बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां श्रंखला कि इस चिट्ठी में धूमकेतु या पुच्छल तारा की चर्चा है। यह क्या होते हैं और कैसे बनते हैं।
धूमकेतु या पुच्छल तारे (comets), चट्टान (Rock), धूल (Dust) और जमी हुई गैसों (gases) के बने होते हैं। सूर्य के समीप आने पर, गर्मी के कारण, जमी हुई गैसें और धूल के कण सूर्य से विपरीत दिशा में फैल जाते हैं और सूर्य की रोशनी परिवर्तित कर चमकने लगती हैं। इस समय इनकी आकृति को दो मुख्य भागों, सिर तथा पूँछ में बांट सकते हैं। सिर का केंद्र अति चमकीला होता है। यह इसका नाभिक (nucleus) कहलाता है। सूर्य की विपरीत दिशा में बर्फ और धूल का चमकीला हिस्सा पूँछ की तरह से लगता है। इसे कोमा (coma) कहा जाता है। यह हमेशा सूर्य से विपरीत दिशा में रहता है। धूमकेतु की इस पूँछ के कारण इसे पुच्छल तारा भी कहते हैं।
Comet West (C/1975 V1) का यह चित्र मार्च १९७६ में Munich Public Observatory में Peter Stättmayer के द्वारा लिया गया था और उन्हीं के सौजन्य से है।
Comet शब्द, ग्रीक शब्द komētēs से बना है जिसका अर्थ होता है hairy one बालों वाला
Comet शब्द, ग्रीक शब्द komētēs से बना है जिसका अर्थ होता है hairy one बालों वाला। यह इसी तरह दिखते हैं इसलिये यह नाम पड़ा।
सूर्य से दूर जाने पर धूल और बर्फ पुन: इसके नाभिक में जम जाती है। हर बार जब यह सूर्य के पास आता है तो कुछ न कुछ इनकी धूल और बर्फ बिखर जाती है जिसके कारण इनकी पूंछ छोटी होती जाती है और अक्सर यह पूंछ विहीन हो जाते हैं। यह धूमकेतु सूर्य के समीप आने पर भी पूँछ को प्रकट नहीं करते हैं। ऎसे धूमकेतुओं को पुच्छहीन धूमकेतु कहते हैं। इस समय यह छुद्र ग्रह, ग्रहिका (Asteroid) की तरह लगते हैं।
ह्याकुताके (Hyakutake) धूमकेतु का यह चित्र नासा के सौजन्य से है
पृथ्वी की तरह धूमकेतु सूरज के चारो और चक्कर लगाते हैं। इस तरह के कई धूमकेतु हैं पर सबसे प्रसिद्ध है हैली का धूमकेतु (Halley's comet)। कई लोग कहते हैं कि बेथलहम का तारा हैली का धूमकेतु था। इस श्रंखला की अगली कड़ी में इसी के बारे में चर्चा करेंगे।
बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।। प्रभू ईसा का जन्म बेथलेहम में क्यों हुआ?।। क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है।। बेथलेहम का तारा क्या था।। बेथलेहम का तारा उल्कापिंड या ग्रहिका नहीं हो सकता।। पिंडों के पृथ्वी से टक्कर के कारण बने प्रसिद्ध गड्ढ़े।। विज्ञान कहानियां क्या होती हैं और उनका मूलभूत सिद्धान्त।। विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार।। उल्का, छुद्र ग्रह, पृथ्वी पर आधारित विज्ञान कहानियां और फिल्में।। धूमकेतु या पुच्छल तारा क्या होते हैं।।हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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सांकेतिक शब्द
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मैंने हैली के धूमकेतु को देखा था -१९८५ में -यह ७५ वर्ष मे सूरज की परिक्रमा कर लेता है .पिछली बार यह अपेक्षा के विपरीत काफी धुंधला था ,मैंने यह देख कर इसके बारे में एक लेख लिखा जिसका शीर्षक था -दूज का चाँद बन गया हेली - ऐसे बहुत विरले हैं जिन्होंने अपने जीवन में इसे दो बार देखा हो -अब जब यह २०६० मे दिखेगा मैं इस जहाँ से रुखसत हो चुका रहूँगा [अब कौन चाहता है १०० वर्ष जीना !]बेथलेहम का तारा यही रहा होगा !
ReplyDeletebahut hi gyanvardhak jankari,shukrana
ReplyDeleteधूमकेतु पर रोचक और सारगर्भित जानकारी है।
ReplyDeleteयदि ईश्वर की दया से मैं 2060 तक जीवित रहा, तो इसके दर्शन लाभ अवश्य करूंगा।
हैली और कॉह्यूटेक कॉमेट देखने में मेस्मराइज करने वाले थे। अच्छा लगा यह पढ़ना।
ReplyDeleteरोचक जानकारी देने का शुक्रिया।
ReplyDeleteअगली कड़ी का इंतजार रहेगा।
आभार इस रोचक जानकारी के साथ ज्ञानवर्धन करने का.
ReplyDeleterochak aur gyanwardhak jari rakhen
ReplyDeleteThanks for details
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ReplyDeleteThanks for this information sir/mem
ReplyDeleteमेरे अज्ञात मित्र, आप अपना नाम क्यों नहीं लिखते?
DeleteMujhe bhi intjar hai us Samay ka 2062
ReplyDeleteKya comets Ka area all America ke area ke equal ho Sakta h bcz Maine ek movie Dekhi thi jiska name tha DEEP EMPACT
ReplyDeleteAap ne 1985 mein yeh dhoom ketu dekha??
ReplyDeleteYeh dhoom ketu 1985 nhi aaya tha pata Karen please
आप किस धूमकेतु की बात कत रहे हैं। हैली धूमकेतु फरवरी १९८६ में आया था। और अब २०६१ में दिखलायी पड़ेगा। इसके बारे में इस श्रंखला की अगली कड़ी पर यहां देखें।
DeleteThanks sir
ReplyDeleteMujhe Jankari ya padh kar ke mujhe accha laga aur Main Abhar prakat Karta Hoon aapka bahut bada dhanyavad Asi Jankari ke liye mai lagatar aapko follow Karta Raho ga thank you sir
ReplyDeleteHelly ek puchal tara h jo 76 year ke bad dikhayi detii h
ReplyDeletePahle ye 9feb1986me dikhayi deya tha ab ye 2062 me dikhayi dega
इस बारें में, इस श्रंखला की अगली कड़ी यहां देखें।
Deleteधूमकेतु,क्षुद्रग्रह और उल्कापिंड एक ही खोगोलिय पिंड है। जो सूर्य (तारा) द्वारा नाभिकीय विखंडन(Nuclear fussion)के समय तारे से अलग हो जाते है। पहले धूमकेतु फिर क्षुद्रग्रह फिर कालांतर में उल्कापिंड बन जाता है। मेरा विचार।
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