यह चिटठी मुक्त मानक के बारे में मेरी नयी श्रंखला की भूमिका है।
आप सोच रहे होंगे कि 'मुक्त मानक (Open Format) और वामन की वापसी (The Return of Vaman)' क्या है?
इस समय मेरे चिट्ठे पर केवल एक श्रंखला - सिक्किम यात्रा, जो कि यात्रा विवरण है, चल रही है। यह समाप्त हो रही है। मैंने आपको वायदा किया था कि मैं आपको अफ्रीकन सफारी पर ले चलूंगा पर यह भी यात्रा विवरण है। इसलिये मुझे लगा कि क्यों न किसी अन्य विषय पर श्रंखला शुरू करू। यह इस नयी श्रंखला का नाम है।
वामन की वापसी (The Return of Vaman) एक विज्ञान कहानी है।
वामन, राजा बलि से याचना करते हुऐ।
वे बौने रूप में थे। इसे नाते वे वामन कहलाये गये
राजा बलि, प्रह्लाद के पौत्र थे पर उनमें असुर भाव था। इस भाव को नष्ट करने और उसका घमंड चूर करने के लिये भगवान विष्णु ने अवतार लिया। इस अवतार में वे बौने रूप में थे। इसे नाते उनका नाम वामन (Vamana) रखा गया था। यह कथा भगवान के वामन अवतार नाम से जानी जाती है। इस विज्ञान कहानी में उसी कथा का पुट है। इसीलिये इसका नाम वामन की वापसी है।'पर उन्मुक्त जी, इस विज्ञान कहानी का मुक्त मानक से क्या सम्बन्ध? क्या होगा इस श्रंखला में?'
दोनो में कुछ तो सम्बन्ध है। इसके लिये आपको इंतज़ार करना होगा। हम लोग इस श्रंखला में चर्चा करेंगे,
- मुक्त मानक क्यों महत्वपूर्ण हैं;
- यह क्या होते हैं;
- इनका क्या फायदा है;
- प्रसिद्ध खगोलशास्त्री जयंत विष्णु नार्लीकर (Jayant Vishnu Narlikar) की लिखी विज्ञान कहानी वामन की वापसी;
- इन कहानी और मुक्त मानक में क्या सम्बन्ध है।
इस श्रंखला की अगली कड़ी में। हम बात करेंगे कि मुक्त मानक क्यों महत्वपूर्ण हैं।
सिक्किम यात्रा के बाद, हम चलेंगे अफ्रीकन सफारी पर साउथ अफ्रीका।
इस चिट्ठी के दोनो चित्र विकिपीडिया से हैं।
मुक्त मानक और वामन की वापसी
भूमिका।।is post per mukta maanak ke uper nayee shrankhlaa kee bhoomika hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post is introduction of a new series on 'Open formats'. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
सांकेतिक शब्द
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वामन की वापसी मैंने पढी थी और इसकी राजस्थान के शिक्षा विभाग की पत्रिका शिविरा में समीक्षा भी की थी -यह एक अच्छा विज्ञान उपन्यास है .पर मुक्त मानक से इसका सम्बन्ध क्या है आप ही बताएं !
ReplyDeleteमेरी भी जिज्ञासा बलवती हो गयी है; जल्दी लिखियेगा।
ReplyDeleteवामन तीन डग में धरती नाप लेते हैं।
ReplyDeleteअभी से रोचकता आ गई... ! बलि का दान हमेशा से प्रेरक लगा है. इसमें विज्ञान का समावेश पठनीय होगा.
ReplyDeleteAcha, mujhe hindi mein type karna nahi aata, so...
ReplyDeletePar Jayant Narlikarji k baare mein maine kafi jaana hai, unki ek pustak bhi padh daali. Mere kuch motra unnse mil bhi chuke hai..
Aaapki shrinkala k baare mein jaan-ne ki utsukta hai.
Aur aakpa blog bahut accha hai..
:-)
मुक्त मानक और वामन का क्या रिश्ता है, जानने की इच्छा है .
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