विकिपीडिया कैसे बनी, इसके बारे में लिखा है कि
'जिमी वेल्स (Jimmy Wales) इंटरनेट पर सर्वसुलभ विश्वकोश यानि एन्साइक्लोपीडिया बनाना चाहते थे। इसलिये उन्होने नौसिखियों की सेना बनायी और उनकी मदद से भविष्य का एक ऐसा पुस्तकालय बना डाला जो पूरी तरह से सुव्यवस्थित है, स्वयं अपना संशोधन कर सकता है और लोगों का व्यसन बन सकता है। यह है विकिपीडिया।'
जिमी वेल्स का जन्म हंटस्विल, एलाबामा, अमेरिका में अगस्त १९६६ में हुआ था पर यह तय नहीं है कि ७ अगस्त है या ८ अगस्त :-) उनका यह चित्र विकिपीडिया से है और उसी की शर्तों के अन्दर है।
पिछले साल जिमी वेल्स भारत आये थे। मुझे उन्हें सुनने तथा मिलने का अवसर मिला था। वे बहुत अच्छा बोलते हैं और प्रभाशाली व्यक्ति हैं। वे थोड़ा दुखी थे कि हिन्दी विकिपीडिया में इतने कम लेख क्यों हैं। उन्हें इंटरनेट पर हिन्दी की मुश्किले के बारे में बताया गया। इसमें यह भी था कि हिन्दी के टाईपिस्ट रेमिंगटन की-बोर्ड (Remington keyboard) पर अभ्यस्त हैं और यह की-बोर्ड यूनिकोड हिन्दी फॉन्ट के लिये (कम से कम लिनेक्स Linux) पर उपलब्ध नहीं है। इस बात पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि भारतवर्ष में भी ऐसा हो सकता है। मैं नहीं जानता कि विंडोज़ पर रेमिंगटन कीबोर्ड की क्या सहूलियत है पर लिनेक्स में अब यह उपलब्ध तो हो गया है पर यह ठीक नहीं है, कुछ अक्षर टाईप नहीं कर पाता है।
इस लेख में विकिपीडिया के बारे में कुछ तथ्य इस प्रकार से हैं:
- विकि शब्द का इस्तेमाल हवाई में ज्लदी के लिये होता है;
- इसका स्वामित्व विकिमीडिया फ़ाउंडेशन के पास है;
- इसके लिये सबसे ज्यादा खर्च ईंटरनेट सर्वर पर होता है जो कि वर्ष २००६ के वित्तीय आंकडों के मुताबिक १,८९,६३१ डॉलर था। इसी वर्ष इसका पूरा खर्च ७,९१,२०७ डॉलर रहा। इसे इसी साल १३,००,००० डॉलर का अनुदान मिला;
- विकिपीडिया में २०,००,००० से ज्यादा लेख हैं जब कि ब्रिटानिका विश्वकोश में केवल १,००,००० और एंकार्टा में ४,५०० लेख हैं। इन लेखों को ७५,००० लोगों ने उपलब्ध कराया है।
विकिपीडिया के बारे में मेरे अन्य लेख 'हिन्दी विकिपीडिया-१', 'हिन्दी विकिपीडिया-२', 'हिन्दी विकिपीडिया-३', 'हिन्दी विकिपीडिया और कॉपीलेफ्टिंग – फायदा चिट्ठाकारों का', और 'विकिपीडिया के बढ़ते कदम' नाम से 'छुटपुट' चिट्ठे पर उपलब्ध हैं।
अरे ग्रेट! स्पैन हिन्दी में! बताने के लिये धन्यवाद। अंग्रेजी पढ़ने में दिक्कत नहीं है पर हिन्दी पठन निश्चित रूप से जल्दी सम्पन्न होता है।
ReplyDeleteउत्तम जानकारी.
ReplyDelete75000 में मैं भी रज भर योगदानकर्ता हूँ, अतः मुस्कुरा सकता हूँ. :)
जानकारी के लिए धन्यवाद | हिन्दी लेखन की आसानी को मैं उस दिन समझूंगी जब उसमें माइक्रोसॉफ्ट वर्ड जैसा शब्दों का auto spell check हो पाए | कुछ होता है पर सम्पूर्णतः नहीं |
ReplyDeleteओह उन ७५००० में मैं भी हूँ | :)
स्पेन को अब आप हिंदी मे आन्लाइन भी पढ सकते हैं http://usembassy.state.gov/posts/in1/wwwhspanhindilistseptoct07.html
ReplyDeleteआप और संजय भाई मुस्कराईये-हम आप दोनों को बधाई देता हूँ. हमें भी कभी बधाई मिले ऐसा कुछ मैं भी विकी में कर ही देता हूँ. :) आप प्रेरणा बन गये हैं.
ReplyDeleteप्रभात जी, मेरी चिट्ठी में भी लिंक है पर विकिपीडिया पर ऑनलाईन लेख पूरा नहीं है। प्रकाशित पत्रिका का कुछ भाग ही है।
ReplyDeleteकुहू जी, मेरे विचार में स्पेल चेक के आने में अभी समय है।
"इसमें यह भी था कि हिन्दी के टाईपिस्ट रेमिंगटन की-बोर्ड (Remington keyboard) पर अभ्यस्त हैं।"
ReplyDeleteयह बात पूरी तरह से सही नहीं। हिन्दी के अधिकतर पुराने टाइपिस्ट सचमुच रेमिंगटन के अभ्यस्त हैं, लेकिन वो सब कार्यालयों में काम करने वाले हैं, इण्टरनैट पर हिन्दी से जुड़े लोग नहीं। इण्टरनैट पर हिन्दी में काम करने वाले अधिकतर लोग फोनेटिक ही प्रयोग करते हैं। हाँ पत्रकारों में आमतौर पर रेमिंगटन के प्रयोक्ता पाए जाते हैं।
"मैं नहीं जानता कि विंडोज़ पर रेमिंगटन कीबोर्ड की क्या सहूलियत है।"
विण्डोज पर रेमिंगटन के लिए मुख्य रुप से Indic IME उपलब्ध है लेकिन उसमें कई बग्स हैं। इसका एक मुख्य कारण रेमिंगटन लेआउट का अवैज्ञानिक होना भी है। लेकिन अच्छी बात ये है कि विण्डोज और लिनक्स दोनों के लिए कीबोर्ड बनाने के टूल उपलब्ध हैं जिनसे कि लोग खुद अपना कीबोर्ड बना सकते हैं।
और हाँ मुझे भी ७५,००० में होने की खुशी है। हालांकि मैं अंग्रेजी विकिपीडिया पर ही मुख्य रुप से सक्रिय हूँ।
ReplyDeleteविकिपीडिया पर होने के लिए बधाई और जानकारी के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteआपके प्रेरणादायक कमेंट के लिये धन्यवाद्…और आपके ब्लोग पर मिले अद्भुत जानकारी के लिये भी :))
ReplyDeleteशायद यह वही पत्रिका है जो कभी स्पैन चयनिका नाम से होती थी.
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