Monday, February 18, 2008

क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है

प्रभू ईसा के जन्म दिन, २५ दिसंबर को मनाया जाता है। इसे क्रिस्मस कहा जाता है। भारत में यह, बड़ा दिन के नाम से जाना जाता है। ऐसा क्यों है। आईये इसी संदर्भ पर कुछ चर्चा करें।

मॉस्को के चर्च में, बड़े दिन पर आतिशबाजी यह चित्र बीबीसी के वेबसाइट के इस पन्ने से है और उन्हीं के सौजन्य से है।

यदि आप प्रभू ईसा के जन्म से जुड़ी कथाओं पर नजर डालेंगे तो वे अलग अलग साल, अलग अलग दिन की तरफ इंगित करती हैं। शायद, उनका जन्म सितंबर के महीने में हुआ था। फिर भी, इसे २५ दिसंबर का दिन मान लिया गया है। लोग, इसके अलग अलग कारण देते हैं:
  • इस दिन पहले से रोमन उत्सव मनाया जाता था जिसमें उपहार दिये जाते थे।
  • जब ईसाई सभ्यता पनपने लगी, तब यह दिन मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता था।
शायद, यह दोनो कारण सही नहीं हैं और कोई तीसरा कारण है।

आज चर्चा का यह विषय नहीं है कि इसे २५ दिसंबर को क्यों मान लिया गया है, आज बात है कि इसे बड़ा दिन क्यों कहा जाता है? यहां यह भी गौर करने की बात है कि २५ दिसंबर को केवल भारत में ही बड़े दिन के नाम से जाना जाता है। बाकी जगह इसे क्रिस्मस के नाम से ही पुकारा जाता है।

सूर्य साल एक में बार उत्तरी गोलार्ध से दक्षिणी गोलार्ध और वापस उत्तरी गोलार्ध आता है। सूर्य जब दक्षिणी गोलार्ध से, उत्तरी गोलार्ध के लिये वापस चलता है तो उसे सूर्य का उत्तरायर्ण होना कहा जाता है। हमारा जन्म सूर्य के कारण हुआ। सूर्य न होता तो जीवन ही नहीं होता। इसलिये सूर्य का महत्व हर सभ्यता में है। उत्तरी गोलार्ध में रहने वालों के लिये सूर्य का उत्तरायर्ण होना महत्वपूर्ण है। सूर्य के उत्तरायर्ण होते ही, उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़े होने शुरू हो जाते हैं। हिन्दुवों में इस दिन का खास महत्व है। पितामह भीष्म ने मरने का वह दिन चुना जब सूर्य को उत्तरायर्ण होना था। यह दिन भी बदल रहा है।

पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग २५,७०० साल में चक्कर लगाती है। इस कारण विषुव भी खिसक रहा है। इसे विषुव अयन कहा जाता है। इसके बारे में, मैंने विस्तार से अपनी 'ज्योतिष, अंक विद्या, और टोने टुटके' की इस चिट्ठी में किया है। ऐसे यह पूरी श्रंखला संकलित कर यहां पर है। इसी कारण सूर्य के उत्तरायर्ण का दिन भी खिसक रहा है। आजकल सूर्य के उत्तरायर्ण २२ दिसंबर को होता है। सूर्य का उत्तरायर्ण होना तीन दिन पहले, यानि कि २५ दिसंबर को, लगभग २१० साल पहले होता था।

जीतने के लिये, अपनी संस्कृति, सभ्यता, और धर्म कायम करो


किसी देश को जीतने के लिये सबसे अच्छा तरीका है कि वहां की संस्कृति, सभ्यता, धर्म पर अपनी संस्कृति, सभ्यता, और धर्म कायम करो। २१० साल पहले, अंग्रेजों ने भारत में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। यह वह समय था जब ईसाई धर्म फैलाने की जरूरत थी। अंग्रेज, यह करना भी चाहते थे। उस समय २५ दिसंबर वह दिन था, जबसे दिन बड़े होने लगते थे। हिन्दुवों में इसके महत्व को भी नहीं नकारा जा सकता था। शायद इसी लिये इसे बड़ा दिन कहा जाने लगा ताकि हिन्दू इसे आसानी से स्वीकार कर लें। यह केवल मेरा अनुमान है, यह गलत भी हो सकता है। यहां यह भी बताना उचित होगा कि शास्त्री जी इसका दूसरा कारण देते हैं।

१८८१ में सॅन्टा क्लॉस का चित्र यह विकीपीडिया से है और ग्नू स्वतंत्र अनुमति पत्र की शर्तों के अन्तर्गत प्रकाशित किया गया है।

मेरे विचार से, इसे बड़ा दिन कहने का जो भी कारण सही हो, वह कारण महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रभू ईसा महापुरुष थे। यह खुशी का दिन है। हम सब को इसे मनाना चाहिये। कुछ ऐसी बात यहां भी कही जा रही है।

मैंने यह श्रंखला प्रभू ईसा के जन्म के समय निकले तारे के बारे में चर्चा के कारण शुरू की थी अगली बार हम लोग उसी तारे के बारे में बात करेंगे।

बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।। प्रभू ईसा का जन्म बेथलेहम में क्यों हुआ?।। क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है।।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें: Click on the symbol ► after the heading.)
  • अंतरजाल की माया नगरी की नवीनतम कड़ी: समकक्ष कंप्यूटरों के बीच फायल शेयरिंग ( Peer to peer file sharing)
  • पुस्तक समीक्षा: माइक्रोब हंटरस् - जीवाणुवों के शिकारी (Microbe Hunters by Paul de Kruif)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

इस पोस्ट पर चर्चा है कि भारतवर्ष में, क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।

yah post per charchaa hai ki christmas ko bra din kyon kahaa jataa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about - why is chrismas called bara din in India. You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
Astronomy, Astronomy, bible, Bible, क्रिस्मस, बड़ा दिन, २५ दिसंबर,
culture, Family, fiction, life, Life, Religion, जीवन शैली, धर्म, धर्म- अध्यात्म, विज्ञान, समाज, ज्ञान विज्ञान,

6 comments:

  1. उन्मुक्त जी आप ने बहुत ही काम की बात कही कि...किसी देश को जीतने के लिये सबसे अच्छा तरीका है कि वहां की संस्कृति, सभ्यता, धर्म पर अपनी संस्कृति, सभ्यता, और धर्म कायम करो।**
    ओर अगंरेज इस पर कामजाब रहे हे,

    ReplyDelete
  2. ज्ञानवर्धन का आभार.

    ReplyDelete
  3. अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद। पोस्ट बहुत पसंद आई।

    ReplyDelete
  4. यह संयोग ही है कि बड़ा दिन और क्रिसमस साथ ही पड़ते हैं ,पर ईसाईयों और हिन्दुओं मे इसे अलग अलग रूप मे ही लिया जाता है .
    इन दोनों को मिला कर देखने की युक्ति दरअसल एक समन्वयवादी नजरिया है जिसके अपने निहितार्थ हैं .
    जानकारीपरक पोस्ट ......

    ReplyDelete
  5. बढि़या विश्‍लेषण है, बधाई,

    ReplyDelete
  6. विषय को एक नये कोण से देखने का अवसर मिला. आभार!

    ReplyDelete

आपके विचारों का स्वागत है।