केरल घूमने में हमारा अनुभव अच्छा रहा। इस चिट्ठी में वहां हमारे साथ रहे टैक्सी ड्राइवर के बारे में चर्चा है।
हम लोगों ने केरल घूमने का पैकेज 'इन्टर साइट टूरस् एवं ट्रैवल्स्' कम्पनी से लिया था। उनकी तरफ से हवाई अड्डे पर हमें प्रवीन लेने आये थे। उसके पास वातानुकूलित टाटा इंडिका गाड़ी थी। वे इसके चालक थे। हमें पूरा पैकेज इन्हीं के साथ लेना था। इन्हें ही अंत पर हमें त्रिवेन्द्रम के हवाई अड्डे पर छोड़ना था।
हम लोगों ने जब साउथ अफ्रीका में क्रुगर पार्क घूमने के लिये सारी बुकिंग अन्तरजाल पर ही करवायी थी। उस समय हम डर रहे थे कि सब ठीक होगा या नहीं। लेकिन वहाँ पर सब काम बहुत अच्छी तरह से हुआ। वहाँ का ड्राइवर हमेशा समय से आता था। हमारा वहां का अनुभव, बहुत अच्छा था। हमें केरल की ट्रिप में भी कुछ इसी तरह का अनुभव हुआ।
हमारी गाड़ी के चालक, प्रवीण भी समय के पाबन्द थे। इनको जो भी समय बताया जाता था उस वक्त वह वहाँ पर मौजूद रहते थे। उनकी कार एकदम साफ रहती थी। वह हमेशा साफ सुथरे, सफेद कपड़े, पहनते थे। वे बातचित करने मे भी अच्छे थे। हर जगह की खासियत बताते थे, वहां पर क्या खरीदा जा सकती है, कौन सी दुकान अच्छी है। इस तरह सूचनांए भी हम लोगों को देते रहते थे। उनका बर्ताव भी बहुत अच्छा था। हमें उनके साथ घूमना अच्छा लगा।
प्रवीन ने बताया की उसके परिवार में सब लोगों का नाम 'प्र' अक्षर शुरू होता मैंने पूछा की क्या प्र से नाम का शुरू होना शुभ होता है। उसने कहा,
'हां, मेरे घर में सबका नाम प्र से शुरू होता है। मेरी पत्नी का नाम प्रविधा है मेरी बेटी का नाम प्रवीना है। न केवल मेरे पिता का नाम प्र से शुरू होता है पर भाई और भाभी एवं मेरी पत्नी तथा भाभी के मायके वालों का नाम भी प्र से शुरू होता है।'प्रवीन एक बात से दुखी थे उन्होंने बताया,
'केरल में बहुत से लोग घूमने के लिए आते हैं। उसके लिए बहुत सारे होटल बने हुए हैं। लेकिन होटल मालिकों ने कोई भी जगह टैक्सी चालकों के रहने के लिए नहीं रखी है। हर रात टैक्सी चालक, अपनी टैक्सी में ही सोते हैं। रात में टैक्सी चालक खिड़की नहीं खोल सकते, क्योंकि मच्छर काटते हैं। गाड़ी में, गर्मी और उमस हो जाती है। इसलिए ड्राइवर गाड़ी मे ए.सी. चलाकर सोते है। इस कारण हर रात को केरल में लगभग एक लाख लीटर पेट्रोल और डीज़ल खर्च हो जाता है। यदि हर होटल में टैक्सी चालक के रहने के लिए शयनागार हो तो यह पेट्रोल और डीज़ल का खर्चा बचाया जा सकता है।'उसने यह भी बताया,
'हमारे संगठन ने इस बात की लिखित तथा फोन पर शिकायत पेट्रोलियम मंत्रालय में की है। पर उन्होंने इस पर कुछ भी करने से मना कर दिया। हम लोग इस बात से बहुत ही हताश हैं।'उसका यह भी कहना था,
'यहां पर कानून के अन्तर्गत तो सारे होटल मालिको को चालकों के लिये शयनागार बनाना चाहिए। लेकिन कोई भी होटल का मालिक उसे नहीं बनाता है और केवल कागजी कार्यवाही की जाती है। जो सरकारी लोग उसको चेक करने के लिए आते है वह भी ठीक से चेक नही करते है और वो घूस खा लेते हैं।'उक्त बात के अतिरिक्त, प्रवीण ने मुझसे कोई भी बात नहीं की जिसमें केरल की कोई बुरायी निकलती हो। वह अपने प्रदेश के लिए बहुत ही उत्साहित था और उसके मुताबिक वहाँ जगह- जगह उन्नति हो रही है और केरल बहुत आगे जायेगा।
मेरी पत्नी ने एक-दो बार कार का दरवाजा जोर से बंद किया तो। प्रवीण ने उसे समझाया।
'मैडम, दरवाजा जोर से नहीं बंद किया जाता है क्योंकि इससे दरवाजा खराब हो सकता है।'मैंने प्रवीण को बताया कि हमने मारूति की ए-स्टार खरीदी है उसका कहना था,
