इस चिट्ठी में मुम्बई से जॉहन्सबर्ग की साउथ अफ्रीकन एयर-लाइनस् से यात्रा का वर्णन है।
बम्बई से, जॉहन्सबर्ग जाने के लिए साउथ अफ्रीकन एयरवेज़ (South African Airways) का हवाई जहाज रात के ढ़ाई बजे चलता है। रात भर का जागरण तो हो ही गया । इसे अफ्रीकानस् (Afrikaans) भाषा में Suid-Afrikaanse Lugdiens (SAL) भी कहा जाता है। इसमें परिचायिकायें नीले रंग की ड्रेस और गले में, अपने देश के झण्ड़े की तरह का स्कॉर्फ पहनें थी। उन सबका रंग श्याम था।
एक हम है जो कि आपस में हिन्दी में न बात कर अंग्रेजी में बात करना पसन्द करते हैं।
परिचायिकायें आपस में जिस भाषा में बात कर रहे थे वह मुझको बिल्कुल समझ में नही आ रही थी। हालांकि वे हमसे अंग्रेजी में बात करती थीं। मैने पूछा कि आप लोग किस भाषा में बात कर रहे है तो उनका कहना था,
'साउथ अफ्रीका में ११ भाषायें चलती है जिसमें इंगलिश भी एक है। वहां पर लोग अलग-अलग भाषा में बात करते हैं। हम अपनी मातृ भाषा में बात कर रहे हैं।'
एक हम है जो कि आपस में हिन्दी में न बात कर अंग्रेजी में बात करना पसन्द करते हैं।
कुछ दिन पहले अर्न्तजाल में पढ़ा था कि दिल्ली हाई कोर्ट ने ऎयर इण्डिया की परिचायिकाओं की याचिका जो उन्होंने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल की थी खारिज कर दी है। उनकी बर्खास्तगी इस बात पर की गयी थी कि वे ओवर वेट हैं। इन परिचायिकाओं को देखकर यही लगा कि शायद यह इन सब पर लागू होती है।
हवाई जहाज के उड़ने के बाद, उन लोगों ने हम लोगों को खाना दिया। हवाई जहाज में कुछ कम लोग थे तो ज्यादातर लोग बीच वाली सीट में जाकर बैठ गये और खाना खाने के बाद उसी में लेटकर सो गये । मेरे साथ मेरी पत्नी भी थी तो हम लोग बगल वाली सीट मे बैठे हुए थे। मेरी पत्नी पीछे वाली दो सीट में चली गयी और सो गयी हलांकि मुझको कुछ सोने में तकलीफ हुई। अगले दिन सुबह लगभग ८ बजे हम लोग जॉहन्सबर्ग पहुंचे। यहाँ से हमें प्रिटोरिया जाना था। मुझे वहीं काम था इसलिये वहीं ठहरने की बात थी।
क्रुगर नेशनल पार्क साउथ अफ्रीका का सबसे प्रसिद्व जानवरों का पार्क है। अधिकतर लोग जॉहन्सबर्ग से ही वहाँ चले जाते हैं। मुझे प्रिटोरिया में काम था। इसलिए सफारी प्रिटोरिया से ली। अगली बार जाना पड़े तो हम जॉहन्सबर्ग से ही सफारी पर जाना पसन्द करेंगे।
अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।। साउथ अफ्रीकन एयर लाइन्स और उसकी परिचायिकायें।।हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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is post per mumbai se jonsberg kee south africa airways ke dvaara kee gayee yatra ka vernan. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This is post describes journey from Mumbai to Johansberg on south African Airways. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
सांकेतिक शब्द
साउथ अफ्रीका एयरवेज़,
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भाई हम तो घर में हाड़ौती खूब बोलते हैं और बाहर भी यदि बोलने वाला मिले। हिन्दी तो बोलते ही हैं। अंग्रेजी केवल तभी जब जरूरी हो।
ReplyDeleteek baar meri flight[sanfransisco]miss ho gayee tab afrika kiparichaarikaon ki bhianak awaj sunne ka mauka mila jo aaj bhi mujhe dara deti haiunkaa vyahaar kroor hota hai
ReplyDeleteइन बालाओं की कोई तस्विर भी दिखा देते.. :).. वैसे सही कहा हम ही मातृ भाषा से परहेज करते हैं..
