Wednesday, January 21, 2009

साउथ अफ्रीका में अपराध - जनसंख्या अधिक और नौकरियां कम

इस चिट्ठी में जॉहन्सबर्ग हवाई अड्डे से प्रिटोरिया जाने का वर्णन है।

हमें किसी को जॉहन्सबर्ग हवाई अड्डे {नया नाम टैम्बो अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Tambo International Airport)} पर लेने आना था पर वहां हमें कोई नहीं मिला। मोबाइल से बात करने के बाद पता चले कि उन्हें सूचना मिलने में कुछ गड़बड़ हो गयी थी इसी लिये कोई नहीं आ सका था। 

मोबाइल से बात हो जाने के कुछ देर बाद, फारूक हमें  पर लेने आये। वह  बेहद मज़ेदार व्यक्ति निकले। उनको   साउथ अफ्रीका के बारे में अच्छा ज्ञान था।  वे हिन्दी में बात कर रहे  थे। उन्होंने बताया, 
'मेरे  बाबा सूरत में रहते थे।  वे पहले डरबन में  आये। उनका मकसद यहां पर व्यापार करने का था। शुरू-शुरू में खाली बोतले खरीद कर बेचते थे। उसके बाद कुछ पैसा इक्टठा करके उन्होंने मिठाई की दुकान शुरू कर दी।  यह दुकान 'मुल्ला स्वीट  मीट हाउस' नाम से आज भी  डरबन में चलती है। इसमें मुख्यत: गुजराती मिठाई बिकती है। इस दुकान को उनके चाचा चलाते हैं। इसमें इस समय एक रेस्ट्रां भी है।'


मैंने पूछा कि आप जॉहन्सबर्ग क्यों आ गये। उनका कहना था,
'मैं बचपन से डरबन में रहा और वहां पर रहते-रहते ऊब गया। इसलिए व्यापार करने जॉहन्सबर्ग  आ गया। मै टैक्सी/ ट्रैवल सर्विस चलाता हूँ।
मेरे पिता ऊर्दू बोल व लिख लेते थे। मेरी माँ गुजराती बोल और लिख पाती थीं और मैं  स्वयं अग्रेंजी, हिन्दी, ऊर्दू और गुजराती बोल लेता हूँ।'

रास्ते में फूलों के पेड़ मिले, जिसमें बैगनी रंग का बहुत सुन्दर फूल लगा हुआ था। फारूक के मुताबिक इसका नाम जगरांडा (Jagranda) है। यह सफेद और गुलाबी रंग का भी होता है।


कार में रास्ते भर रेडियों बज रहा था। इस प्रोग्राम को एक लड़की प्रस्तुत कर रही थी। वह बोलती तो अंग्रेजी में थी पर गाने हिन्दी के सुनवा रही थी। फारूक ने बताया, 
'यह साउथ अफ्रीका में भारतीयों द्वारा चलाया जाने वाला एक रेडियो स्टेशन है। इसका नाम लोटस (Lotus) कमल है। सबसे पहले भारतीय जिस पानी के जहाज द्वारा साउथ अफ्रीका गये थे उसका नाम लोटस था इसलिए इस रेडियो स्टेशन का नाम भी लोटस रखा गया है।'


फारुक के साथ जॉहन्सबर्ग से प्रिटोरिया  का सफर बहुत अच्छा बीता।  हम लोग जिस रोड़ पर  जा रहे थे,  वह  बेहद अच्छी व  साफ सुथरी थी। उसको देख कर लगता था कि साउथ अफ्रीका में बहुत प्रगति हुई है। वे हमसे कहीं आगे है पर यहां पर अधिकतर  सफेद  लोग ही दिखाई पड़े। 
 
जॉहन्सबर्ग में यह भी देखने को मिला

साउथ अफ्रीका में नौकरियां कम हैं और लोग ज्यादा है। इसी कारण यहां पर अपराध की संख्या बहुत अधिक है

भारत से चलते समय हमें बताया गया था कि यहाँ पर अपराध बहुत हैं पर वहाँ इतना सब कुछ व्यवस्थित देखकर यह नहीं लगा।  मैने फारूक से पूछा कि क्या यहां पर अपराध काफी ज्यादा हैं।  उन्होंने  कहा,
'यहां पर नौकरियां कम हैं और लोग ज्यादा है। यही कारण है कि यहां पर अपराध की संख्या  बहुत अधिक है।'