'कभी भी नई निकली कार नहीं खरीदना चाहिए। उस तरह की कारें, जब छ: महीना चल ले तब लेनी चाहिए। क्योंकि इस समय के अन्दर उस तरह की कारों की कमियां पता चल जाती है और उसके बाद खरीदने पर विचार किया जा सकता है कि उसे लेना चाहिए अथवा नहीं।'ऎसे बात तो सही है पर हम तो ए-स्टार गाड़ी खरीद चुके हैं।
यह गाड़ी प्रवीण की थी जिसे उसने बैंक से ऋण पर लिया था। कार के लिये उसने ८० प्रतिशत ऋण लिया है और २० प्रतिशत स्वयं लगाया है। इसके लिये उसकी कम्पनी ने भी उसकी मदद की थी। उन्होंने इस बात को लिखकर दिया है कि प्रवीण की गाड़ी उनकी कम्पनी के साथ सम्बद्व रहेगी और इसके लिए प्रत्येक महीने वे एक निश्चित पैसा देगें जिससे वह कार के ऋण को वापस कर सकता है। वहां घूमने वाली कम्पनी की गाड़ी तीन साल से पुरानी गाड़ी नहीं लगायी जाती है। उसकी गाड़ी को भी लगभग डेढ़ साल हो चुका है और डेढ़ साल के अन्दर बेचकर दूसरी गाड़ी लेगा। वह डीजल की टाटा इन्डिका ही लेगा। उसके मुताबिक,
'यह चलने में सबसे अच्छी गाड़ी है।'
हम लोग कोचीन में ताज मालाबार होटल में रुके थे, अगली बार कुछ इसी के बारे में।
कोचीन-कुमाराकॉम-त्रिवेन्दम यात्रा
क्या कहा, महिलायें वोट नहीं दे सकती थीं।। मैडम, दरवाजा जोर से नहीं बंद किया जाता।।
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सांकेतिक शब्द
टैक्सी, ट्रैवेल गाइडkerala, केरल, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,
प्रवीण की बातें तो सही हैं।
ReplyDeleteप्रवीण जैसे चालक बहुत ही कम मिलेंगे। गाड़ी खरीदने के बारे में उस का कथन बहुत सही था।
ReplyDeleteA स्टार दिखने में तो अछि लगी. अन्दर उतनी जगह नहीं है जितनी सोची थी.
ReplyDeletewaah !
ReplyDeletevery novel approach for a travelogue . i liked it .people we meet during journeys deserve attention . everyone visiting Kerala will be visiting beaches and backwaters ,but not everybody will meet Pravin. so i appreciate ur approach. nice..keep it up ! A star is good yaar even though i could manage an Estilo .
ReplyDeleteबढ़िया यात्रा विवरण
ReplyDeleteवीनस केसरी
प्रवीण ने सही ही कहा..:) बढ़िया है. आगे से ६ महिने रुका करिये.
ReplyDeleteऐसे चालक मिल जाएँ तो यात्रा का आनंद वैसे ही बढ़ जाता है.
ReplyDeleteप्रवीण का अनुभव हमारे भी काम आएगा।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत बढ़िया यात्रा वर्णन। प्रवीण की सारी ही बातों से सहमती है।
ReplyDeleteअगली किस्त का इंतजार ....
'केरल में बहुत से लोग घूमने के लिए आते हैं। उसके लिए बहुत सारे होटल बने हुए हैं। लेकिन होटल मालिकों ने कोई भी जगह टैक्सी चालकों के रहने के लिए नहीं रखी है। हर रात टैक्सी चालक, अपनी टैक्सी में ही सोते हैं। रात में टैक्सी चालक खिड़की नहीं खोल सकते, क्योंकि मच्छर काटते हैं। गाड़ी में, गर्मी और उमस हो जाती है। इसलिए ड्राइवर गाड़ी मे ए.सी. चलाकर सोते है। इस कारण हर रात को केरल में लगभग एक लाख लीटर पेट्रोल और डीज़ल खर्च हो जाता है। यदि हर होटल में टैक्सी चालक के रहने के लिए शयनागार हो तो यह पेट्रोल और डीज़ल का खर्चा बचाया जा सकता है।'
ReplyDeleteI've just visited Uttarakhand, seen that every hotel even a small one havind a dormatory for the drivers at free of charge.
आपकी यात्रा का विवरण अच्छा लगा
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