Thursday, July 20, 2006

१.३-४ पेटेंट - इतिहास

भाग-१: पेटेंट
पहली पोस्ट: भूमिका
दूसरी पोस्ट: ट्रिप्स (TRIPS)
यह पोस्ट: पेटेंट के इतिहास के बारे में

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इस चिट्ठी को आप 'बकबक' पर यहां और यहां क्लिक करके सुन सकते हैं। यह ऑडियो क्लिप, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
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  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में,
सुन सकते हैं।

मैने इसे ogg फॉरमैट क्यों रखा है यह जानने के लिये आप मेरी शून्य, जीरो, और बूरबाकी की चिट्ठी पर पढ़ सकते हैं। अब चलते हैं इस चिट्ठी पर।

‘पेटेंट’ का शब्द, लैटिन के शब्द Lilterae Patents से आया है । पेटेंट का अर्थ है ‘खुला’, और Lilterae Patents का शाब्दिक अर्थ है (Letters patents) या खुले पत्र। पुराने जमाने में शासको या सरकारों के द्वारा पदवी, हक, विशेष अधिकार पत्र के द्वारा दिया जाता था। यह शासकीय दस्तावेज होता था और इन्हे चूंकि सार्वजनिक रूप से दिया जाता था, इसलिए यह हमेशा ‘खुले’ रहते थे।

यूरोप में ६वीं शताब्दी में से इस तरह के पत्र दिये जाते थे। यह शासक की ओर से विदेशी भूमि की खोज तथा उस पर विजय के लिये जारी किये जाते थे। आजकल पेटेंट शब्द का प्रयोग आविष्कारों के संबंध में होता है। इस तरह का प्रयोग पहली बार १५वीं शताब्दी के आस-पास आया और सर्वप्रथम पेटेंट कानून जैसा इसे आज समझा जाता हैं, सबसे पहले १४ मार्च, १४७४ को वियाना सिनेट (Ventian Senate) के द्वारा को पारित किया गया।

पेटेंट आविष्कारकों को अनन्य (Exclusive) अधिकार देता है । यह बहुत जल्दी इटली से यूरोप के अन्य देशों तक फैल गया। जिन देशों के पास प्रौद्योगिकी नहीं थी, उन्होंने प्रौद्योगिकी को स्थापित करने के लिए विदेशी आविष्कारकों को पेटेंट देना शुरू कर दिया । इंगलैंड में पहले इसकी अवधि नहीं थी पर ब्रिटिश संसद ने १६२३ में नया कानून बनाकर इसे १४ वर्षो तक सीमित कर दिया।

अमेरिका के संविधान के अनुच्छेद १ अनुभाग ८ के अन्तर्गत अमेरिकी कॉग्रेस को विज्ञान और कलाओं की प्रगति के लिये कानून बनाने का अधिकार है । इस परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस ने १७९० में पहला पेटेंट कानून पारित किया । फ्रान्स ने इसके अगले वर्ष पेटेंट कानून बनाया। १९वीं शताब्दी के अंत तक अनेक देशों ने अपना (जिसमें भारतवर्ष भी सम्मिलित है) पेटेंट कानून बनाया ।

भारतवर्ष में पेटेंट कानून का इतिहास
भारतवर्ष में पहला पेटेंट सम्बन्धित कानून, १८५६ मे पारित अधिनियम था। इसे २५ फरवरी १८५६ को गवर्नर जनरल की अनुमति प्राप्त हो गयी थी पर यह कानून १८५७ में अधिनियम सं0 ९ के द्वारा इसलिये खारिज कर दिया गया कि इसे बनाने के पूर्व इंगलैंड की महारानी की मंजूरी नहीं प्राप्त की गयी थी।

नये अविष्कार के उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिये अधिनियम सं0 १५ सन १८५९, को पारित किया। बाद में यह Inventions and Designs Act 1888 के द्वारा प्रतिस्थपित कर दिया गया। इसके बाद १९११ में Indian Patents and Designs Act १९११ आया। 1967 में भारत सरकार ने पार्लियामेंट में पेटैंट बिल पेश किया जो Patent Act १९७० (पेटेंट अधिनियम ) के रूप में पास हुआ। पेटेंट अधिनियम को तीन बार निम्न प्रकार से संशोधित किया गया है ।

  • संशोधन अधिनियम सं. १७, १९९९ (१९९९ संशोधन);
  • संशोधन अधिनियम सं. ३८,२००२ (२००२ का संशोधन);
  • संशोधन अधिनियम सं. १५, २००५ (२००५ का संशोधन)।
यह तीनों संशोधन महत्वपूर्ण हैं, इनके बारे में आगे चर्चा होगी।
मेरा प्रयत्न रहेगा कि इस सिरीस की चिट्ठियां और इनकी ऑडियो क्लिपें, भारतीय समय के अनुसार हर बृहस्पतिवार की रात्रि को पोस्ट होंं। अगले बृहस्पतिवार को हम लोग नहीं मिल पायेंगे अब मुलाकात होगी उसके बाद के बृहस्पतिवार यानी कि ३ अगस्त को।

अन्य चिट्ठों पर क्या नया है इसे आप दाहिने तरफ साईड बार में, या नीचे देख सकते हैं।

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