प्रिटोरिया में हमें, ग्राडन कोर्ट हैटफील्ड (Garden court Hatfield) में ठहरना था। वहाँ पहुँच कर लगा कि  क्यों न मैं ईमेल चेक कर लूँ।  बर्लिन (जर्मनी) यात्रा के दौरान, मैं जिस होटल में ठहरा था उस होटल के नीचे लॉज़ में एक कम्पूयटर रखा था जहाँ अन्तरजाल पर जाया जा सकता था इसके  इस्तेमाल करने के लिए कुछ पैसा नहीं देना पड़ता था। इसी तरह यहाँ भी एक कम्पूयटर था।  मुझे लगा कि यह भी   जर्मनी की  तरह मुफ्त होगा लेकिन पास जाकर उसकी नोटिस  पढ़ी तो उसमें लिखा था कि इसको प्रयोग करने के लिए आपको  १५ मिनट के लिए १५ रैंड (यानी की लगभग ९०/-रूपये) और आधे घण्टें के लिए २५ रैंड   देनें होगें।  अपना  देश समान्यता  में आधे घण्टें का दाम १५/-रूपया लगता है। मुझे लगा कि यह तो बहुत मंहगा है।


हम लोग  शाम को रात का खाना जल्दी खाकर सो गये क्योंकि अगले दिन सुबह ही हम लोगों को क्रुगर राष्ट्रीय पार्क जाना था। अफ्रीका में बहुत सारे पार्क है पर शायद क्रुगर  पार्क अफ्रीका का सबसे अच्छा और सबसे व्यवस्थित  जानवरों का पार्क है।

अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।। साउथ अफ्रीकन एयर लाइन्स और उसकी परिचायिकायें।।  मान लीजिये, बाहर निलते समय, मैं आपका कैश कार्ड छीन लूं।। साउथ अफ्रीका में अपराध - जनसंख्या अधिक और नौकरियां कम।।

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(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।


is post per johansburg airport se pretoria tak kee yatra ka vernan hai. yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This is post describes the journey from  Johansburg airport to Pretoria. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
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14 comments:

  1. अच्छी चल रही है यात्रा ! aage का इंतज़ार है !

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  2. हमारे यहाँ कोटा में जहाँ छात्र बहुत हैं 15 रुपए प्रतिघंटा से ले कर 5 रुपए प्रतिघंटा की दरें प्रचलित हैं। अपराध की बढ़ोतरी का मुख्य कारण बेरोजगारी तो है ही।

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  3. फिर क्या हुआ?

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  4. आपके साथ साउथ अफ्रीका घूमना बड़ा अच्छा लग रहा है .

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  5. जारी रखिये. पढ़ रहें है रोचक विवरण.

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  6. अनियंत्रित जनसंख्‍या सभी समस्‍याओं की जड है। यदि इसे नियंत्रित कर लिया जाए, तो सारी समस्‍याएं अपने आप समाप्‍त हो जाएंगीं।

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  7. आगे की यात्रा का इंतजार है।

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  8. यात्रा के मजे हम भी ले रहे है ।
    आजकल डरबन मे हमारी ननद रह रही है उन्हें हम इस दूकान का नाम जरुर बताएँगे ।

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  9. बहुत महंगा है नेट तो... :( यहाँ 15 रूपये में तो एक घंटा इस्तेमाल कर सकते. और 40 रूपये दैनिक में 24 घंटे :)

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  10. नौकरियां कम हैं और लोग ज्यादा है। इसी कारण यहां पर अपराध की संख्या बहुत अधिक है
    --------
    पर इस देश के चित्र तो बिहार छाप नहीं लगते!

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  11. जनाब मजा आ रहा है आप के लेख को पढ कर,वेसे तो मै बहुत अच्छी तरह से यहां के हालत से वाकिफ़ हूं,अगली कडी का इन्तजार

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  12. Plz translation provide kijiye!! In english!! its very typical hindi.. U composed using Hindi literature..english mein milega tho accha hoga..anyway, good experience!!

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  13. Sahana ji,
    My English is much better than my Hindi. It is easier for me to write in English than to write in Hindi. Yet, I have chosen to blog in Hindi as I want it to be popular on the Internet. I have already explained this by means of comment on your blog.

    Writing this in English will take so much of time that it is not worth it. However you can read it in Roman script: the widget on the right hand side explains that. You can get its translation by using Google translatio too. There are many who do the same. Though Google translation is not very good.

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  14. ok..Thanks for the guidance!! Ur Hindi Awesome!! No doubt about it..Within a very short while, ur magazine will be published and u will be crowned as a Great Writer, Scholar of Hindi Literature[Saying this From the Depth of my heart and I mean it when I say]!!

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