Wednesday, June 03, 2009

सेब, गेहूं खाने की सजा

इस चिट्ठी में, मज़हबों में सृष्टि और प्राणि जगत की उत्पत्ति की कथाओं की चर्चा है।
इसे आप सुन भी सकते है। सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाइल ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
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सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें। यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम लिखा है वहां चटका लगायें। इन्हें डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।


तेरह (Terah) मैसॉपॉटामिया (Mesopotamia) (आजकल का इराक) में रहता था। उसके तीन पुत्रों थे। जिसमें से एक, अब्राहम (इब्राहिम) (Abraham) (Ibrahim) था। कहा जाता है कि अब्राहम, नोआ (नूह) (Noah) की १०वीं पीढ़ी, और ऍडम (आदम) (Adam) का २०वीं पीढ़ी का वंशज था। उसके दो पुत्र हुए थे।
  • इस्माईल (Ishmael)
  • इश्हाक़ (Isaac)

इब्राहिम (अब्राहम) - इस्माईल के अनुयायी मुसलमान और अब्राहम (इब्राहिम) - इश्हाक़ के अनुयायी यूहदी हो गये।


यहूदी ऎसे भगवान पर विश्वास करते हैं जो सर्वशक्तिमान है पर वह निर्गुण है। उसका न कोई रूप है न ही वह कोई अवतार लेता है। हीब्र्यू बाइबिल (ओल्ड टेस्टामेन्ट) (Hebrew Bible) (Old testament) उनकी पवित्र पुस्तक है। 'बुक आफ जेनेसिस' इसकी प्रथम पुस्तक है। यह ब्रहमांड और प्राणि जगत की उत्पत्ति का वर्णन करती है। इसी में, आदम और हौव्वा (हौआ) की कथा है।


आदम और हौव्वा का यह चित्र विकिपीडिया से लिया गया है।

ईसा मसीह यहूदी थे। उनके उपदेश 'न्यू टेस्टामेन्ट' (New testament) में है। उनके उपदेशों का अनुकरण करने वाले इसाई कहलाये। बाइबिल इसाईयों की धार्मिक पुस्तक है। इसमें ओल्ड टेस्टामेंट और न्यू टेस्टामेंट दोनो हैं।


ईसा मसीह अपने को ईश्वर का पुत्र कहते थे, जिसने मानव का रूप लेकर जन्म लिया है। यह यहूदियों के निर्गुण भगवान की अवधारणा के विरूद्घ था। ईसा मसीह का यह कहना कि वे ईश्वर के पुत्र है, यहूदियों को ईश्वर की निन्दा और अपमान लगा। इसलिए उन्होंने ईसा मसीह को ईश-निन्दा (blasphemy) के लिए सूली पर चढ़ा दिया।



मुसलमान भी निर्गुण भगवान पर विश्वास करते हैं। सातवीं शताब्दी में, एक पैगम्बर मोहम्मद (Muhammad) हुऐ हैं। मुसलमानों के अनुसार, अल्लाह ने, मोहम्मद के द्वारा अपना संदेश दिया। यह कुरान (Qur'an) में है। इस सन्देश के द्वारा, पहले की सारी धार्मिक पुस्तकें, ज़बूर (Zabur) (Psalms) (Herbew Bible) (Old testament) {पैगम्बर दऊद (David) के उपदेश}, तौरैत (Tawrat) (Torah) (यहूदियों की धार्मिक पुस्तक), और इनजील (Injil) (New Testament) (बाइबिल) (इसाइयों की पवित्र पुस्तक) मंसूख कर दी गयीं हैं। कुरान ही अल्लाह का आखरी सन्देश है। इसी को मानकर चलना है न कि इसके पहले के सन्देशों को।


मोटे तौर से, इन मज़हबों की शुरूआत एक ही है। इनमें सृष्टि और प्राणी जगत के रचना की कहानी भी एक तरह से है। यह सब आदम और हौआ की कहानी पर विश्वास करते हैं। हांलाकि, यहूदियों और इसाईयों के अनुसार शैतान ने लालच देकर सेब खाने के लिये, तो मुसलमानों के अनुसार गेंहू खाने के लिये प्रेरित किया था। इसी कारण पर आदम और हौव्वा (हौआ) को जन्नत से निकाला गया।


ईसा से कोई १३०० से १७०० साल पहले (हांलाकि इस पर भी अलग, अलग मत हैं), फारस (Persia) (आजकल ईरान) में एक पैगम्बर जोरस्टर (Zoroaster) (Zartosht) (Zarathushtra) हुए हैं। उनके के उपदेशों को अनुकरण करने वाले जोरास्ट्रियन (Zoroastrian) कहलाये। लगभग १००० साल पहले, ईरान में, इन लोगों का दमन शुरू हो गया। कई लोग भारत आकर बस गये। यहाँ यह पारसी (Parsi) कहलाये। जो लोग, बाद में भाग कर भारत आये, वे ईरानी (Irani) कहलाये।


