Sunday, November 16, 2014

मिल गया, मिल गया

इस श्रंखला में, हिग्स बॉसौन, इसका नाम गॉड पार्टिकल क्यों पड़ा और १९८८ के नोबल पुरस्कार विजेता लिऔन लेडरमैन एवं डिक टेरेसी की लिखी पुस्तक 'द गॉड पार्टिकल – इफ यूनिवर्स इस द आन्सर, वॉट इस द क्वेस्चेन?' (The God Particle: If the Universe Is the Answer, What Is the Question?) की चर्चा है।
इस चिट्ठी में चर्चा है कि हिग्स बॉसौन क्या है।

large hadron collider photo: Large Hadron Collider: Activation Day uf011330.gif
चित्र फोटोबकेट के सौजन्य से

'उन्मुक्त जी, क्या मिल गया। यह आप क्या आर्कमडीज़ की तरह युरेका, युरेका चिल्ला रहे हैं।' 
अरे क्या आपको मालूम नहीं ईश्वरीय कण मिल गया और इस पर नोबल पुरस्कार भी दिया जा चुका है।
'उन्मुक्त जी, यह ईश्वरीय कण क्या होता है?'
 ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के बारे में दो सिद्धान्त प्रचलित हैं - महा स्फोेट (Big bang) (बिग-बैंग) तथा स्थिर अवस्था (Steady State) (स्टेडी स्टेट)। इन दोनों में बिग-बैंग सिद्धान्त ज्यादा प्रचलित तथा मान्य है। इस सिद्धान्त में यह समझना आवश्यक है कि कणों एवं पदार्थ को किस प्रकार से संहति (mass) मिली।

१९६४ में, पीटर हिग्स तथा पांच अन्य भौतिक शात्रियों (कुछ ने स्वतंत्र रूप से) प्रतिपादित किया कि बिग-बैंग के एक सेकेन्ड के महासंख (trillionth) भाग के बाद, ब्रह्माण्ड में ऊर्जा व्याप्त हो गयी। इस ऊर्जा को हिग्स फील्ड का नाम दिया गया। जब इस ऊर्जा से कण निकले, तब उनमें संहति आयी। इस तरह से, ब्रह्माण्ड में तारे, ग्रहों तत्वों का निर्माण हुआ। इसी से जीवन भी आया।

यदि कोई ऊर्जा की फील्ड होगी तो उसमें तरगें होंगी। तरगें हमेशा किसी न किसी सब-एटॉमिक कण के सुसंगत होती हैं। हिग्स फील्ड से सुसंगत सब-एटॉमिक कण का नाम, हिग्स बॉसौन दिया गया। हिग्स बॉसौन बहुत ज्लदी ही नष्ट हो जाता है इसलिये इसके अस्तित्व का पता कर पाना, बहुत मुश्किल है।

CERN (Conseil Européen pour la Recherche Nucléaire) (European Laboratory for Particle Physics) (सर्न), युरोपियन देशों की नाभिकीय कण भौतिकी (Nuclear Particle Physics) की शोध संस्था है। इसका मुख्यालय जनीवा में है। हिग्स बॉसौन का अस्तित्व पता लगाने के लिये सर्न ने, सब-एटौमिक कणों को आपस में टकराने के लिये, बहुत बड़ी प्रयोगशाला  का निर्माण १९९८ में शुरू किया गया। यह  २००८ में बन कर तैयार हुई। इसका नाम Large Hadron Collider (LHC) (एलएचसी) रखा गया।

एलएचसी, जमीन के अन्दर, घेरे में,  बहुत बड़ी सुरंग है  जिसकी परिधि  २७ किलोमीटर (१७ मील) है। कहीं कहीं, इसकी गहराई १७५ मीटर (५७४ फीट) भी है।

हैड्रौन, एक तरह के सब-एटौमिक पार्टिकल हैं। प्रॉटौन और न्यूट्रॉन भी हैड्रौन की श्रेणी में आते हैं। एलएचसी के अन्दर दो विपरीत दिशा में, हैड्रौन की किरणें (beams) तेजी से गोल गोल घुमायी गयी। हर चक्कर के साथ उनका वेग भी बढ़ता गया और उनकी ऊर्जा भी। वे जब आपस में टकराई तो वही स्थिति पैदा करने की कोशिश की गयी जैसा कि बिग-बैंग के समय में थी। ऐसा कर यह पता करने का प्रयत्न किया गया कि उस स्थिति में किस प्रकार के कण बनते हैं? क्या  हिग्स बॉसौन भी बने?  इससे यह पता किया जा सकता है कि क्या हिग्स बॉसौन का अस्तित्व है अथवा नहीं।

