Tuesday, January 29, 2008

भूमिका: बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां

मेरी नयी श्रंखला का नाम है - 'बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां'। इस श्रंखला को लिखने का मेरा कोई भी विचार नहीं था पर मैं तो चिट्ठाकार बन्धुवों के चक्कर में इसे लिखने के लिये फंस गया। यदि आप इस श्रंखला को पढ़ कर बोर होते हैं तो यह मेरी गलती नहीं है इसके दोषी हैं अरविन्द जी और शास्त्री जी - सारा दोष उन्हीं दोनो का है। उन्होने ही मुझे फांसा है :-) पर यह ऐसा फसुवल है जिसके फंसने में अपना ही मजा है। अब यह भी सुन लीजिये कि मैं कैसे फंसा।

बाईबिल का चित्र न्यूयॉर्क प्बलिक लाइब्रेरी से, और उन्ही के सौजन्य से है।

प्रभू ईसा का जन्म की सूचना, लोगों को, एक तारे के द्वार पता चली थी। इसी तारे के सहारे पूरब से तीन बुद्धिमान राजा उन्हें सम्मान देने बेथलेहम पहुंचे थे। अरविन्द जी के अनुरोध पर, शास्त्री जी ने इस तारे के बारे में एक चिट्ठी 'वह तारा क्या था' नाम से लिखी। अरविन्द जी ने उस पर टिप्पणी की,
'धन्यवाद शास्त्री जी, आपने तो और जिज्ञासा जगा दी है। मैं उन्मुक्त जी से भी सादर आग्रह करूंगा की वे इस अद्भुत घटना पर कुछ और प्रकाश डालें, यहाँ (यदि आप अन्यथा न लें और इसकी अनुमति दें तो) अथवा अपने चिट्ठास्थल पर।'

अरविन्द जी, विज्ञान कहानियों में रुचि रखते हैं और याहू पर, इंडियन साइंस फिक्शन (Indian Science Fiction), नाम के ग्रुप का संचालन रखते हैं। मैं भी विज्ञान कहानियों में रुचि रखता हूं और हमारी मुलाकात इसी कारण हुई।

एक बार उन्होने मेरी एक चिट्ठी 'विज्ञान कहानियों के मेरे प्रिय लेखक' पर टिप्पणी कि तो मुझे उनका नाम कुछ नया सा लगा। मैं भी उनके चिट्ठे Science Fiction in India पर गया तो प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। मैं सपने में भी नहीं सोचता ता कि भारत में कोई विज्ञान कहानियों से इतना प्रेम रखता होगा। बस उसी के बाद से उनसे ई-मेल के जरिये मित्रता शुरू हुई और बाद में अरविन्द जी ने भी हिन्दी में साईब्लाग [sciblog] नाम से चिट्ठा लिखना शुरू किया।

शास्त्री जी ने अरविन्द जी को उनकी टिप्पणी के संदर्भ में जवाब दिया,
'निश्चित रुप से उन्मुक्त जी से कहें। वे मुझ से अधिक विस्तार से लिखते हैं। इतना ही नहीं, हम दोनों को एक ही विषय के पूरक लेख लिखने की आदत है, अत: मुझे किसी भी तरह से बुरा नहीं लगेगा।'
यह शास्त्री जी का बड़प्पन की वे मेरे बारे में ऐसे विचार रखते हैं।


क्रैब निहारिका (Creab Nebula) नेब्युला का चित्र नासा (NASA) के सौजन्य से है।

अरविन्द जी ने शास्त्री जी का ई-मेल मेरे पास भेज दी। बस यही कहानी है मेरे फसने की। मैंने पहले सोचा कि इस तारे के बारे में अपने विचार रख कर छुट्टी पाऊं, फिर लगा कि यह अच्छा मौका है जब मै बात कर सकता हूं,
  • बाईबिल के कस्सों की,
  • उन किस्सों से जुड़े तथ्यों की एवं खगोलशास्त्र की, और
  • उन तथ्यों एवं खगोलशास्त्र से जुड़ी कुछ विज्ञान कहानियों की।

