Tuesday, March 08, 2011

आप को कैसी फिल्में पसन्द हैं

ऍलिसन बेचडेल का चित्र विकिपीडिया से
किसी विचारधारा को समाज में पहुंचाने के लिये,  फिल्में और टीवी एक महत्वपूर्ण अंग हैं। फिल्में और टीवी कार्यक्रम किस प्रकार के हों जो महिला सशक्तिकरण को समाज में पहुंचा सकते हैं अथार्त - चर्चा बेचडेल टेस्ट की।



१० सितम्बर १९६० को जन्मी, ऍलिसन बेचडेल,  अमेरिकी हास्य चित्र बानाने वाली हैं। वे 'डाइकस् टु वॉच आउट फॉर' (डीटीडब्लूओएफ) नामक चित्र-कथाओं की जन्मदाता हैं। यह चित्रकथायें १९६३ से २००८ तक चली। इनका प्रकाशन कुछ समय के लिये रोक दिया  गया, क्योंकि बेचडेल अपने चित्रित उपन्यास (graphic novel) लव लाइफ (Love Life) को पूरा करना चाहती थीं।

'डाइकस् टु वॉच आउट फॉर' चित्र कथा,  अमेरिकी समाज में, महिला संलैंगिक को चित्रित करती है। यह इनके अधिकारों, समाज में इन्हें उचित स्थान दिलाने और नारिवाद के बारे में, एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस चित्रकथा के पात्र हैं - मो टेस्टा (मोनिका) Mo Testa (Monica), लॉइस मॅक गिवर (Lois McGiver) गिंजर जॉरडन (Ginger Jordan), स्पैरो पिड्जन (Sparrow Pidgeon), क्लैरिस क्लिफोर्ड (Clarice Clifford), टोनी ऑर्टिज़ (Toni Ortiz), डाक्टर सिडनी क्रुकोवसकी (Dr. Sydney Krukowski), और जेज़ाना रैमसे (Jezanna Ramsay)। बेचडेल अपनी बातें, इनके माध्यम से रखती हैं।
'उन्मुक्त जी आज तो अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस है। आप तो उन फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों की बात बताने वाले थे जो महिला सशक्तिकरण की विचारधारा को समाज में पहुंचा रहे हैं आप कहां महिला संलैंगिको को लेकर बैठ गये :-('
अरे कुछ धैर्य रखिये, इतनी भी क्या बेताबी है।

बेचडेल की चित्रकथा में एक जगह, एक पात्र, दूसरे पात्र से कहती है कि वह उन फिल्मों के देखती है जो कि निम्म तीन शर्तों को पूरा करे,
  1. इसमें कम दो महिला पात्र हों (It has to have at least two women in it);
  2. वे एक दूसरे से संवाद करें (Who talk to each other);
  3. यह संवाद, पुरुषों को छोड़, किसी अन्य बात पर हो (About something other than men)।
इसी को बेचडेल टेस्ट कहा गया। इससे पता चलता है कि फिल्मों में महिलायें की कितनी उपस्थिति है फिल्मों में उनके जीवन का कितना प्रतिनिधित्व है। जिस जगह यह संवाद हो रहा है वह यह रहा।

यह चित्र मेरा नहीं है पर मैंने यहां से लिया है।

मैं फिल्में कम देखता हूं और हिन्दी फिल्में नहीं के बराबर। मेरे यहां,  केबल टीवी भी नहीं है। इसलिये नहीं कह सकता कि हिन्दी की कौन सी फिल्में और टीवी के कौन से प्रोग्राम, इन शर्तों को पूरा करते हैं। लेकिन इन शर्तो को पूरा करने वाली अंग्रेजी फिल्मों की सूची यहां है। मैंने इसमें कई देखीं हैं हांलाकि कि मैं नहीं समझता कि इनमें से सारी इन शर्तों को पूरा करती है।

बेचडेल टेस्ट को यूट्य़ब में में देखें। यह बेहतर तरीके से समझ में आयेगा।



यह बात सच है कि फिल्में और टीवी प्रोग्राम समाज में परिवर्तन ला सकते हैं; वे नयी चेतना पैदा कर सकते हैं। क्या आप ऐसी हिन्दी फिल्में और टीवी प्रोग्राम के बारे में जानते हैं, जो बेचडेल टेस्ट की शर्तों को पूरा करता है। क्यों नहीं, उनके बारे में अपने चिट्ठों पर लिखते।

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महिला अधिकारों और अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मेरी अन्य चिट्ठियां



 
About this post in Hindi-Roman and English 
kisi vichardhara ko samaj mein phahunchane mein filmon aur tv ka yogdan mhatvapurn hai. yeh kis prakar ke hon taki yeh vichardhara samaj mein phunche - athhart charcha bachdel test kee.  yeh chitthi {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhe

This post talks about Bachdel test. It lays down simple test to find out presence of women in films and TV programmes and how much of their life is represented there.  It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द
Alison Bechdel, Dykes to Watch Out For,
। महिला अधिकार, नारिवाद, women's rights, women's lib, feminism,
culture, Family, Inspiration, life, Life, Relationship, जीवन शैली, समाज, कैसे जियें, जीवन, दर्शन, जी भर कर जियो,

9 comments:

  1. चित्रकथा की कथा से परिचय कराने का शुक्रिया.

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  2. ऍलिसन बेचडेल, और बेचडेल टेस्ट के बारे में रोचक जानकारी के लिए आभार

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  3. इस टेस्ट पर भारतीय फिल्मों के कितने अंक हैं?

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  4. बहुत सोचा फिर ले देकर कल्पना लाज़मी की रुदाली का ध्यान आया कुछ शुरुआती सीन ..जहां दो औरतें बात करती है, जीवन के बारे में, बिना किसी मर्द को केन्द्र में रखकर

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  5. चित्रकथा की कथा से परिचय कराने का शुक्रिया|

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  6. interesting post .....thanks unmukt ji

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  7. रोचक! शुक्रिया इसके बारे में जानकारी देने के लिये।

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