एलएचसी में यह प्रयोग १० सितंबर २००८ पर शुरू हुऐ। उस समय बहुत से लोगों ने इसकी आलोचन की। उनका कहना था कि इन प्रयोगों को नहीं करना चाहिये क्योंकि यदि वह परिस्थितियां पैदा की जायेंगी जैसी कि बिग-बैंग के समय थीं तब ब्लैक होल बन सकते हैं, जिससे पृथ्वी का विनाश हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह ब्लैक होल इतने छोटे होंगे कि प्रभावहीन रहेंगे।

यदि एलएचसी में किये प्रयोगों में, वैज्ञानिक हिग्स बॉसौन सृजित कर सके तब कहा जा सकता कि हिग्स फील्ड का भी अस्तित्व है और वैज्ञानिकों के द्वारा सोचा गया ब्रह्माण्ड का स्टैन्डर्ड मॉडेल सही है।

एलएचसी में किये प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के आधार से वैज्ञानिक कहते हैं कि हिग्स बॉसौन का अस्तित्व है। इसी लिये,  १९१३ में भौतिकी का नोबल पुरस्कार पीटर हिग्स  (Peter Higgs) एवं फ्रौंस्वा  ऑन्ग्लेर (François Englert) को मिला।

'उन्मु्क्त जी, आप भी बस कहां से कहां उड़ जाते हैं आप कह रहे थे ईशवरीय कण के बारे में और हम सब ने सोचा कि कण-कण में भगवान हैं। आपको किसी कण में भगवान मिल गये  और आप उसी के बारे में बतायेंगे पर यहां तो आप मालुम नहीं क्या बताने लगे।' 
अरे ऐसी भी क्या जल्दी है कुछ इंतज़ार करिये। हिग्स बॉसौन का नाम ईश्वरीय कण (God Particle) क्यों पड़ा यह अगली चिट्ठी में।

उन्मुक्त की पुस्तकों के बारे में यहां पढ़ें। 

ईश्वरीय कण
मिल गया, मिल गया।।
 
About this post in English and Hindi (Roman)
This post in Hindi (devnagri) talks about Higgs boson and Large Hadron Collider built by CERN. You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

Hindi (devnagri) kee is chitthi mein, Higgs Boson, aur CERN ke dvaara banaaya gaya Large Hadron Collider kee charcha hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द
CERN, Large Hadron Collider, Higgs Boson, Peter Higgs, François Englert,
।  Scienceविज्ञान, समाज, ज्ञान विज्ञान, ।  technology, technology, Technology, technology, technologyटेक्नॉलोजी, टैक्नोलोजी, तकनीक, तकनीक, तकनीक,
Hindi,

3 comments:

  1. कण-कण में भगवान हैं।

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  2. आगे के लेखों का इंतज़ार रहेगा। लेख में दो स्थानों पर छोटी-छोटी गलतियां पढ़ने को मिली। इसलिए कहे देता हूँ।
    1. २०१३ का भौतिक शास्त्र का नोबल पुरस्कार पीटर हिग्स...........
    2. ब्रह्माण्ड का अनुमानित मॉडेल को "परमाणु का मानक नमूना" लिखा जाना चाहिए था।

    सम्बंधित लेख
    भौतिकी का नोबेल : ईश्वरीय कण के नाम । www.basicuniverse.org/2013/12/Bhautiki-Nobel-2013.html
    ब्रह्माण्ड के संभावित परिदृश्य । www.basicuniverse.org/2014/10/Brahmand-ke-Sambhavit-Paridrushy.html

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    1. गलतियां सुधारने के लिये धन्यवाद। मैंने पहली गलती ठीक कर ली पर बतायी गयी दूसरी गलती पर सन्देह है। कुछ और पढ़ना चाहूंगा।

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