Tuesday, January 09, 2007

गेहूं और हल्दी का लफड़ा: पेटेंट पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता

पहला भाग: पेटेंट
दूसरा भाग: पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम
तीसरा भाग: पेटेंट पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता
पहली पोस्ट: प्रस्तावना
दूसरी पोस्ट: बासमती चावल का झगड़ा
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गेहूं
यूलिवर नाम की कम्‍पनी गलेटी नामक गेहूं का बीज बनाती थी। इसे मोसेन्टो ने खरीद लिया। उसके पश्चात इस पर यूरोपियन पेटेंट कार्यालय के म्यूनिख कार्यालय से इस पर 21-5-2003 को एक पेटेंट प्राप्त किया। हमारे देश में नपहाल (Nap Hal) नाम का एक सामान्य किस्म का गेहूं होता है गलेटी में वहीं गुण हैं जो कि नपहाल में हैं इसका प्रयोग चपाती बनाने में किया जाता है। नपहाल में अन्य गेहूं की किस्मों से कम ग्लूटेन (Gluten) होता है जो इसकी Viscoelasticity को कम कर देता है। यह पकाने के दौरान कम फूलती है। यह कुरकुरे ब्रेड बनाने में प्रयोग किया जाता है। इस पेटेंट के खिलाफ कार्यवाही करने पर इसे 23-1-2004 को रद्द कर दिया गया।

हल्दी: Turmeric
हल्दी के कई गुण हैं इसमें कई तरह की बीमारियां जैसे कि वातज रोग (Rheumatoid) और जोड़ों का दर्द (Osteoarthritis) को ठीक करने की क्षमता है। इस पर कई तरह के पेटेंट मिल चुके हैं। इस पर एक पेटेंट, घाव भरने के लिए भी था। यह मार्च 1995में में दिया गया था। यह मिस्सीसिप्पी विश्वविद्यालय में दो भारतीयों को दिया गया। हमने (भारतवर्ष ने) पूर्व कला के आधार पर इस पेटेंट को चुनौती देते हुए यू.एस.पी.टी.ओ. के यहां एक आपत्ति दाखिल की। इस आपत्ति को स्वीकार कर लिया गया और यह पेटेंट रद्द कर दिया गया है।

3 comments:

  1. bhut gyan ki baate hai aur gharelu bhi,sir patent ka lafda to abhi kaafi hhona baaki hai lekin Economical growing power ho ne kaaran hame rahat aab milni chahiye.

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  2. Anonymous3:09 pm

    चुनौती के लिए मिली सफलता के लिए बधाई स्वीकारें। नेक कार्य।

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  3. पेटेंट रद्द करवाई की बधाई!

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