सिक्किम यात्रा की इस कड़ी में, महिलाओं के सशक्तिकरण की चर्चा है।
सिक्किम में सबसे मुख्य बात जो मुझको दिखाई पडी वह यह है कि यहां पर काफी लड़कियां - काम करती हुई, घूमती हुई, या स्कूल जाती हुई-दिखाई
पड़ी। मुझे ऎसा लगा कि यहां पर महिलाओं की संख्या पुरूषों की संख्या से ज्यादा है। वहां के लोगों का भी यही कहना था। हालांकि मैं यह नहीं कह सकता कि यह बात अधिकारिक रूप से यह सच है कि नहीं ।
वहां पर मैने बहुत सी महिलाओं और लड़कियों से बात भी की। उनसे बात करने पर मुझको लगा की जैसे उनमें अन्य जगह की महिलाओं से ज्यादा आत्म विश्वास है। यह शायद मातृ प्रधान (matriarchal) समाज का प्रभाव हो।
यहाँ पर मुझे कहीं भी महिलाओं के साथ बद्तमिजी होते नहीं दिखी, जैसा की अपने देश में अन्य जगह होता है। यहाँ के लोग यह भी बताया कि आप किसी महिला के साथ बद्तमिजी करेगें तो सर कलम हो सकता है।
जब समाज में इतना खुलापन हो तो अक्सर सीमायें टूट जाती हैं।
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यहां पर अन्य राज्यों से ज्यादा ऎड्स है। ऎड्स के कई पोस्टर भी लगे दिखाई पड़े। मैं नहीं कह सकता कि यह बात सच है अथवा नही। इन लोगो के अनुसार, 'जब समाज में इतना खुलापन हो तो अक्सर सीमायें टूट जाती हैं। इस हालत में ऎड्स का बढ़ना स्वाभाविक है।'मैं नहीं जानता कि कि सिक्किम में ऎड्स, भारत के अन्य राज्यों से अधिक है अथवा नहीं, पर यदि कोई मुझसे पूछें कि कौन सा समाज बेहतर है तो मैं यह अवश्य कहना चाहूँगा, यह समाज- जहाँ पर महिलाओं को ज्यादा स्वतन्त्रता है, जहाँ की महिलायें ज्यादा आत्मविश्वासी है- वह भारत के अन्य समाज से बेहतर है।
इस चिट्ठी में मैंने लिखा जो मुझे सिक्किम में अनुभव हुआ। लोगों के विचारों में भिन्नता हो सकती है पर मेरी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करने की नहीं है।
इसी के साथ सिक्किम यात्रा समाप्त होती है। मैं बहुत जल्द आपको साउथ अफ्रीका के क्रुगर पार्क में अफ्रीकन सफारी घुमाने ले चलूंगा।
यह चित्र अफ्रीकन सफारी का है पर मेरा खींचा हुआ नहीं है। इसे सुश्री गीतांजली ने खींचा है। मैं इसके बारे में कुछ और नहीं जाता हूं। हांलाकि मुझे क्रुगर पार्क में इस तरह का दृश्य देखने को नहीं मिला।
सिक्किम यात्रा
क्या आप इस शख्स को जानते हैं?।। सिक्किम - छोटा मगर सुन्दर।। गैंगटॉक कैसे पहुंचें।। टिस्ता नदी (सिक्किम) पर बांध बने अथवा नहीं।। नाथुला पास – भारत चीन सीमा।। क्या ईसा मसीह सिल्क रूट से भारत आये थे।। मंदाकिनी झरना - 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म वाला।। सात राजकुमारियां, जिन्होंने प्रकृति से शादी कर ली।। तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया।। फूलों के रंग से ... लिखी ... पाती।। मस्का नहीं, मस्कारा कैसे लगायें और मस्का पायें।। सिक्किम में, क्या लड़कियां की संख्या, लड़कों से ज्यादा हैं?।। क्या नेपाली लड़कियों के लिये कुछ भी मुश्किल नहीं है?।। क्या आपको मालुम है कि सबसे अच्छा वक्तिगत कैक्टस का बगीचा कहां है?।। क्या लोग हिन्दी में भी ब्लॉग लिख रहे हैं?।। सिक्किम में ट्रैफिक नियमों का पालन।। सिक्किम में महिलाओं का सशक्तिकरण।।
is post per sikkim mein mahilaon ke sshktikrn ke bare mein charchaa hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post talks about empowerment of women in Sikkim. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
सांकेतिक शब्द
women empowerment, महिला सशक्तिकरण
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आपका वर्ण बहुत ही अच्छा लगा साथ ही काफी जानकारी भी मिली
ReplyDeleteचलिए सिक्किम संस्मरण के समापन और यह जानकारी देने के लिए शुक्रिया !
ReplyDeleteबढ़िया भाई उन्मुक्त जी, अब तो हमें भी सिक्किम जाना ही पड़ेगा. बढ़िया यात्रा संस्मरण.
ReplyDeleteआपकी सिक्किम यात्रा के संस्मरणों को यदि एक साथ संकलित कर दिया जाए, तो एक अच्छा खासा संदर्भ ग्रन्थ तैयार हो जाएगा। इस बारे में भी सोचिएगा।
ReplyDeleteएड्स और आत्मविश्वास में मुझे को-रिलेशन नजर नहीं आता। उसके लिये अन्य फैक्टर तलाशने चाहियें।
ReplyDeleteस्वच्छन्द यौन और आत्मविश्वास एक बात नहीं है।
तिब्बती समाज मातृ-प्रधान समाज है । इसीलिए वहां लडकियां न तो अजूबा होती हैं न ही 'चीज' । वहां लडकियों की उपस्थिति असहजता पैदा नहीं करती ।
ReplyDeleteपहाड़ी इलाकों में महिलाएं मैदानी इलाकों की अपेक्षा अधिक कर्मठ होती हैं.
ReplyDeleteacha tha jaise sikkim me battamiji karne pr sir kalam kr dia jata h waise hi anya rajyo me bhi sakht rule banane chahiye
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