इस चिट्ठी में, राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य में दिखे, जानवरों और चिड़ियों की चर्चा है।
मगर |
चम्बल अभयारण्य
प्राणी-जगत (Anumal Kingdom) के, सरीसृप (Reptile) वर्ग (Class) का, एक गण (Order) का नाम क्रॉकडिलिया है। यह लगभह ७५० लाख साल पहले पृथ्वी में आये और पक्षियों के साथ इनका सबसे नजदीकी रिश्ता है। इस समय, इनकी २४ प्रजातियां हैं जो तीन कुल (Family) में बंटी हैं। इसमें से तीन प्रजातियां - मगर या मगरमच्छ (mugger crocodile or marsh crocodile), खाराजल मगरमच्छ (saltwater crocodile), और घड़ियाल (gavialis gangeticus or gavial) - अपने देश में पाये जाते हैं।
घड़ियाल |
खाराजल मगरमच्छ, क्रॉकडिलिया वर्ग का सबसे बड़ा सरीसृप है। घड़ियाल अपने देश मे पायी जाने वली तीनो प्रजातियों में सबसे छोटा है।
चित्र में पीछे चंबल का बीहड़ और पानी में मिट्ठी के दायें तरफ कछुआ |
चम्बल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य में मगर और घड़ियाल दोनो मिलते हैं। हमें बहुत से मगर, धूप सेकते दिखायी पड़े, पर घड़ियाल नहीं। उस दिन हवा चल रही थी। हमारे गाइड के अनुसार, जब हवा चलती है तो घड़ियाल पानी के अन्दर चले जाते हैं। हांलाकि एक घड़ियाल के थूथन के आगे, ऊपर का हिस्सा, पानी से निकला देखायी पड़ा। वहां पर हमें, गंगा सूंस (Dolphin) भी दिखायी पड़ी और बहुत सारे कछुऐ।
सुरखाब या चकवा |
हिन्दी का एक मुहावरा हृै 'सुरखाब के पर'। यह किसी अद्वितीय गुण, विशेषता या विलक्षणता को बताने के लिये प्रयोग में लाया जाता है। सुरखाब सुनहरे रंग का पक्षी है, जिसे को चकवा या चक्रवाक (Ruddy Sheldrake) भी कहा जाता है। इस मुहावरे का कारण शायद इस पक्षी के सुन्दर रंग की छटा के कारण है। इस मुहावरे के बारे में आप शब्दों के सफर में यहां विस्तार से पढ़ सकते हैं। वहां, हमने बहुत सारे इन पक्षियों को देखा।
सुरखाब के अलावा, वहां बहुत अन्य तरह तरह के पक्षियों को भी देखने का अवसर मिला। उन में से कुछ के चित्र यहां डाल रहा हूं। गाइड ने उनके नाम भी बताये थे लेकिन लिख नहीं पाया और अब याद भी नहीं रहे। मुझे प्रसन्नता होगी यदि कोई पाठक उनके नाम लिख सके
। National Chambal Sanctuary, राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य,
। Crocodilia, Mugger crocodile, Saltwater crocodile, Gharial, Ruddy shelduck,
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