मैं यह श्रंखला तो लिख रहा हूं पर मैं इनमें से किसी भी विषय का विशेषज्ञ नहीं हूं। मैं तो फाइलें इधर उधर करने का विशेषज्ञ हूं :-) इनमें से पहले के विशेषज्ञ हैं शास्त्री जी, तो दूसरे के हैं आशीष जी (विज्ञान विश्व एवं अंतरिक्ष – मैं नहीं जानता कि इन दोनो चिट्ठों के लेखक आशीष श्रीवास्तव जी एक ही व्यक्ति हैं या अलग, अलग व्यक्ति), और तीसरे के हैं अरविन्द जी। मैं चाहूंगा यदि गलती हो तो यह लोग भी अपने चिट्ठे पर लिख कर गलती को दूर करें। ऐसे यदि टिप्पणी करके करेंगे तो भी चलेगा :-)


मैं यह भी चाहूंगा कि अरविन्द जी अपने चिट्ठे पर विज्ञान कहानियां क्या होती है हमें बताये। इसमें यह भी लिखें कि किस कहानी को विज्ञान कहानी कहा जाता है और विज्ञान कहानियों और अन्य कहानियों में क्या अन्तर होता है।

यह अमेज़िंग स्टोरीस् पत्रिका के पहले अंक, अप्रैल १९२६ का कवर है।

मैंने दूसरे और तीसरे चित्र का प्रयोग जान-बूझ कर किया है। इसका कारण भी आपको इस श्रंखला के अन्त होते, होते समझ में आयेगा।

इस श्रंखला में हम तीन विषयों - बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियों - पर चर्चा करेंगे। मैंने इस चिट्ठी में तीन चित्र, इन्हीं विषयों का प्रतिनिधित्व करने के लिये रखे हैं। दूसरे और तीसरे विषयों के लिये मैं कोई और चित्र भी प्रयोग कर सकता था पर मैंने दूसरे और तीसरे चित्र का प्रयोग जान-बूझ कर किया है। इसका कारण भी आपको इस श्रंखला के अन्त होते, होते समझ में आयेगा।

बाईबिल में तीन स्थान महत्वपूर्ण हैं,
  • नाज़रेथ जहां मां मरियम और जोसेफ रहते थे
  • बेथलेहम जहां प्रभू ईसा पैदा हुऐ
  • जेरूसलम जहां प्रभू ईसा को सलीब पर चढ़ाया गया था।
यदि मां मरियम और जोसेफ नाज़रेथ में रहते थे तो प्रभू ईसा के जन्म के समय मां मरियम और जोसेफ बेथलेहम क्या करने गये थे? क्या वहां मां मरियम का मायका था? कुछ यह भी चर्चा करेंगे कि प्रभू ईसा का जन्म किस साल हुआ था। यह सब अगली बार।

बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।।

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यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

यह पोस्ट नयी श्रंखला 'बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां' की भूमिका है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।

yah post meri nayee shrankhlaa 'bible, khagolshastra aur science khaniyon' kee bhoomika hai. yah {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is introduction of my news series 'Bible, Astronomy and Science fiction'. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
astronomy, bible, culture, Family, fiction, life, Life, Religion, science fiction, जीवन शैली, धर्म, धर्म- अध्यात्म, विज्ञान, समाज, ज्ञान विज्ञान,

8 comments:

  1. श्रृंखला रोचक रहेगी. लिखने के लिए साधूवाद.

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  2. चलिये, आपने रहस्य बुन दिया है। अब आगे की पोस्टों मे अनफोल्डमेण्ट देखते हैं!

