माइकेल क्राइटेन, मेरे प्रिय विज्ञान कहानी लेखकों में से एक हैं। उन्होंने एक रोचक उपन्यास 'द एन्ड्रौमिडा स्ट्रेन' नाम से लिखा है।
इस चिट्ठी में, कॉरौना वाइरस की चर्चा के साथ, इस पुस्तक की समीक्षा है।
वुहान शहर, मध्य चीन का सबसे महत्वपूर्ण शहर है। यह राजनीतिक, आर्थिक, वित्तीय, वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र माना जाता है। इसमें सैकड़ों अनुसंधान संस्थान, हाई-टेक उद्यम हैं। यहां पर कई उल्लेखनीय उच्च शिक्षा और शोद्ध के संस्थान भी हैं। लेकिन, आजकल कॉरोना वाइरस के कारण, न तो वहां, कोई जा सकता है न ही वहां से कोई बाहर आ सकता है
कॉरोना वाइरस चमगादड़ों से आया। लेकिन किस तरह से आया इसके बारे में कई किस्से हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि,
- चीनी चमगाद़ड़ खाते हैं। यह, इसी से, आया है पर यह तो वहां, बहुत समय से हो रहा है फिर अभी क्यों फैला।
- अमेरिकियों ने वहां फैलाया। लेकिन यह तो अपराध है और वहां बहुत से अमेरिकी हैं। वे अपने लोगों को क्यों मारना चाहेंगे।
- वुहान के संस्थानों, में चमगादड़ों से आने वाले वाइरसों पर शोद्ध हो रहा था और लापरवाही की वजह से, कॉरोना वाइरस फैल गया।
एक सैन्य उपग्रह, एरिज़ोना के रेगिस्तान में दुर्घटनाग्रसित हो जाता है और जो कर्मी दल उसे लेने जाता है उनकी वहीं मौत हो जाती है। बाद में पता चलता है कि जिस जगह सेटलाइट गिरी थी वहां के पास के कस्बे के लोग या तो मर गए या पागल हो गये या फिर उन्होंने आत्महत्या कर ली। केवल दो लोग बचे हैं - एक बच्चा और एक बड़ा व्यक्ति।
सैन्य सेटलाइट जैव-हथियारों पर शोद्ध करने के लिये ऊपरी वायुमंडल से वायरसों को पकड़ने के लिए बनाया गया था। लगता है कि सेटलाइट किसी घातक वायरस के साथ लौटा है जो खून के थक्के बना देता है, जिसके कारण लोगों की तुरन्त मृत्यु हो जाती है। इसका काट निकाला जाना जरूरी था। क्योंकि सारी मानव जाति पर खतरा मंडरा रहा था।
रेगिस्तान के नीचे, एक प्रयोगशाला में, सेटेलाइट और जो दो लोग बच गये हैं उनको ले जा कर, उन पर शोद्ध शुरू किया जात है। वाइरस एक प्लास्टिक की सील के अन्दर है। इस बात का एहतियात लिया जाता है कि यदि किसी कारण वायरस बाहर निकलता है तो पूरी प्रयोगशाला परमाणु विस्फोट से उड़ा दी जाय, ताकि सारे वाइरस समाप्त हो सकें।
लेकिन हर जीवन चक्र के साथ, वाइरस भी बदल रहा है। बदला हुआ वाइरस, प्लास्टिक की सील को भेद सकता है। इसी बीच, वैज्ञानिक यह कारण ढ़ूंढ लेते हैं कि दो लोग क्यों बच गये।
वाइरस संकुचित पीएच रेंज के अन्दर काम करता है यदि खून का पीएच मान अधिक या कम हो तब वाइरस काम नहीं करता। इसी लिये दो लोग बच गये थे। लेकिन जब तक, इस हल पर काम किया जा सके, वाइरस, प्लास्टिक को भेद कर, बाहर आने लगता है, जिसके कारण परमाणु विस्फोट की उलटी गिनती शुरू हो जाती है।
इसी बीच, पता चलता है कि परमाणु विस्फोट वाइरस को समाप्त न कर, उससे भी घातक वाइरस को जन्म दे देगा जिसका काट न तो उस समय संभव था न ही, परमाणु विस्फोट के कारण, उसे फैलने से रोका जा सकता था। इसलिये यह जरूरी हो गया कि परमाणु विस्फोट को रोका जाय। लेकिन क्या परमाणु विस्फोट रुक पायेगा। यदि नहीं रुक पाया तब क्या किया गया। यह आप स्वयं पुस्तक में पढ़ें।
यह बेहतरीन उपन्यास है। माइकेल ने, इससे पहले कई अन्य कहानियां और उपन्यास लिखे थे पर वह पेन नाम से थे। यह पहला उपन्यास था जो उसने अपने नाम से लिखा। यह सबसे ज्यादा बिकने वाला उपन्यास बना। इसने माइकेल को, बेहतरीन विज्ञान कहानियों के लेखकों की श्रेणी में रख दिया। बाद में, इस पर फिल्म भी बनी। यदि आपने पुस्तक नहीं पढ़ी तब अवश्य पढ़िये।
सांकेतिक शब्द
। Whuhan, Corona Virus। Michael Chricton, The Andromeda Strain
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