ReplyDeleteरंजन
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऍं।
ReplyDeleteउन्मुक्त जी,
ReplyDeleteआपकी बात से जरा सा भी सहमत नहीं हूँ. कहने को तो आप यात्रा वर्णन कर रहे हैं, लेकिन लगता है दक्षिण अफ्रीका में जाकर भारत को भूल गए. तभी तो कह रहे हो कि हम लोग हिंदी में बात करना भी पसंद नहीं करते.
हाँ, हो सकता है कि आप ना चाहते हो हिंदी बोलना. लेकिन हम जैसे सभी भारतीय अपनी भाषा में ही बात करना पसंद करते हैं.
उन्मुक्त जी,
ReplyDeleteमै हमेशा हिन्दी मै ही बात करता हुं, या फ़िर जर्मन मै, यही हाल मेरे पुरे परिवार का है, जब भी भारत आता हू, मुझे हवाई अड्डे पर सभी अग्रेजी बोलने वाले ही मिलते है, ओर जिन से मेरा यही सवाल होता है भाई तुम्हे क्या मै विदेशी दिखता हू?? नही तो क्यो नही मेरे साथ अपनी भाषा मै बात करते?
कई बार टिकट चेक करवानी हो तो वहा भी अग्रेजी... मुझे तो पता है समाने वाला भारतीय है, लेकिन तब मै उस से जर्मन मै बात करता हूं, जो कि उसे बिलकुल नही आती, ओर वो हिन्दी मै जबाब देता है तो मे उसे डांट देता हूं कि अगर हिन्दी मै ही वोलना था तो मेरे नमस्कार करने पर आप अग्रेजी मै क्यो बोले? मुझे अपना नाम दो मै लुफ़्थांस से शिकायत करुंगा की आप के कर्मचारी ना तो हिन्दी बोलते है, ओर ना ही जर्मन?? तो उस समय उन सज्जन की बात सुननए लायक होती है.
आप की अफ़्रीका यात्रा बहुत सुंदर रहे हमारी शुभकामनाये
धन्यवाद
पूरी तन्मयता से पढ़ रहा हूँ जारी रहिये! सादर !
ReplyDeleteबहुत रोचक रहा ये विवरण भी
ReplyDeleteआपको २००९ के नए साल की शुभकामना
एक मजेदार किस्सा सुनाता हूं पटना एयरपोर्ट का.. मैं वहां से दिल्ली जा रहा था.. जो सबसे ज्यादा आरामदायक कपड़े मैं पहन सकता हूं वैसा ही पहने था जो कम से कम अंग्रेजी दा जैसा नहीं लग रहा था.. अब सामने एयरलाईंस कि जो स्टॉफ खड़ी थी वो मुझसे अंग्रेजी में कुछ कहने लगी और उनके चेहरा यह बता रहा था कि मुझे चिढ़ाने के लिये अंग्रेजी बोल रही हैं.. मैं भी कुछ देर तक नाटक करता रहा कि जैसे-तैसे उसकी बात समझ रहा हूं.. फिर जब कुछ ज्यादा होने लगा फिर मैं अचानक से फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगा और उसमें भी जानबूझकर ऐसे शब्द प्रयोग में लाने लगा जो बस डिक्सनरी में ही पाये जाते हैं या फिर शेक्सपीयर कि किताबों में.. और अब उसका चेहरा देखने लायक था और उसका चेहरा ये भी बता रहा था कि उसे आधी बात समझ में नहीं आ रही है.. :)
ReplyDeleteखैर यह तो रही अंग्रेजी कि बात.. आपका यह श्रृखला अच्छी जा रही है.. अगले पोस्ट के इंतजार में हूं.. :)
बहुत अच्छी पोस्ट! लिखते रहें।
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