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  3. इस रोचक श्रृंखला की हर कडी का इंतजार रहेगा।

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  4. मैं तो अभिभूत हूँ उन्मुक्त जी, आपने मेरी फरियाद सुन ली .आभारी हूँ कि आपने मेरे काम को ही प्रकारांतर से आसान कर दिया है .इस चिट्ठे की मैं बड़ी ही आतुरता से प्रतीक्षा कर रह रहा था ,बल्कि आपको याद भी दिलाने वाला था .दरअसल हिन्दी साहित्य मे विज्ञान कथाओं पर अपेक्षित ध्यान नही दिया गया इसके बावजूद कि राहुल सांकृत्यायन ,आचार्य चतुरसेन शास्त्री ,डॉ सम्पूर्णानंद सरीखे दिग्गजों ने भी अपनी विज्ञान कथात्मक कृतियों से इस ओर समकालीन साहित्यकारों का ध्यान आकर्षित किया .मुझे भी कम सुखद आश्चर्य नही हुआ था जब मैंने विज्ञान कथाओं वाले आपके चिट्ठे देखे -समान धर्मा के मिलने की खुशी शब्दों मे व्यक्त नही हो सकती .मुझे बहूत खुशी है कि अब आप के जरिये हिन्दी चिट्ठा जगत विज्ञान कथाओं के परिप्रेक्ष्य से भलीभाति अवगत हो सकेगा ,इस क्षेत्र मे भी हम लोग वैश्विक स्तर छू सकेंगे .मैं तो आपका अनुगामी हूँ आप कथा शुरू करें -मैंने अपने चिट्ठे पर विज्ञान कथा की कुछ मूलभूत बातें बता रखी हैं -आगे और भी विस्तार करूंगा ,अभी तो आपको ही पढने का उल्लास है -शास्त्री जी भी इस अनुष्ठान के प्रेरक रहे हैं पुण्य उन्हें भी मिलेगा .
    तो कदरदान ,मेहरबान, हिन्दी ब्लॉग के इतिहास के इस एक और उज्जवल पहलू के दीदार के लिए आप सब तैयार हो जायं ,उन्मुक्त जी विज्ञान कथा की चर्चा के साथ ही बहुत कुछ और बताने जा रहे हैं -आईये हम साक्षी बनें -
    तो ....उठौ राम भंजौ भव चापू ......उन्मुक्त जी,विज्ञान कथाओं और तारे के रहस्यों का अनावरण करें ......स्वागतम !!

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  5. Anonymous8:16 pm

    श्रृंखला रोचक रहेगी!!
    इस रोचक श्रृंखला की हर कडी का इंतजार रहेगा।

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  6. आप की कड़ियों का इन्तजार रहेगा।

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  7. चलिये हमारे कारण फंसे, लेकिन ऐसे विषय में फंसे जिस पर आप अनुसंधान करके आधिकारिक रूप से लिख सकते हैं.

    हर कडी का उत्सुकता से इंतजार रहेगा.

    विज्ञान कथा में मेरी बहुत रुचि रही है. आजकल स्टार ट्रेक को कामिक रूप में पढ रहा हूँ.

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  8. विज्ञान कथाओं के बहाने अरविंद मिश्र जी की चर्चा देख कर अतीव प्रसन्नता हुई। अरविंद जी मेरे प्रिय विज्ञान कथाकार हैं। बल्कि इस बात को यूं भी कहना चाहूंगा कि मेरी नजर में अरविंद जी हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ विज्ञान कथाकार है। यह उनकी प्रेरणा का ही कमाल है कि मैंने भी इस क्षेत्र में कुछ हाथ-पैर मारा है।
    अरविंद जी के बारे में मैं एक बात और भी कहना चाहूंगा कि वे जितने अच्छे विज्ञान कथाकार हैं उतने ही अच्छे व्यक्ति भी हैं। चाहे साहित्यिक आयोजनों की बात हो या फिर नए लोगों के उत्साहवर्धन की, वे सदैव सबसे आगे खडे दिखाई देते हैं।
    इस पोस्ट के लिए मैं अरविंद जी को मुबारकबाद देता हूं और उन्मुक्त जी को बहुत-बहुत धन्यवाद। आशा है यह श्रंख्ला आगे भी चलती रहेगी और इसी बहाने विज्ञान कथा एवं उससे जुडे नए-नए आयाम देखने को मिलेंगे।

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आपके विचारों का स्वागत है।