मुक्त विचारों का संगम, कभी खुशी कभी ग़म
इस चिट्ठी में, आजकल आयी गर्मी की लहर और उससे निजात पाने के उपायों पर चर्चा है।
हाय, हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह गरमी
उस पर, पानी की यह किल्लत
और साथ में, गुल बिजली