जोरास्ट्रियन भी निर्गुण भगवान अहूरा मज़दा (Ahura Mazda) पर विश्वास करते हैं जिसका कोई रूप नहीं है। उसी ने यह ब्रहमांड और प्राणि जगत बनाया है। उसने ब्रहमांड बनाने से पहले, अपने सहायक अमेशा स्पेन्टास् (Amesha Spentas) बनाये। मानव जाति में सबसे पहले उसने ग्योमर्ड (Gayomaerd) (Gayōmart) को बनाया जिनसे पहले दम्पति माश्या और माश्योइ (Mashya and Mashyoi) जन्मे। अहरिमान (Ahirman) शैतान है जो सबको समाप्त करना चाहता है। इस सृजन के ९००० साल बाद तीन पवित्र व्यक्ति आयेंगे। उस समय शैतान से लड़ाई होगी। इस लड़ाई में शैतान हारेगा, सारा अंधकार दूर होगा, पृथ्वी स्वर्ग बन जायेगी।


इन सारे मज़हबों के अनुसार ईश्वर ने ही ब्रहमांड, प्राणी जगत को बनाया और यह जिस रूप में बनाया गया वह उसी रूप में आज भी विद्यमान है। इसमें समय के अनुसार कोई भी परिवर्तन नही हुआ है। यानी इन सब में विकासवाद का कोई स्थान नहीं है। इनके अनुसार सृष्टि और प्राणी जगत की रचना पुरानी नहीं है। यह लगभग दस हजार साल के अन्दर की बात है।



जोरास्ट्रियन मज़हब के बारे में सूचना My Simple Book of Zoroastrianism by Lorraine N. Moos published by Business Communications, B-7/64 (main) Safdargunj Enclave New Delhi-110029 से ली गयी है।

क्या हिन्दू मज़हब में सृष्टि और प्राणि जगत की यही कहानी है? क्या यहां भी सृजनवाद है? इस सब की चर्चा अगली कुछ कड़ियों में।

डार्विन, विकासवाद, और मज़हबी रोड़े
भूमिका।। डार्विन की समुद्र यात्रा।। डार्विन का विश्वास, बाईबिल से, क्यों डगमगाया।। सेब, गेहूं खाने की सजा।।


About this post in Hindi-Roman and English






is chitthi mein majahbon mein srishti aur prani jagat ke utpatti katha kee charchaa hai. yeh hindi (devnaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks about stories of origin of life and life in different religions. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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9 comments:

  1. धर्मों की शुरुआत पर अच्छी पोस्ट ! बहुत अच्छी !

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  2. रोचक जानकारी ..शुक्रिया

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  3. आप का इस श्रंखला को आरंभ करने पर बहुत आभार। यह निहायत जरूरी जानकारियाँ हैं। ये उस समय के विचार हैं जब बाकायदे दर्शनशास्त्र का आरंभ नहीं हुआ था।

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  4. अगली कडी का बेसब्री से इंतजार

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  5. उन्मुक्त जी ' सृजन्वाद ' पर आगे आपके लिखे का इन्तेज़ार है !

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  6. हिन्दू धर्म दर्शन में सृजन और विकास की गुत्थी के बारे में भी जाना रोचक रहेगा ! यह कड़ी बहुत जानकारीपरक है ! शुक्रिया !

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  7. इस विषय पर आपके विचारों को पढकर अच्छा लगा।
    आपसे एक निवेदन है, आपके ब्लॉग पर पोस्ट के अलावा अन्य लिंक वगैरह इतने अधिक रहते हैं कि उससे पढने मे दिक्कत होती है।
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  8. कुछ जानकारियाँ और जोड़ना चाहूँगा. मुस्लिम धर्म के अनुसार ईसा मसीह(अ.), इब्राहिम(अ.), इसहाक(अ.) सभी मुस्लिम पैगम्बर थे. पैगम्बर मोहम्मद(स.) एक लाख चौबीस हज़ार पैगम्बरों में अंतिम हैं. और यह धर्म हमेशा से रहा है. पुरानी किताबें इसलिए मंसूख की गईं क्योंकि उनमें तहरीफ़ (changes) कर दिए गए थे.

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  9. Anonymous7:11 pm

    एकदम स्पष्ट जानकारी है पढ़कर बोहत अच्छा लगा सृष्टि के बारे में बोहत अच्छे और सटीक तथ्य हैं थैंक्स

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आपके विचारों का स्वागत है।