेमी हैं और लिनेक्स के बारे न केवल लिखती हैं पर इसकी मुश्किलों को भी दूर करती हैं।

सुश्री कॉर्डिंगली के अनुसार महिलायें उन पुरुषों को ज्यादा पसन्द करती हैं जो कि पेंग्यूइन से प्रेम करते हैं। उनका अर्थ किसी पेंग्यूइन पक्षी या खिलौने से नहीं है पर लिनेक्स के चिन्ह पेंग्यूइन से है। हूं... हूं क्या बात है। (झूट ही सही, सपने देखने से कौन रोक सकता है)

महिलायें ऐसे लोगो को क्यों पसन्द करती हैं?
क्योंकि ऐसे लोग जोशीले, उत्साही और कामुक होते हैं।

ऐसे लोग मुश्किलों को कैसे झेलते हैं?
मुश्किल का हल निकालने में, लिनेक्स प्रेमियों का कोई सानी नहीं हैं। आप उनके सामने कोई भी मुश्किल रखें, वे बहुत ज्लद उसका हल निकालेगे।

वे ऐसा कैसे कर लेते हैं?
लिनेक्स में स्वयं मुश्किलो का हल निकालना पड़ता है। बस, हल ढ़ूढते हुऐ, वे इस कला में सिद्धहस्त हो चुके होते हैं।

ऐसे लोग क्या सोचते हैं?
यह लोग अकसर मुश्किल बातों का हल सोचते रहते हैं। मसलन यह ब्रहमांड कैसे बना? ब्लैक होल्स कैसे आये? यह बात दीगर है कि जहां वे इन बातों को सोचते हैं वहां उनका क्या औचित्य है - मसलन कार में मस्ती में घूमते समय :-)

लिनेक्स में विश्वास करने वाले लोग कैसे होते हैं?
लिनेक्स प्रयोग करने वाले लोग एक तरफ जहां भावुक होते हैं वहीं अपनी बात न केवल विश्वास करते हैं पर उसे जोर देकर कहने में कभी नहीं हिचकिचाते। यह लोग सपने देखते हैं और उन सपनो को पूरा करने का माद्दः रखते हैं। मालुम नहीं यह लोग सोते भी हैं कि नहीं, पर यह सच दिन रात काम में लगे रहते हैं फिर भी इनकी ऊर्जा में कोई कमी नहीं होती।

क्या यह लोग कंजूस होते हैं?
बिलकुल नहीं। यह लोग न केवल अच्छा पैसा कमाते हैं पर उसे खर्चा भी करना जानते हैं। हां यह बात अलग है कि उनके सब रास्ते लिनेक्स पर जाते हैं :-)

क्या आपको अभी भी इस बात का विश्वास नहीं है?
यदि आप महिला हैं तो आप वह प्रयोग करके देखिये जो कि सुश्री कॉर्डिंगली की महिला मित्र ने किया। यह प्रयोग भी उनकी चिट्ठी में बताया गया है। आप यह तभी करें जब आप शादी-शुदा हों। बाद में यह मत कहियेगा कि मैंने बताया नहीं।

मैं नहीं जानता कि सुश्री कॉर्डिंगली की बात सच है अथवा नहीं। पर यह सच है कि यदि मुन्ने की मां ने इसे पढ़ लिया तो मेरा घर से बाहर निकलना दूभर हो जायगा और किसी भी महिला से बात करने की बात तो दूर, महिलाओं की तरफ देखना भी वर्जित। वह कभी यह बात नहीं मानेगी कि यह इस शर्ट का एक विज्ञापन मात्र है, या केवल हसी-मजाक के लिये लिखी गयी एक चिट्ठी है, जिसके लिखने वाले का भी जवाब नहीं।