Thursday, April 12, 2007

इंगलैंड में व्यक्ति शब्द पर इंगलैंड में कुछ निर्णय: आज की दुर्गा

यदि आप इस चिट्ठी को पढ़ने के बजाय सुनना चाहें, तो मेरे बकबक पॉडकास्ट पर यहां सुन सकते हैं।

'व्यक्ति' शब्द पर उठे विवाद पर सबसे पहला प्रकाशित निर्णय Chorlton Vs. Lings (१८६९) का है। इस केस में कानून में पुरूष शब्द का प्रयोग किया गया था। उस समय और इस समय भी, इंगलैंड में यह नियम था कि पुलिंग में, स्त्री लिंग भी शामिल है। इसके बावजूद यह प्रतिपादित किया कि स्त्रियां को वोट देने का अधिकार नहीं है। इंगलैण्ड के न्यायालयों में इसी तरह के फैसले होते रहे जिसमें न केवल पुरूष ब्लकि व्यक्ति शब्द की व्याख्या करते समय, महिलाओं को इसमें सम्मिलित नहीं माना गया। जहां व्यक्ति शब्द का भी प्रयोग किया गया था वहां भी महिलाओं को व्यक्ति में शामिल नहीं माना गया। इन मुकदमों में Bressford Hope Vs. Lady Sandhurst (1889), Ball Vs. Incorp, society of Law Agents (1901) उल्लेखनीय है । 1906 में इंगलैण्ड की सबसे बड़ी अदालत हाउस आफ लॉर्डस ने Nairn Vs. Scottish University में यही मत दिया। यही विचार वहीं की अपीली न्यायालय ने Benn Vs. Law Society (१९१४) में व्यक्त किये।

इंगलैंड में यही क्रम जारी रहा। इन न्यायालयों में लड़ाई के अतिरिक्त वहां समाज में भी यह मांग उठी कि महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिले। भारत के पूर्व वायसराय लॉर्ड कर्जन भी महिलाओं को वोट का अधिकार देने के विरोधी खेमी में थे। उनका तो यहां तक कहना था कि यदि भारत के लोगों को पता चलेगा कि इंगलैण्ड की सरकार महिलाओं के वोट पर बनी है तो भारतवासी उस सरकार पर वह विश्वास करना छोड़ देगें। इंगलैंण्ड में महिलायें वोट देने के अधिकार से १९१८ तक वंचित रहीं। उन्हें इसी साल कानून के द्वारा वोट देने का अधिकार मिला। इंगलैण्ड में स्त्रियों के साथ बाकी भेदभाव लैंगिक अयोग्यता को हटाने के लिए १९१९ में बने अधिनियम से हटा।

इसके पहले कि हम लोग जाने कि इस विवाद का कैसे अन्त हुआ, चलिये देखते हैं कि अमेरिका तथा अन्य देशों में 'व्यक्ति' शब्द पर क्या निर्णय हुऐ।

आज की दुर्गा
महिला दिवस|| लैंगिक न्याय - Gender Justice|| संविधान, कानूनी प्राविधान और अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज।। 'व्यक्ति' शब्द पर ६० साल का विवाद – भूमिका।। इंगलैंड में व्यक्ति शब्द पर इंगलैंड में कुछ निर्णय।।

1 comment:

  1. Thanks for this wonderful post.
    All the problems of gender bias will not be over in our generation either.

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