Saturday, January 29, 2022

रज्जू भैया, जैसा मैंने जाना - भूमिका

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के चौथे सरसंघ चालक, रज्जू भैया का जन्म २९ जनवरी १९२२ में हुआ था। आज उनकी जन्म शताब्दी है। इसी अवसर पर, उनके ऊपर, यह श्रंखला शुरू कर रहा हूं। आने वाले समय में, उनकी यादों को साझा करूंगा।

मेरे पिता के ७०वें जन्मदिन पर, मिठाई खिलाते रज्जू भैया

रज्जू भैया, जैसा मैंने जाना

भूमिका।।

Sunday, January 09, 2022

अनलिखी - हनुमान तो सुपरमैन हैं

इस चिट्ठी में, लॉस ऐंजलीस में हुऐ विश्च हिन्दू परिषद के समारोह की कुछ बातें हैं, जो अम्मा ने मेरे बेटे को नहीं लिखीं थीं। 

इस समारोह में, रज्जू भैया (बड़े चाचा जी) मुख्य वक्ता थे, जाहिर है इस चर्चा में, कुछ बातें, उनके बारे में।

बड़े चाचा जी, सेंट जोसेफ नैनीताल में पढ़े थे। नीचे का चित्र उन्हें वहां पुरस्कार में मिली एक पुस्तक का है। इसमें, कोई तारीख नहीं लिखी है। लेकिन, वे वहां, १९३० के दशक में, विद्यार्थी थे। इसलिये यह पुस्तक ८० साल से भी अधिक पुरानी है। मैंने इसे उनकी याद में रख छोड़ी है। । 


दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा 

भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।। फ्लोरिडा के सी-वर्ल्ड में मस्ती।। जमाइका, एरिज़ोना और सैन फ़्रांसिस्को की यात्रा।  विश्व हिन्दू परिषद के लॉस एंजेलिस सम्मेलन में।। नियागरा फॉल्स - हैलीकॉपटर पर।।  न्यू-वृन्दावन - मथुरा में बृन्दावन जैसा है।। अनलिखी - हनुमान तो सुपरमैन हैं।।